संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करेंगी। बतौर वित्त मंत्री यह उनका आठवां बजट होगा। पूर्ण बजट की तैयारी प्रक्रिया के अंतिम चरण को दर्शाने वाली पारंपरिक हलवा सेरेमनी शुक्रवार शाम को नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित की जाएगी। बजट हलवा सेरेमनी भारतीय वित्त मंत्रालय की एक पारंपरिक और प्रतीकात्मक रस्म है, जो हर साल केंद्रीय बजट पेश करने से पहले आयोजित की जाती है।
हलवा सेरेमनी संसद में बजट पेश करने से पहले की ‘लॉक-इन’ प्रक्रिया का हिस्सा है। जो एक विशेष आयोजन है, यह बजट दस्तावेजों के प्रिंटिंग की शुरुआत का प्रतीक है। इस आयोजन में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी शामिल होते हैं। इसमें एक बड़ी कड़ाही में हलवा बनाकर बांटा जाता है। यह मिठाई समारोह का हिस्सा है और सभी को टीम के रूप में काम करने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन हलवा सेरेमनी केवल मिठास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बजट की तैयारी में शामिल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों का जश्न है।
हलवा सेरेमनी का महत्व
शुक्रवार शाम को होने वाली इस हलवा सेरेमनी का नेतृत्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। उनके साथ राज्य मंत्री पंकज चौधरी, अलग-अलग सचिव और बजट तैयार करने और संकलन प्रक्रिया में शामिल अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे। हर साल बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले यह परंपरा निभाई जाती है। इस दौरान नॉर्थ ब्लॉक में एक बड़ी कड़ाही में हलवा तैयार किया जाता है। हलवा समारोह के बाद करीब 10 दिनों तक बजट तैयारी में शामिल अधिकारी अपने परिवार से भी नहीं मिलते हैं।
जब टूट गई हलवा सेरेमनी की परंपरा
कोरोना काल में आजाद भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था कि परंपरागत तौर पर मनाई जाने वाली हलवा सेरेमनी नहीं मनाई गई। इसकी जगह कर्मचारियों में मिठाई बांटी गई थी और पेपरलेस मोड में बजट को तैयार किया गया था। हालांकि पिछले साल भी पेपरलेस बजट पेश हुआ था, लेकिन हलवा सेरेमनी मनाई गई थी।
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