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*ग्रामीण भारत बंद को इंदौर में भी मिला समर्थन*

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 *किसानों मजदूरों ने पहले की सभा, बाद में किया प्रदर्शन, दिया ज्ञापन*

 इंदौर। संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय श्रम संगठनों के संयुक्त आव्हान पर आज ग्रामीण भारत बंद को जहां पूरे देश भर में समर्थन मिल रहा है ,वही इंदौर में भी विभिन्न किसान संगठनों और मजदूर संगठनों ने गांधी हाल में एकत्रित होकर बड़ी सभा की तथा संभाग आयुक्त  कार्यालय प्रदर्शन कर अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा ।

गौरतलब है की संयुक्त किसान मोर्चा ने एसपी की गारंटी सहित सभी लंबित मांगों को लेकर आज ग्रामीण भारत बंद का आवाहन किया है। किसानों ने आज अपनी उपज बिक्री के लिए मंडी में नहीं लाए। इसका असर इंदौर में भी पड़ा ।

आज सुबह से ही किसानों और मजदूरों के जत्थे गांधी हाल प्रांगण में एकत्रित होना शुरू हो गए थे और दोपहर में हुई सभा को संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश के अध्यक्ष बादल सरोज, अरुण चौहान ,रामस्वरूप मंत्री, प्रमोद नामदेव, अरविंद पोरवाल, हरिओम सूर्यवंशी,कविता सोलंकी, कैलाश लिंबोदिया, सोनू शर्मा, बबलू जाधव दीक्षा यादव सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया। करीब 2 घंटे चली सभा में वक्ताओं ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने किसानो और मजदूरों के साथ छल किया है और जो वादे किए हैं उन वादों को पूरा नहीं किया है उसी के परिणाम स्वरुप किसानों और मजदूरों को फिर से सड़क पर उतरना पड़ा है ।आज अभूतपूर्व आंदोलन हुआ है और पहली बार किसान और मजदूरों की एक जुटता ने सरकार को हिला कर रख दिया है ।

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से शैलेंद्र पटेल ,चंदन सिंह बड़वाया, भारत सिंह चौहान,सुमीत सोलंकी, कविता सोलंकी, सीएल सर्रावत, सोहन यादव, कामरेड नीमगांवकर, सुश्री पंचशीला, अर्शी खान, भागीरथ कछवाय, मनीष ठक्कर, रेखा सुर्वे, सहित विभिन्न ट्रेड यूनियन और किसान संगठनों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल थे ।बड़ी संख्या में सेवा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन में भाग लिया ।

सभा के बाद सभी एकत्रित किसान और मजदूर रैली बनाकर कमिश्नर कार्यालय पहुंचे तथा वहां पर मुख्यमंत्री के नाम संभाग आयुक्त को ज्ञापन सोपा तीन अलग-अलग दिए गए ज्ञापनों में मांग की गई है कि एसपी की गारंटी देने वाला कानून तत्काल बनाया जाए भूमि अधिग्रहण पर चार गुना मुआवजा दिया जाए। किसानों को ₹10000 पेंशन दी जाए। मनरेगा में अनिवार्य रूप से 200 दिन काम और₹600 प्रति दिन मजदूरी का प्रावधान किया जाए ।4 वर्ष से प्याज और सोयाबीन की भावांतर बकाया राशि का भुगतान तत्काल किया जाए। इंदौर में 186 किसानों के बकाया पौने तीन करोड रुपए का भुगतान मंडी निधि से किया जाए ।घोड़ा रोज़ की समस्या को युद्ध स्तर पर समाधान किया जाए।

ज्ञापन में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के संयुक्त किसान मोर्चा के साथ 27 किसान संगठन जुड़े हैं तथा संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किसानों और मजदूरों के मुद्दों को लेकर अहिंसात्मक तरीके से आंदोलन किये जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में  किसान नेताओं की धारा 151 के तहत गिरफ्तारी की गई है। जो अनावश्यक, अलोकतांत्रिक एवं संविधान विरोधी है।हम संयुक्त किसान मोर्चा एवं श्रमिक संगठनों द्वारा 16 फरवरी के ग्रामीण बंद और औद्योगिक हड़ताल का समर्थन करते हैं।

      मध्य प्रदेश सरकार किसानों को सभी कृषि उत्पादों की एमएसपी (सी-2 + 50%) पर खरीदी  की कानूनी गारंटी,

 सभी किसानों की सम्पूर्ण क़र्ज़ा मुक्ति, किसानों को प्रति माह 10 हजार रुपए पेंशन देने, राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम वेतन प्रति माह 26,000 रूपये कराने,  मजदूर विरोधी चार श्रम संहिता वापस लेने, 

मनरेगा मजदूरों को 200 दिन, 600 रूपये प्रतिदिन की मजदूरी देने, अनावारी की इकाई पटवारी हल्का की जगह किसान का खेत बनाने, आवारा पशुओं से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा देने की मांग करते रहे हैं ।

भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि गेहूं की समर्थन मूल्य पर 2700 रुपए प्रति क्विंटल से खरीदी की जाएगी। लेकिन सरकार बनने के बाद सरकार ने यह वादा पूरा नहीं किया है अतः मांग करते हैं कि मध्य प्रदेश की सभी मंडियों में गेहूं की खरीदी सट्टा 2700 रुपए प्रति क्विंटल पर ही की जाए।

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