रायपुरः हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए 10 जून को होने वाली वोटिंग को लेकर सियासी ड्रामा लगातार परवान चल रहा है। इसकी गरमाहट चंडीगढ़ से दिल्ली और रायपुर तक महसूस हो रही है। चुनावों में क्रॉस वोटिंग के डर से कांग्रेस के 25 से ज्यादा विधायक गुरुवार शाम रायपुर पहुंच गए। कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें एक रेसॉर्ट में रखा गया है। इस बीच खबर है कि कांग्रेस के तीन विधायक हरियाणा से रायपुर नहीं पहुंचे हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इतनी तगड़ी घेराबंदी के बाद भी क्रॉस वोटिंग हो सकती है। 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में, भाजपा के पास 40 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 31 हैं। जेजेपी के 10 विधायक हैं जबकि इंडियन नेशनल लोक दल और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक विधायक हैं। हरियाणा में सात निर्दलीय विधायक भी हैं।
कौन-कौन से विधायक रायपुर नहीं पहुंचे
कुल 31 विधायकों में से नाराज कुलदीप बिश्नोई समेत तीन विधायक रायपुर जाने के लिए दिल्ली नहीं पहुंचे। अन्य दो जो अनुपस्थित रहे उनमें किरण चौधरी और चिरंजीव राव शामिल हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि किरण चौधरी अस्वस्थ हैं, लेकिन जल्द ही वे दूसरे विधायकों के पास रायपुर पहुंच जाएंगी। चिरंजीव राव अपना जन्मदिन अपने परिवार के साथ मना रहे हैं और वह भी रायपुर पहुंचेंगे और बिश्नोई भी शामिल होंगे। बिश्नोई हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष न बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं।
दिल्ली से रायपुर पहुंचे
दिल्ली में हुई बैठक के बाद सभी विधायकों को प्राइवेट प्लेन से रायपुर लाया गया। रायपुर एयरपोर्ट पर इसके लिए पहले से ही सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी। चारों ओर पुलिस के जवान तैनात थे। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही विधायकों को बस से मेफेयर स्थित गोल्फ रेसॉर्ट में ले जाया गया है। विधायकों के साथ हरियाणा के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा के लिए प्रत्याशी अजय माकन भी रायपुर पहुंच चुके हैं।
अब सीधे वोटिंग के लिए जाएंगे
कांग्रेस आलाकमान ने हरियाणा के सभी 31 विधायकों को दिल्ली बुलाया था। इनमें से 28 ही पहुंचे। नाराज चल रहे कुलदीप विश्नोई के अलावा दो अन्य विधायक भी दिल्ली नहीं आए। इससे पार्टी की चिंताएं बढ़ गई हैं और क्रॉस वोटिंग का डर ज्यादा हो गया है। सभी विधायकों के रायपुर में 10 जून तक रुकने की संभावना है। बताया जा रहा है कि विधायक राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के लिए 10 जून को प्राइवेट प्लेन से वापस चंडीगढ़ जाएंगे।
एयरपोर्ट पर कांग्रेस के भी नेता नहीं
विधायकों को रायपुर लाने की कवायद गुरुवार सुबह से ही शुरू हो गई थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उनकी सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। रायपुर एयरपोर्ट पर विधायकों के आने से पहले खास बैरिकेडिंग की गई थी। एयरपोर्ट पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस पार्टी का भी कोई नेता नहीं दिखा। मीडिया को भी उनके पास नहीं फटकने दिया गया। उनके रेसॉर्ट में पहुंचने के बाद से छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री और विधायकों का आना-जाना लगातार जारी है।
अब तक ये विधायक पहुंचे
बलवीर सिंह, शकुंतला खटक, जय वीर वाल्मीकि, नीरज शर्मा, जगवीर मलिक, सुभाष गांगुली, मोहम्मद इलियास, इंदु राज भालू,
बी एल सैनी, मेवा सिंह, धर्मसिंह छोक्कर, रघुवीर कादयान, गीता भुक्कल, सुरेंद्र पवार, आफताब अहमद, बी बी बत्रा, मामन खान, कुलदीप वत्स, राजेन्द्र जून, शीशपाल सिंह केहरवाला, रेणु बाला, शैली चौधरी, राव दान सिंह, प्रदीप चौधरी, शमशेर सिंह गोगी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरुण चौधरी और अमित सिहाग। इनके साथ सांसद दीपेंद्र हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल, कार्यकारी अध्यक्ष रामकृष्ण गुर्जर और जितेंद्र भारद्वाज सहित कुल 37 लोग रायपुर पहुंच चुके हैं।
दो सीट, तीन उम्मीदवार
हरियाणा से राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव होने हैं, लेकिन नामांकन तीन उम्मीदवारों ने दाखिल किए हैं। बीजेपी से कृष्ण लाल पंवार और कांग्रेस से अजय माकन के अलावा पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय नामांकन किया है। राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए उम्मीदवार को 31 विधायकों का समर्थन चाहिए। हरियाणा में भाजपा के 40 और कांग्रेस के 31 विधायक हैं।
चौटाला की पार्टी ने चल दिया दांव
हरियाणा विधानसभा में ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी जेजेपी के 10, इनेलो-हलोपा के एक-एक और सात निर्दलीय विधायक हैं। चौटाला अपने उम्मीदवार को जिता नहीं सकते थे। उन्होंने राजनीतिक दांव खेलते हुए कार्तिकेय शर्मा को समर्थन देने की घोषणा कर दी। कार्तिकेय ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन का भी दावा किया है। यदि यह सही है तो उन्हें 17 विधायकों का समर्थन मिल चुका है। जीत के लिए फिर भी 14 और वोटों की जरूरत है। कांग्रेस को डर है कि कार्तिकेय उसके विधायकों पर डोरे डाल सकते हैं। इसमें बीजेपी की मदद भी उन्हें मिल सकती है। इसे देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है। कुछ विधायकों के असंतुष्ट होने से उसकी चिंताएं बढ़ गई हैं।