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आखिर कैसे थमे सड़क हादसों की रफ्तार?

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नई दिल्ली में बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए, रोड सेफ्टी उपायों की जरूरत है। 1504 लोगों ने पिछले साल हादसों में जान गंवाई। हालांकि दिल्ली में 90% टू वीलर वाले हेलमेट पहनते हैं, परंतु सही तरीके से नहीं। पैदल राहगीरों के लिए फुटओवर ब्रिज और जेब्रा क्रॉसिंग जरूरी है।

नई दिल्ली: साहिल अपने दोस्तों के साथ नाइट पार्टी के लिए घर से बाहर निकले हुए हैं। रात के 12 बजे हैं और वह अभी तक लौटे नहीं है। उनके पैरंट्स इसे लेकर बेहद फिक्र में हैं। इसकी वजह है, सड़कों पर आए दिन होने वाले एक्सिडेंट की खबरें। देश भर में रोड एक्सिडेंट की वजह से होने वाली मौतों के कारण लगभग दो फीसदी जीडीपी का नुकसान होता है। शनिवार को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने भी आंकड़े जारी करके बताया कि शहर में बीते साल सड़क हादसे में 1504 लोगों की अपनी जान गंवानी पड़ी। ये आंकड़े पिछले पांच साल में सबसे अधिक है।

इनमें से लगभग 80 फीसदी लोग पैदल राहगीर या टू वीलर वाले होते हैं। आईआईटी की प्रफेसर गीतम तिवारी के मुताबिक, अगर ट्रैफिक पुलिस और सड़कें मेंटेन करने वाले विभाग सड़कों पर कुछ मामूली उपाय भी कर दें तो काफी हद तक इन हादसों को कम किया जा सकता है। एक्सपर्टस का भी मानना है कि स्वीडन, नीदरलैंड जैसे दशों में रोड एक्सिडेंट इसलिए कम हैं, क्योंकि वहां रोड सेफ्टी के न सिर्फ इंतजाम हैं, बल्कि वहां लोग भी ट्रैफिक नियमों को लेकर जागरूक हैं। अपने देश में भी ट्रैफिक नियमों को लेकर जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है।

टू वीलर वालों के लिए : दिल्ली जैसे शहर में 90 फीसदी टू वीलर वाले हेलमेट पहनते हैं। हालांकि, उनमें से 60 फीसदी ऐसे होते हैं, जो ठीक तरह से हेलमेट को बांधते नहीं या फिर सब स्टैंडर्ड वाले लगा लेते हैं। इसकी वजह से हादसा होने पर ये हेलमेट जान बचाने में मददगार नहीं होते। दोपहिया पर पीछे बैठने वाले हेलमेट लगाने वालों का प्रतिशत कम होता है। ऐसे मामलों में ट्रैफिक पुलिस अगर लगातार अभियान चलाए तो फायदा हो सकता है।

पैदल राहगीरों के लिए : इसी तरह से रोड एक्सिडेंट में जान गंवाने वालों में पैदल राहगीर होते हैं। इनके लिए फुटपाथ तो हों ही, साथ ही जहां बस स्टैंड हैं, वहां सड़क को सुरक्षित पार करने के लिए भी इंतजाम हों। इसके तहत एक तो बस स्टैंड के पास ही फुटओवर ब्रिज हों। उसमें एस्केलेटर और लिफ्ट न सिर्फ लगी हों बल्कि चलती भी हों।

दूसरा तरीका है कि बस स्टैंड के पास ही जेब्रा क्रॉसिंग बनाई जाएं। जेब्रा क्रॉसिंग से ठीक पहले स्पीड ब्रेकर हों और बाकायदा पेंट किए हों ताकि रात में भी वे दिखें। इन जगहों पर रोशनी हो और स्पीड कैमरे भी लगाए जाएं।

हिट ऐंड रन : दिल्ली जैसे शहर में दिन की अपेक्षा रात में अधिक हादसे होते हैं। इसकी वजह है कि रात के वक्त सड़कें खाली होती हैं और गाड़ियां तेज रफ्तार में चलती हैं। उस वक्त ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी न होने की वजह से चालान का भी डर नहीं होता। इस स्थिति से निपटने के लिए हिट ऐंड रन के ब्लैक स्पॉट के पास कम-से-कम ट्रैफिक पुलिस रात के वक्त मौजूद रहे या फिर ऐसी जगह कैमरे लगा दिए जाएं।

तेज रफ्तार ऑडी ने मारी टक्कर, एक की मौत

साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के सफदरजंग एन्क्लेव इलाके में शनिवार सुबह तेज रफ्तार और अनियंत्रित ऑडी ने दूसरी कार में टक्कर मारी। कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि डिवाइडर को फांदकर दूसरी लेन में चली गई और सामने से आ रही एक अर्टिगा से टकरा गई। हादसे में अर्टिगा के ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गए। खबर मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आरोपी कार ड्राइवर मौके पर गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। फिलहाल पुलिस केस दर्ज कर आरोपी की तलाश कर रही है।

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