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हरि अनंत हरि कथा अनंता

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                  –सुसंस्कृति परिहार

बस एक दिन ही शेष है पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आने में पर परिणामों को लेकर जो घमासान मचा हुआ है उसे देखकर  उम्मीदवारों के साथ आम जन भी मानसिक तौर पर परेशान है।इस परेशानी को बढ़ाया है बालाघाट में डाक मतपेटियों के खुलने और 100ईवीएम बदले जाने का आरोप कंकर मुंजारे ने लगाकर।इसका एक वीडियो भी सबने देखा आज राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि मतपेटियों को खोला नहीं गया जिन्होंने ये गड़बड़ी की है उन्हें निलंबित कर दिया गया है। कंकर मुंजारे के दूसरे आरोप पर वे कुछ नहीं बोले। 

इसी बीच चंबल अंचल से एक वीडियो सामने आया है जिसमें तमाम चुनाव अधिकारी अपने काम में लगे नज़र आ रहे हैं और वोटर जब ईवीएम की ओर जाता है एक शख्स बढ़कर मशीन का बटन दबाकर उसे चलता कर देता है ऐसा ही महिलाओं और अन्य वोटर्स के साथ होता साफ़ दिखाई दे रहा है।अभी तक ना तो वहां बैठे प्रोसाईडिंग आफीसर तथा अन्य कर्मियों पर कोई कार्रवाई की गई ना ही पुनः निर्वाचन के आदेश जारी किए गए। संभव है इस क्षेत्र के बहुतेरे मतदान केन्द्र में ऐसे हालात से गुजरे हों। निष्पक्ष चुनाव की दम भरने वाला राज्य चुनाव आयोग क्यों मौन धारण किए हुए हैं यह कई सवालों को जन्म देता है। क्या आयोग की सरकार से मिली भगत है?ऐसा नहीं तो इन क्षेत्रों में मतदान स्थगित कर पुनः निर्वाचन क्यों नहीं कराया गया। हज़ारों की संख्या में डाक मतपत्र गायब हैं वे कहां हैं इसकी भी तफ़्तीश नहीं की गई।

ये तमाम संकेत अच्छे नहीं हैं और लगता है एक्जिट पोल इन्हीं सांठगांठ के मद्देनजर यथार्थ से दूर परिणाम परोस रहे हैं।यूं तो लोगों को ईवीएम पर ही भरोसा नहीं होता तिस पर ये कारगुजारियां चुनाव आयोग को शकोसुबह के घेरे में लेती हैं।

एक मतदाता ने चुनाव परिणाम के बारे में अपना माथा पकड़ते हुए जब यह कहा ‘हरि अनंत हरि कथा अनंता’ तो पूछने वाले के होश उड़ गए। बेशक जब तक बड़े पैमाने पर चुनाव आयोग तमाम खामियों को दुरुस्त नहीं करता तब तक मतदाताओं का वह विश्वास अर्जित नहीं कर सकता।

इस बीच यह बात भी सामने आई थी कि ईवीएम से इस बार छेड़छाड़ नहीं हुई है सारा दारोमदार डाक मतपत्रों पर है। जहां दबंगों का दबदबा रहा होगा वहां परिणाम में बदलाव हो सकता है किंतु जनता ने यदि सरकार के बदलाव हेतु भारी मतदान किया है तो ये घटनाएं परिणाम नहीं बदल पायेंगी।ये निर्विवाद रुप से सच है कि आम मतदाता मंहगाई, बेरोजगारी और झूठे वायदों से बिफरा हुआ है।

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