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39 फलस्तीनी कैदियों के बदले हमास ने छोड़े 13 इस्राइली बंधक

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इस्राइल और हमास के बीच लंबे समय से जारी युद्ध में फिलहाल विराम जारी है। इस बीच कतर और मिस्र के मध्यस्थों का कहना है कि हमास ने 39 फलस्तीनी नागरिकों के बदले में 13 इस्राइली नागरिकों को रिहा किया है। साथ ही सात विदेशी नागरिकों की भी रिहाई हुई है। इसके अलावा दो दिन पहले रिहा किए गए इस्राइली नागरिक अपने परिवार से मिले। बता दें, चार दिवसीय युद्ध विराम का शनिवार को दूसरा दिन है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बंधकों की रिहाई में शनिवार को तय समय से अधिक वक्त लगा। दरअसल, हमास का कहना था कि इस्राइल युद्ध विराम की शर्तों को उल्लंघन कर रहा है। वह मानवीय सहायता के ट्रकों को उत्तरी गाजा तक आने के लिए रोक रहा है। हमास का कहना है कि इस्राइल द्वारा फलस्तीनी बंधकों की रिहाई वितरण सौदे से कम था। हमास के अधिकारी का कहना है कि इस्राइल के कार्यवाही के कारण समझौता खतरे में पड़ सकता है। हमने मध्यस्थों से बात की है। हमास सशस्त्र विंग का कहना है कि उन्होंने 13 इस्राइली बंधकों सहित 7 विदेशी नागरिकों को अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस को सौंप दिया है।

इस्राइली बंधक अपने परिजनों से मिले
गाजा में हमास द्वारा 24 नवंबर को रिहा किए गए इस्राइली बंधक श्राइडर चिल्ड्रेन मेडिकल सेंटर में अपने परिजनों से मिले। महीनों बाद अपने परिजनों को देखते ही बंधक भावुक हो गए और भागकर उनसे लिपट गए। बंधकों में महिला और बच्चे शामिल हैं। 

हमास-इस्राइल युद्ध के दौरान मनोरोग दवाओं की मांग में 30% का इजाफा
इस्राइल-हमास युद्ध जरूर थम गया है, लेकिन इसके चलते इस्राइल में मनोरोग संबंधी दवाओं की मांग 30% तक बढ़ गई। यह खुलासा इस्राइली समाचार पत्र सीटेक ने किया है। मांग बढ़ने की वजह युद्ध के चलते भविष्य में दवाओं की कमी होने का आशंका बताई गई है। कई मरीज तो मनोचिकित्सक के पास पास जाकर दो से तीन महीने के लिए दवा प्रिस्क्राइब (दवा लिखने) करने का अनुरोध कर रहे हैं। इस्राइली फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डेविड पप्पो कहते हैं, इस्राइल में मनोरोग दवाओं के प्रिस्क्रिप्शन (नुस्खा लिखने) में वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन मनोरोगी डर के कारण स्टॉक जमा कर रहे हैं। जिन दवाओं की मांग बढ़ी है उनमें चिंता, अवसाद की कम, स्लीपिंग पिल्स (नींद की दवा) की ज्यादा है।

जिनके परिचित घायल या मर रहे, उनमें छाई घबराहट
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य परिषद के प्रमुख डॉ. जवी फिशेल कहते हैं, ये दवाएं सिर्फ चिंता और अवसाद के लिए नहीं हैं बल्कि नींद के लिए भी हैं। युद्ध शुरू होने के बाद से इस्राइलियों के बीच चिंताएं भी बढ़ी हैं। नींद की कमी केवल चिंता के कारण नहीं बल्कि मोबाइल पर अंतहीन स्क्रीन टाइम की वजह से भी है। युद्ध में जिनके परिचित घायल या मर रहे हैं उनमें घबराहट है।

मैंने ख्वाब देखा, हम घर आ गए..और ख्वाब सच हो गया…
हमास की कैद के बाद मां व छोटी बहन के साथ रिहा हुई चार वर्षीय रज अशर इस्राइल में अस्पताल के बिस्तर पर पिता की बाहों में बैठी है। वह पिता योनी से कहती है, मैंने सपना देखा कि हम घर आ गए। बदले में उसके पिता ने कहा, हां बच्ची तुम्हारा सपना सच हो गया है। पिता-पुत्री के ये संवाद श्नाइडर चिल्ड्रेंस मेडिकल सेंटर द्वारा जारी ताजा फुटेज के हैं। इस्राइल-हमास समझौते के पहले दिन रज, उसकी दो वर्षीय बहन अवीव और मां डोरोन शुक्रवार को रिहा हुईं।

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