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पेंशन की राशि साढ़े सात हजार रुपए करने की तैयारी में सरकार

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भोपाल। जिस समय आदमी काम करने लायक नहीं रह जाता है, तब उसे सर्वाधिक जरुरत पैसे की होती है। अगर कर्मचारी है, तो उसे बुढ़ापे में पेंशन से काम चलाना पड़ता है। इसकी वजह है वृद्धावस्था में बीमारी से लेकर तमाम तरह की परेशानी होती है,  लेकिन प्रदेश के लाखों कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें सेवानिवृत्त होने के बाद तीन अंकों में पेंशन मिल रही है, यानि की एक हजार रुपए से कम। इनमें निजी कंपनियों, कारखानों , उपक्रमों में काम करने वाले लोगों की पेंशन से जुड़ी मुश्किल कम होने की जगह बड़ती ही जा रही है।  यही वजह है कि अब इनकी परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार ईपीएफ के दायरे में आने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों की कम से कम पेंशन की राशि साढ़े सात हजार रुपए करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।

अगर केन्द्र पेंशन वृद्धि का फैसला कर लेता है, तो बुढ़ापे में पूर्व कर्मचारियों को बढ़ी राहत मिल जाएगी। केन्द्र के इस निर्णय से प्रदेश के करीब दो लाख लोगों को सीधा फायदा मिल जाएगा। उल्लेखनीय है कि न्यूनतम वेतन वृद्धि के लिए भगत सिंह कोश्यारी कमेटी की सिफारिश 12 साल से लंबित है। दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में ईपीएफ के चार लाख से ज्यादा पेंशनर्स हैं। इनमें से आधे यानी 2 लाख लोगों को 1000 से भी कम पेंशन मिल रही है। 75 हजार रिटायर्ड कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें 2000 से भी कम पेंशन मिल रही है। यह आंकड़े किसी निजी संस्था या संगठन के नहीं बल्कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के ही हैं। ईपीएफ मामलों के जानकार चंद्रशेखर परसाई बताते हैं, कि न्यूनतम पेंशन 3000 करने का मामला पिछले 12 साल से राज्यसभा में लंबित है। 2013 में संसद में न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग के बाद तत्कालीन यूपीए सरकार ने तत्कालीन सांसद भगत सिंह कोश्यारी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने न्यूनतम पेंशन 3000 करने की सिफारिश की थी। तब से आज तक इस सिफारिश पर अमल ही नहीं किया गया। इससे पेंशनरों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है।
हो चुके हैं अब तक दो दर्जन बार आंदोलन
देश के सबसे बड़े संगठन ईपीएस रिटायर्ड एम्पलाइज नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भीमराव डोंगरे का कहना है कि न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर 12 साल में 27 बड़े आंदोलन किए जा चुके हैं। इसके बावजूद कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।
देशभर में यह स्थिति
डोंगरे के मुताबिक देश में 36 लाख 48 हजार 414 रिटायर्ड लोगों को 1000 से भी कम पेंशन मिल रही है। 11 लाख 73 हजार 158 लोगों को? 1000 से 1500 रुपए के बीच पेंशन मिल रही है। 8 लाख 68 हजार 443 लोगों को 2000 से कम और 13 लाख 73 हजार 91 लोगों 2000 से 2500 रुपए के बीच पेंशन मिल रही है। केन्द्र सरकार के एक फैसले से इन सभी को बड़ी राहत मिल जाएगी।
प्रदेश में यह स्थिति
50,000 पेंशनरों को 3000 तक पेंशन मिल रही है। 50 हजार रिटायर्ड कर्मचारियों को 3000 से ज्यादा पेंशन मिल रही है। 25000 रिटायर्ड अधिकारी-कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें 4000 से ज्यादा पेंशन मिल रही है। प्रदेश में ईपीएफ के दायरे में आने वाले 36 लाख अंश दाता यानी कर्मचारी अधिकारी हैं।

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