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मुस्लिम विरोधी हिंसा पर तुरंत रोक लगाए सरकारें: जमाअत इस्लामी हिन्द

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नई दिल्ली,: पिछले दो-तीन दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में मुस्लिम विरोधी हिंसा का बढ़ना गंभीर चिंता का विषय है. एक ही दिन, कम से कम आठ या नौ राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा) से हिंसात्मक घटना की खबरें मिलीं। इन सभी जगहों पर एक ही पैटर्न देखने को मिलता है कि पहले त्योहार के मौके पर जुलूस निकाले गए, इन जुलूसों में विशेष झंडे लहराए गए, हथियार, विशेष रूप से तलवार और चाकू खुले तौर पर लहराए गए, मुसलमानों और इस्लाम के खिलाफ भड़काऊ और दिल को आघात करने वाले नारे लगाए गए। कुछ मस्जिदों को भी नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश की गयी । कुछ जगहों पर मुसलमानों की संपत्ति और व्यापार को भी नुकसान पहुंचाया गया। आगजनी और लूटपाट की घटनाएँ भी नोट की गईं। ये सभी घटनाएँ देश में अशांति और नफरत के बढ़ते माहौल को दर्शाती हैं। इससे भी अधिक दुख की बात यह है कि कुछ राज्य सरकारें अपने कार्यों से अब लोगों में यह एहसास पुस्ट कर रही हैं कि वे देश के एक खास लोगों की सरकार हैं, जबकि सरकारों को सभी नागरिकों के साथ उचित व्यवहार करना चाहिए। उनका यह रवैया बदमाशों के हौसले को और मजबूत करता रहा है। कई जगह से खबरें आ रही हैं कि पुलिस दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय पीड़ितों को ही निशाना बना रही है। बड़ी संख्या में निर्दोष मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया जा रहा है और उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में घोर क्रूरता है जहां बुलडोजर से लोगों के घर गिराए जा रहे हैं। जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने मीडिया को जारी अपने बयान में कही। उन्हों ने कहा कि जमाअत इन घटनाओं की कड़ी निंदा करती है और समझती है कि ये घटनाएं देश भर में फैलाई जा रही नफरत की उपज हैं। अपने जहरीले भाषणों के लिए जाने जाने वाले कुछ राजनीतिक नेता भी रक्तपात के लिए जिम्मेदार हैं। उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। ये चल रही घटनाएं सरकार और प्रशासन में जनता के विश्वास को ख़त्म कर रही हैं। केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह संज्ञान ले और राज्य सरकारों से आह्वान करे कि वे हिंसा के लिए जिम्मेदार तत्वों के साथ-साथ सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ समय पर और कड़ी कार्रवाई करें। जो पुलिस अधिकारी सुस्ती और पक्षपात कर रहे है उनके खिलाफ भी कार्रवाई ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि पहले दिन से ही इन सभी क्षेत्रों में शान्ति और कानून-व्यवस्था की स्थापना के लिए काम कर रही है। जमाअत के अधिकारीगण राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस के साथ संपर्क करने और प्रभावी कार्रवाई के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में जमाअत का एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल भी पहुंच रहा है जहां ज्यादा नुकसान हुआ है। नागरिक समाज, विभिन्न धर्मों के नेताओं आदि के सहयोग से इन क्षेत्रों में कानून व्यवस्था स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। ज़ालिमों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और उत्पीड़ितों को कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। आज जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष (अमीर)) ने अपने सभी राज्यों के अमीरों के साथ बैठक की और स्थिति की समीक्षा की साथ ही इन परस्थितियों में जमाअत के द्वारा उठाए गे क़दमों का जायज़ा लिया और सम्बंधित राज्यों के अमीरों और जमाअत के सम्बंधित केंद्रीय विभागों को आवश्यक निर्देश दिए। उनके अनुसार, परेशानहाल पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान करने, उत्पीड़कों और दंगाइयों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।

इंजीनियर मुहम्मद सलीम ने कहा कि जमाअत इस्लामी हिन्द आम मुसलमानों से अपील करती है कि देश की मौजूदा स्थिति में विवेक, धैर्य और न्याय के उच्चतम मूल्यों का पालन करते हुए देश और समाज का निर्माण जारी रखें। किसी भी प्रकार के उकसावे या भय से उत्तेजित न हों। बिना किसी मनोवैज्ञानिक दबाव के कानून के भीतर स्थिति से संघर्ष करें और न्यायसंगत लोगों की मदद से स्थिति को सुधारने का प्रयास करते रहें। नफरत की जगह प्यार बांटकर नफरत का मुक़ाबला करें, यही इस्लामी शिक्षाएं हैं और यही पैग़म्बर  मोहम्मद (स. अ. व.) का आदर्श भी। इस पवित्र महीने में हम सब स्थिति की बेहतरी के लिए और देश में शांति और व्यवस्था के लिए ईश्वर के दरबार में विशेष प्रार्थना करें । जमाअत इस्लामी हिन्द देश के तमाम राजनितिक दलों के प्रतिनिधियों, विभिन्न धर्मों के रहनुमाओं, सिविल सोसाइटी और सभी सदाशयी लोगों से अपील करती है कि वे अपनी जिम्मेदारी महसूस करें और कानून व्यवस्था बनाए रखने और नफरत, जहरीले भाषण और हिंसा के निरंतरता को रोकने के लिए सक्रिय भूमिका अदा करें।

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