डॉ.नीलम ज्योति
ENT की फीस 500 से 1500 के बीच होती है. शहर मुहल्ले में घूमते रहने वाले सस्ते हैं लेकिन कान का सत्यानाश संभव है. एक तरफ आर्थिक नुकसान दूसरी तरफ कान का नुकसान. हम बीच का निरापद रास्ता बता रहे हैं.
कान का मैल यानी ईयर वैक्स एक प्राकृतिक चीज है जो हमारे कान को गंदगी, धूल और कीटाणुओं से बचाता है। लेकिन जब यह ज्यादा बन जाए, तो कान में भारीपन, खुजली या सुनने में परेशानी होती है। इसलिए इसे सही तरीके से साफ करना जरूरी है।
*कान में मैल जमा होने के नुकसान :*
जब कान में बहुत ज्यादा मैल जमा हो जाता है, तो वह कान को ब्लॉक कर देता है। इससे धीरे-धीरे सुनाई देना कम हो सकता है। इसकी वजह से कान में दर्द, खुजली और जलन, कान से आवाज आना और इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है।
*गुनगुना पानी :*
एक ड्रॉपर में थोड़ा गुनगुना पानी लें और कान में कुछ बूंदें डालें। सिर को थोड़ा टेढ़ा करें और कुछ मिनट बाद सीधा करें, ताकि पानी और मैल बाहर निकल जाए।
*ईयर ड्रॉप्स :*
ईयर ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें
दवाइयों की दुकान से मिलने वाले ईयर वैक्स ड्रॉप्स (जैसे हाइड्रोजन पेरॉक्साइड वाले) कान में डालें। ये मैल को नरम कर देते हैं और वह आसानी से बाहर आ जाता है।
*बाहरी हिस्सा पोंछें :*
कान के अंदर कुछ न डालें। बस एक साफ कपड़े या कॉटन बॉल से बाहर का हिस्सा हल्के से पोंछें।
*डॉक्टर को कब दिखाएं?*
अगर कान में दर्द हो, सूजन हो या सुनाई न दे, तो खुद से इलाज न करें। ENT डॉक्टर से मिलें।
*क्या न करें?*
कान में कभी भी पिन, तीली, माचिस या कॉटन बड्स न डालें। ज्यादा सफाई करने से कान में चोट या इंफेक्शन हो सकता है।
Add comment