सोनी कुमारी, वाराणसी
गर्मी के मौसम में पाचन क्रिया अधिक संबेदनशील हो जाती है, जिसकी वजह से हमारी छोटी सी गलती भी हमें पाचन संबंधी समस्यायों का शिकार बना सकती हैं। गैस, ब्लोटिंग, अपच, पेट दर्द, डायरिया, फ़ूड पॉइज़निंग आदि जैसी कई अन्य समस्याएं हैं, जो इस मौसम बेहद आम होती हैं।
ऐसे में हम सभी को पाचन क्रिया के प्रति अधिक सचेत रहने और इसपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है, अपने खान पान पर नियंत्रण होना, गर्मी में खाद्य पदार्थों का चयन सोच समझ करें क्युकी यह पाचन क्रिया को प्रभावित करने का एक सबसे बड़ा कारक है।
*गर्मी में पाचन संवेदनशीलता के कारण :*
गर्मी के मौसम में पाचन तंत्र पर कई तत्वों का प्रभाव हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कई तरह की समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। तापमान और ह्यूमिडिटी के बढ़ने से डिहाइड्रेशन हो सकता है, जो पाचन तंत्र को प्रभावित करता है।
डिहाइड्रेशन के कारण पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, वहीं परिणामस्वरूप कब्ज और सूजन जैसी पाचन संबंधी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। शरीर के खुद को ठंडा करने की इच्छा से पाचन अंगों से रक्त प्रवाह त्वचा की ओर पुनर्निर्देशित होता है, जो पाचन को और धीमा कर देता है और असुविधा का कारण बनता है।
गर्मियों में खाद्य जनित संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि गर्म तापमान में बैक्टीरिया तेजी से ग्रो करते हैं। दूषित भोजन या पानी का सेवन करने से गैस्ट्रोएंटेराइटिस, जिसमें मतली, उल्टी, दस्त और पेट में ऐंठन जैसे लक्षण नज़र आ सकते हैं। इसके अलावा, बाहर के खाने से अधिक पका हुआ या अपर्याप्त रूप से संरक्षित भोजन खाने की संभावना बढ़ जाती है। जिसकी वजह से पाचन क्रिया पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है।
गर्मी एसिड रिफ्लक्स और इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (IBS) जैसे पहले से मौजूद डाइजेस्टिव डिसऑर्डर को बदतर बना सकती है। अत्यधिक गर्मी के तनाव से पाचन क्रिया से जुडी पुराणी बीमारी उत्तेजित हो सकती है। इसके अलावा, गर्मियों में आहार में बदलाव, जिसमें ज़्यादा आइसक्रीम और ठंडे, मीठे ड्रिंक पीने से पेट खराब हो सकता है और नियमित पाचन प्रक्रियाओं में बाधा डाल आ सकती है।
गर्मी के मौसम में अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए, हाइड्रेटेड रहना बेहद जरुरी है। कब्ज से बचने के लिए खूब सारा पानी पिएं। हल्का और संतुलित भोजन करें, जिसमें स्वस्थ अनाज, ताज़ी उपज और फल शामिल हों। तले हुए, मसालेदार और फैटी फूड्स से जितना हो सके परहेज करें, क्युकी ये आपके पाचन तंत्र को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
खाद्य जनित संक्रमणों को रोकने के लिए, अपने हाथों को धोकर, अपने भोजन को अच्छी तरह से पकाकर और बचे हुए खाने को तुरंत फ्रिज में रखकर उचित खाद्य स्वच्छता का अभ्यास करें। वहीं बासी खाने से जितना हो सके परहेज करें। दही और ताज़े फलों जैसे स्वस्थ विकल्पों को प्राथमिकता दें, वहीं मीठे ड्रिंक्स और आइसक्रीम का सेवन कम करें। गर्मी में नियमित व्यायाम करना जरुरी है, क्योंकि यह पाचन में सहायता करता है।
है।
*1. हाइड्रेटेड रहें :
गर्मियों में पसीने के ज़रिए आप बहुत ज़्यादा पानी खो देते हैं, ऐसे में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं साथ ही अन्य हाइड्रेटिंग फल एवं सब्जियों का सेवन करें। इससे आपकी बॉडी पूरी तरह से हाइड्रेटेड रहती है और गर्मी के कारण होने वाली तमाम तरह की समस्याएं आपको परेशान नहीं करती।
*2. छोटे-छोटे मील लें :*
एक बार में अधिक खाने की वजाए, 4 से 5 बार-बार थोड़ा-थोड़ा खाना खाएं। साथ ही, अपने खाने को अच्छी तरह चबाना भी जरुरी है और अपने पेट को अपने खाने को ठीक से पचाने के लिए पर्याप्त समय दें।
*3. फैटी फ़ूड और कैफीन युक्त ड्रिंक्स से परहेज करें :*
चाय, कॉफ़ी और सोडा पीने से बार बार यूरिन पास करने की इच्छा होती है, जो डिहाइड्रेशन को बढ़ावा दे सकती है। वहीं फैटी फूड्स का अत्यधिक सेवन पेट फूलने और एसिडिटी का कारण बन सकता है। इसलिए इनसे जीतना हो सके परहेज रखने की कोशिश करें.
*4. विटामिन डी की कमी की जांच करें :*
विटामिन डी आपके शरीर और आपके माइक्रोबायोटा के संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि आपके शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा है या नहीं। इसकी पूर्ति के लिए आप मशरूम, सैल्मन और डेयरी उत्पादों से विटामिन डी का अच्छा स्रोत प्राप्त कर सकती हैं।
*5. लेफ्ट ओवर फूड्स से बचें :*
गर्मी में बचे हुए बसी खाने से आपको फ़ूड पोइज़निंग हो सकती है। साथ ही यह कई अन्य समस्यायों के खतरे को बढ़ा देता है इसलिए इस मौसम इनसे पूरी तरह परहेज करें। उतना ही खाना बनाएं जितना की आप एक समय में खत्म कर सकें।