-सुसंस्कृति परिहार
17नवम्बर को मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद कयासों का दौर जारी है। दोनों प्रमुख पार्टियां अधिक हुए मतदान को दो तरह से देखने की कोशिश कर रहीं हैं।सत्ता पक्ष मान के चल रहा है महिलाओं की लंबी कतारें और भारी मतदान भाजपा को जिता रहा है वहीं कांग्रेस का कहना है अधिक मतदान होना हमारी जीत बयां कर रहा है।उधर इस स्थिति को देखकर कांग्रेस को भारी मतों से जिताने का दावा करने वाले चैनल अब कांटे की टक्कर की बात कह रहे हैं।
जबकि जनता के बीच जागरुक लोगों का ये ख़्याल है कि लोग भाजपा की गलत नीतियों, मंहगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी से इस हद तक ऊब चुके थे इसलिए उसकी ख़िलाफ़त बड़े पैमाने पर होती नज़र आ रही है।उनका कहना ये भी है पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का जो काम कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कर दिखाया है उससे कर्मचारियों की जान में जान आई है वे इकतरफा कांग्रेस को वोट किए है। बदलाव की आंधी है। तूफ़ान पूर्व की शांति पसरी हुई है। परिणाम कांग्रेस को सत्ता सौंप देने वाले हैं।
दूसरी ओर मोदी की भक्ति में लीन कार्यकर्ता डंके की चोट पर बहुमत से जीतने का दावा करते नज़र आ रहे हैं उनकी संख्या काफी घटी है लेकिन वे मुखर होकर यह कहते नहीं थक रहे आएगा तो मोदी ही।यानि कमल ही।कैसे आएगा पर वे साफ़ कहते हैं जैसे 2014और 2019में आया। उन्हें यह भी नहीं मालूम कि किसका चुनाव है? मोदी के हर विधानसभा में हुए कार्यक्रम ने उनके दिल दिमाग में मोदी फिट कर दिया है।यही मोदीजी की चाहत भी थी। सिर्फ एक तानाशाह की तरह एक चेहरा।
कुछ तर्क शील जुगाड़ू युवा इस जीत की तकनीक भी उजागर करते हैं हमने अपने बूथ पर जबरन 100फर्जी वोट डाले।हमने सेंटिंग पहले कर रखी थी।मर चुके और बाहर गए लोगों का वोट फटकार दिया।एजेंट को खिला पिला दिया बस। कर्मचारी तो सरकारी थे।बड़ा आश्चर्यजनक लगता है सुनकर लेकिन यह हुआ है वह शान बघारता हुआ कहता है। सच यह है चंद दबंगों के दवाब में ही यह संभव है। खुरई क्षेत्र में सर्वाधिक फर्जी मतदान की ख़बर मिली है।जबकि दिमनी में वोटर्स को वोट डालने निकलने ना देने की बात सामने आई है।इसे मान भी लें तो दबंग प्रत्याशी इक्का दुक्का जीत जाएं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। सागर कलेक्टर और एसपी पर खुलेआम लोग भाजपा के पक्ष में वोट डलवाने की शिकायत चुनाव आयोग से किए हैं। लेकिन होने वाला कुछ नहीं।एक थैले के चट्टे-बट्टे हैं यह।सागर नगर में फर्जी मतदान की जबकि कोई ख़बर नहीं।ये ग्रामीण क्षेत्रों में ही केन्द्रित रहा है।
बहरहाल मतदान बाद कुछ सत्य उजागर हो ही जाते हैं लेकिन मतदाताओं पर यकीन रखना ही होगा भारी बहुमत होने पर ये चोरियां और चतुराई कारगर नहीं होती।सुना है ई वी एम इस बार सही परिणाम देने वाली है ताकि लोगों का विश्वास इसमें बना रहे और यह गुल 2024 लोकसभा में खिला सके। फिलवक्त चंद जगहों को छोड़कर उम्मीद है सही परिणाम सामने आएंगे।
भाजपा की बढ़ती बौखलाहट वोटिंग होने के बाद भी रहली विधानसभा कांग्रेस की प्रत्याशी ज्योति पटेल साथ जो हुआ,में साफ़ नज़र आती है। इससे पहले छतरपुर में की गई कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या, इंदौर में कांग्रेस नेताओं पर एफआईआर,सीधी,सतना आदि में हुए तमाशे भी इस बात की ओर इशारा करते हैं। भाजपा की जीत आसान नहीं चुप जनता कांग्रेस के लिए वरदान साबित हो सकती है। भक्त इस बात से अनजान हैं कि मोदीशाह ही इस वक्त मध्यप्रदेश भाजपा के बड़े शत्रु है।संघ ही शिवराज सरकार पर मेहरबान है।
बहरहाल तीन दिसम्बर ही निर्णायक होगा।याद आता है 2003 का विधानसभा चुनाव जब कांग्रेस का इसी तरह का बुरा हाल था तब भाजपा जीती थी बीस साल बाद 2023 में मामला उल्टा नज़र आ रहा है भाजपा की हालत पतली है और 3 दिसंबर को ही परिणाम आ रहे हैं।