सुसंस्कृति परिहार
आजकल साहिब बहुत भयभीत हैं उन्होंने ठीक ही कहा कि कांग्रेस ने काले कपड़े पहन जो प्रदर्शन किया वह तंत्र मंत्र से आबद्ध था।वे इस विद्या का इस्तेमाल बनारस में गंगा घाट पर काले वस्त्र पहनकर कर चुके हैं इसलिए उन्हें ये कहने में कोई दिक्कत नहीं आई।अनुभवी हैं। इसलिए कहते हैं कि इसका उन पर असर होने वाला नहीं है।सभी यही अब तक मानते रहे हैं कि साहिब ऊंची बला हैं जिनका कोई मुकाबला नहीं।
अभी तक ये माना जाता रहा है कि काला जादू बंगाल की बपौती रहा है लेकिन उसका विस्तार साहिब से लेकर कांग्रेस तक हो जायेगा यह आश्चर्यजनक है। कांग्रेस के काला जादू ने तो कमाल ही कर कर दिया बिहार में नीतीश कुमार की बुद्धि को ही पलट दिया।ताज़ा बनी महाराष्ट्र सरकार के मंत्री इस्तीफ़ा देने की राह पर हैं वगैरह।सारी भाजपा को सांप सूंघ गया।अब उन्हें जनमत की अवमानना नज़र आने लगी। इससे पहले चार प्रदेशों में इस तरह का खेल जबकि उनने ही शुरू किया था।
दुख तो इस बात का भी है कि ममता के काले जादू का भी अभी तक कोई काट साहिब नहीं निकाल पाए जबकि ई डी की तंत्र मंत्र विद्या और रोकड़ा का खेल बराबर चल रहा है। नीतीश कुमार की सरकार का बहुमत परीक्षण 24अगस्त को होना है साहिब के तमाम तांत्रिक सक्रिय हो चुके हैं।देखना है कितना ज़ोर साहिब की जादूगरी में है। भाजपा में करो या मरो जैसी स्थिति कांग्रेस के काले जादू से आज हो चुकी है। सबसे बड़ी बात है उन्हीं की विद्या से ये जादू हुआ है किंतु जितनी आसानी से बिना विधायकों का हरण किए,होटल में शानदार व्य्वस्था जमाए,बिना करोड़ों का सौदा किए आसानी से ये सब हुआ। उससे तो यही लगता है कांग्रेस का काला जादू सिर चढ़कर बोल रहा है ।उसे साहिब पचा नहीं पा रहे हैं दांव-पेंच का सिलसिला अंदर अंदर चल रहा है।एक शानदार टिप्पणी सोशल मीडिया में धूम मचा रही है जिसमें कहा जा रहा है ‘हमारी औकात विधायक खरीदने की थी लालू के लौड़े ने मुख्यमंत्री खरीद लिया।’दर असल यह घटना बहुत बड़ी है जिसे लोग इस तरह व्यक्त कर रहे हैं।
अभी तक साहिब के जादू के जो अनगिनत शैदाई रहे हैं वे पशोपेश में हैं उन्होंने इतनी बड़ी फौज अधभक्तों की खड़ी कर रखी है कि ना उन्हें मंहगाई दिखती रही ना बेरोजगारी।इस काले जादू ने उनकी भी आंखें खोल दीं हैं।इधर गांव गांव में तिरंगे झंडे में लोग कांग्रेस का झंडा देख रहे हैं जो हर घर में लगने वाला है। आज़ादी का यह अमृत काल निश्चित तौर पर देश में एक मंथन का इतिहास लिखने जा रहा है।अब इसे भले साहिब काला जादू माने ।देश इस बार अलग मूड में आ चुका जिसमें कांग्रेस का सशक्त विरोध तो है ही साथ ही साथ आज़ादी का इतिहास बखूबी देखा और पढ़ा जा रहा है और कांग्रेस के अवदान और उसके साथ खड़े हुए विभिन्न जाति धर्म से दूर बलिदानियों की ख़बर रख रहा है। जिन्हें अब तक देश के दुश्मन की तरह देखा गया।युवा पीढ़ी खासतौर पर आज़ादी के उन लम्हों को भी देख रही है जिसमें संघ के कायरों की गद्दारी और वीर कहलाने की कहानी भी शामिल है।जिन नेहरू को साहिब ने हर दिन कोसा उनके परिवार को कलंकित करने की कुचेष्टा की उसका आज़ादी के अमृत काल में पुनर्पाठ हो रहा है।यह अमृत काल का मंथन निश्चित तौर पर कांग्रेस को अमृत और साहिब को गरलपान कराने जा रहा है।
इसीलिए,मूढ़ता से भरे संबोधन साहिब दे रहे हैं।होना तो यह चाहिए कि प्रगतिशील भारतीय संविधान के खिलाफ तंत्र मंत्र, जादू टोना जैसी बात करने वाले साहिब पर संसद को एक्शन लें। जागरुक और अंधविश्वास के खिलाफ लड़ने वाले लोगों को सशक्त विरोध दर्ज कराना चाहिए।वरना काला जादू भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बन जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।