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सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की 2 एकड़ भूमि वापस करे सरकार

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उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और  और देश के प्रधानमंत्री की सांकृतिक  प्रतिबद्ताओं पर प्रश्नचिन्ह लगाता है विद्युत विभाग को किया गया भूमि आवंटन*

*-डॉ सुनीलम

 वाराणसी के सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के क्रीडा संकुल के समीप, विश्वविद्यालय परिसर स्थित भूमि का विद्युत विभाग को दिये गये पट्टे को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान संघर्ष के अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव एवं मध्यप्रदेश में   सपा विधायक दल के विधान सभा में नेता रहे  डॉ. सुनीलम ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।

        मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे गए पत्र में उन्होंने कहा कि वे 7 दिसंबर 22 को वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय गए थे। वहां उनकी मुलाकात  भूमि बचाओ संघर्ष समिति, अध्यापक संघ, अध्यापक परिषद् , कर्मचारी संघ, छात्र संघ आदि आंदोलनरत संगठनों के प्रतिनिधियों से हुई । आंदोलनरत संगठनों के प्रतिनिधियों ने उन्हें बताया कि सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी संस्कृत जगत की सबसे प्राचीन एवं महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्था है। ईसवी सन् 1791 से बनारस संस्कृत पाठशाला के रूप में स्थापित होकर वर्तमान में विश्वविद्यालय के रूप में इसकी पहचान संस्कृत और संस्कृति के क्षेत्र में सम्पूर्ण विश्व में है। चूंकि यह विश्वविद्यालय आकार में छोटा है अत: इसका और विस्तार आवश्यक है। यह दुखद है कि इसी विश्वविद्यालय की 2 एकड़ भूमि वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा विद्युत विभाग को पट्टा पर दी गयी है। जिससे न केवल विश्वविद्यालय परिवार अपितु सम्पूर्ण संस्कृत जगत और वाराणसी का नागरिक समाज आहत है। जिला प्रशासन के इस कदम से परिसर का स्वरूप तो नष्ट होगा ही, साथ ही साथ इसके बगल में स्थित छात्रावास, कर्मचारी आवास में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ेगा और बगल में ही क्रीडा प्रांगण होने से सदैव दुर्घटना की आशंका भी बनी रहेगी। विश्वविद्यालय के इसी भूमि पर गेस्ट हाउस, बी०एड भवन, छात्रावास के निर्माण का प्रस्ताव भी शासन को पूर्व में ही प्रेषित किया गया है।

        डॉ सुनीलम ने  पत्र में कहा कि  भा ज पा के  ही शासन काल में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी का विस्तार होने के स्थान पर सीमित करने का प्रयास किया जाना  सीधे सीधे उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री  और स्थानीय सांसद और देश के प्रधानमंत्री की सांकृतिक  प्रतिबद्धताओं पर प्रश्नचिन्ह लगाता है ।

    डॉ सुनीलम ने  कहा कि  विश्वविद्यालय की 2 एकड़ भूमि के पट्टा निरस्तीकरण के लिए भूमि बचाओ संघर्ष समिति, अध्यापक संघ, अध्यापक परिषद् , कर्मचारी संघ, छात्र संघ  द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन का किसान संघर्ष समिति पुरजोर  समर्थन करती है।

आंदोलन तेज होने की स्थिति में किसान संघर्ष समिति के अन्य जिलों और राज्यों के साथी आंदोलन के समर्थन में उतरेंगे।

भागवत परिहार

किसान संघर्ष समिति, मुलतापी

9752922320

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