ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे से हटाए गए कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा लगातार सफाई पेश कर रहे हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान मिश्रा रोने लगे और कहा कि उन्होंने सभी कामों को पूरा किया, जो उन्हें दिए गए थे। खास बात है कि वकील पर सर्वे मामले की जानकारी लीक करने के आरोप लगे थे। उन्होंने स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह पर भी आरोप लगाए थे।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, मिश्रा बातचीत के दौरान रो पड़े। उन्होंने कहा, ‘मैंने पूरी ईमानदारी के साथ काम किया है और जो भी विशेष अदालय आयुक्त विशाल सिंह ने मुझसे करने के लिए कहा, मैंने किया। इसके बाद भी मुझ पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया गया। उन्होंने कोर्ट जाने से पहले मुझे बताया भी नहीं।’
कोर्ट ने वकील के व्यवहार को ‘गैर-जिम्मेदाराना’ बताया था और जोर दिया था कि कोर्ट की तरफ से नियुक्त अधिकारी को जनता के सेवक के रूप में काम करना चाहिए। कोर्ट ने कहा, ‘लेकिन मिश्रा ने निजी कैमरामैन नियुक्त किया, जो जानकारी लीक कर रहा था।’ रिपोर्ट के अनुसार, मामले में मुस्लिम पक्ष भी लगातार अजय मिश्रा पर पक्षपात करने का आरोप लगा रहा था। साथ ही पहले भी उन्हें हटाए जाने की मांग की गई थी।
सिंह ने बुधवार को कहा कि उन्होंने केवल कैमरा पर्सन के बयान को लेकर सफाई की मांग की थी। उन्होंने कहा, ‘अजय मिश्रा को हटाया नहीं गया था। वह अभी भी हमारी टीम में हैं। वह सर्वे पर अपनी स्वतंत्र रिपोर्ट जमा करेंगे, जो उन्होंने 6 मई और 7 मई को किया था। चीजें प्रक्रिया के हिसाब से आगे नहीं बढ़ रही थी। मैंने केवल सहयोग करने के लिए कहा था।’
मिश्रा ने कहा, ‘वह बड़े भाई की तरह हैं। वह जो चाहे कह सकते हैं, लेकिन मुझे उनके आरोपों से बहुत दुख हुआ है। मैंने उम्मीद नहीं की थी कि वह मेरी ईमानदारी पर सवाल उठाएंगे। मैं कभी भी बेइमान नहीं था।’
जबकि, सिंह का कहना है कि उन्होंने मिश्रा पर कोई आरोप नहीं लगाए हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने कोर्ट को दिए अपने आवेदन में केवल इस बात का जिक्र किया है कि मीडिया में जानकारी लीक करने वाला कैमरामैन उनकी टीम में था। कोर्ट में लोगों ने उनपर आरोप लगाए। मैं अपने छोटे भाई की तरह उनकी इज्जत करता हूं। वह कन्फ्यूज हैं।’