अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

जासूसी के लिए 986 करोड़ का पेगासस जैसा नया स्पाईवेयर खरीदने की तैयारी में सरकार

Share

नई दिल्ली

भारत सरकार पेगासस जैसा नया स्पाईवेयर तलाश रही है। पेगासस को अमेरिकी सरकार ब्लैकलिस्ट कर चुकी है और भारत में भी यह स्पाईवेयर विवादों में रह चुका है, ऐसे में सरकार पेगासस की प्रतिद्वंद्वी सॉफ्टवेयर कंपनियों से डील के बारे में बात कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रीस-इजराइल समेत दुनिया की 12 सर्विलांस कंपनियां भारत सरकार के सामने बोली लगा सकती हैं।

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के डिफेंस और इंटेलिजेंस अधिकारी पेगासस बनाने वाली कंपनी NSO का कोई ऐसा कॉम्पिटिटर खोज रहे हैं जो इतना चर्चा में न रहा हो। माना जा रहा है कि सरकार नए स्पाईवेयर के कॉन्ट्रैक्ट के लिए 12 करोड़ डॉलर (986 करोड़ रुपए) तक खर्च करने को तैयार है। इसके लिए करीब 12 कंपनियां बोली लगा सकती हैं।

इन देशों की स्पाईवेयर फर्म भी लगा सकती हैं बोली
इन दोनों कंपनियों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, इटली, फ्रांस, बेलारूस और साइप्रस की स्पाईवेयर फर्म भी इसमें बोली लगा सकती हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के पास ऐसे ही स्पाईवेयर हैं, जिन्हें प्राइवेट मिलिट्री कॉन्ट्रैक्टर्स ने नहीं बल्कि देश की ही इंटेलिजेंस एजेंसी ने डेवलप किया है।

भारत को इजराइली कंपनियों के स्पाईवेयर में ज्यादा इंटरेस्ट
यह भी जानकारी सामने आई है कि भारतीय अधिकारी कई स्पाईवेयर में इंटरेस्ट दिखा रहे हैं, जिनमें से अधिकतर को इजराइली कंपनियों ने बनाया है। इजराइल में सबसे एडवांस स्पाईवेयर कंपनियां मौजूद हैं, जो यहां की मिलिट्री के साथ मिलकर स्पाईवेयर बनाती हैं।

स्पाईवेयर के ऑप्शन में क्वॉड्रीम (Quadream) और कॉग्नाइट (Cognyte) शामिल हैं। क्वॉड्रीम को लेकर इजराइली अधिकारियों का कहना है कि वॉशिंगटन पोस्ट के जर्नलिस्ट जमाल खशोगी की मौत के बाद इस स्पाईवेयर को सऊदी असर में बेचे जाने का अप्रूवल मिला था।

कॉग्नाइट को लेकर मेटा की इन्वेस्टिगेशन में बड़े स्तर पर स्पाईवेयर के दुरुपयोग की बात सामने आने पर नॉर्वे के सॉवरीन वेल्थ फंड ने इसका स्टॉक हटा दिया था और अमेरिका की वेरिंट कंपनी ने इसे अपने स्टॉक से अलग कर दिया था।

ग्रीस के स्पाईवेयर प्रेडेटर का नाम जासूसी कांड में आ चुका
इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि भारतीय अधिकारी ग्रीस की कंपनी Intellexa का स्पाईवेयर खरीदने के बारे में सोच रहे हैं। इस कंपनी ने इजराइली मिलिट्री के पूर्व अधिकारियों की मदद लेकर प्रेडेटर (Predator) नाम का स्पाईवेयर तैयार किया है।

इस स्पाईवेयर का पहले से ही एक जासूसी कांड में नाम आ रहा है, जिसमें ग्रीस के स्पाई चीफ और प्रधानमंत्री भी फंसे हुए हैं। सिजिटन लैब और फेसबुक के मुताबिक, प्रेडेटर कई ऐसे देशों में ऑपरेशनल है जहां मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। इन देशों में मिस्र, सऊदी अरब, मेडागास्कर और ओमान शामिल हैं।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें