डॉ. प्रिया
चेहरे और बालों की देखभाल में मसरूफ रहने के कारण अक्सर शरीर के कुछ अंग उपेक्षित रह जाते हैं और उन्हीं में से एक है अंडरआर्म। पसीने की दुर्गध को दूर करने के लिए जहां लोग कई प्रकार के डियो और परफ्यूम का प्रयोग करते है, तो वहीं स्लीवलेस कपड़ों को पहनने के लिए बगल में वैक्सिंग और शेविंग करने से भी नहीं हिचकते हैं।
इसके चलते त्वचा कई प्रकार के कैमिकल के संपर्क में आती रहती है, जिसके चलते सेंसिटिव स्किन पर अंडरआर्म बंप का खतरा बना रहता है।
अंडरआर्म में गांठ या सूजन का होना एक आम समस्या है, जो धीरे धीरे बगल में फैलने लगती है। अंडरआर्म को साइंटीफिक भाषा में एक्सिला कहा जाता है। इसके चलते अंडरआर्म में बनने वाली गांठ को एक्सिलरी सूजन भी कहा जाता है।
एक सप्ताह से अधिक समय तक अगर आर्मपिट लम्प बरकरार है और शरीर में बुखार, वेटलॉस और नाइट स्वैट की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो डॉक्टरी जांच अवश्य करवाएं।
लिम्फ नोड्स बगल में बनने वाली गांठ का सबसे सामान्य कारण है। इसके चलते संक्रमण और सूजन का जोखिम बना रहता है। वहीं लिपोमास, जो एक प्रकार का फोड़ा या फुंसी के समान नज़र आता है।
ये स्किन पर दिखने वाला फैट टिशू ग्रोथ है, जो पूरी तरह से हार्मलैस होता है। कई प्रकार के एलर्जी रिएक्शन भी गांठ का कारण साबित होते हैं।
ये हैं बगल में बनने वाली गांठ के कुछ कारण :
*1. बैक्टीरियल इंफेक्शन :*
स्वैटिंग या किसी अन्य कारण से बगल में संक्रमण की आंशका बनी रहती है। इसके चलते बगल में लिम्फ नोड्स और उसमें सूजन की समस्या का सामना करना पड़ता है।
कपड़ों, रेज़र और वैक्सिंग समेत कई कारणों से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।
*2. स्किन इरीटेशन :*
हेयर फॉलिकल के ब्लॉक होने से त्वचा पर सिस्ट का सामना करना पड़ता है। इसके चलते त्वचा पर खुजली और हल्की दर्द बनी रहती है।
अंडरआर्म के बाल खिंचने यानि बाल टोड़ होने से भी इस समस्या से दो चार होना पड़ता है।
*3. कॉटेक्ट डर्माटाइटिस :*
अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है, तो कई प्रकार के साबुन, बॉडी वॉश, परफ्यूम, डियो स्प्रे या फैबरिक सॉफ्टनर एलर्जी का कारण साबित होने लगते हैं।
इससे त्वचा पर स्वैलिंग और बंप की समस्या उभरने लगती है। ऐसे में कैमिकल युक्त प्रोडक्टस से दूर रहें और कपड़ों को माइल्ड डिटर्जेंंट में धोकर इस्तेमाल करें।
*4. ब्रेस्ट कैंसर :*
डेना फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार बहुत कम मामलों में आर्मपिट पर बनने वाली लिम्फ नोड कैंसर का भी संकेत हो सकता है। दरअसल, अंडरआर्म में मौजूद पेनलैस बंप कैंसर का कारण साबित होने लगता है।
इसके अलावा बगल में बनने वाले लिम्फ नोड्स में सूजन का होना ब्रेस्ट कैंसर का कारण साबित हो सकता है।
ऐसे पाएं अंडरआर्म बंप की समस्या से राहत :
*1. हाईजीन का ख्याल रखें :*
मौसम बदलने के साथ अंडरआर्म में पसीने की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में रोज़ाना नहाना ब्रीथएबल कपड़े कैमिकल युक्त प्रोडक्टस का इस्तेमाल न करना स्किन के लिए फायदेमंद साबित होता है।
इससे स्किन बैक्टीरिया के प्रभाव से दूर बनी रहती है और किसी भी प्रकार के बंप्स का खतरा बना रहता है।
*2. ब्रीथएबल कपड़े पहनें :*
स्किन इरीटेशन से बचने के लिए स्किन फ्रैंडली फैब्रिक का इस्तेमाल करें। इससे पसीना, खुजली और सूजन की समस्या हल होने लगती है। साथ ही स्किन पोर्स के ब्लॉक होने की समस्या से भी बचा जा सकता है।
दरअसल, बगल में जमा मॉइश्चर और बैक्टीरिया ओपन पोर्स में जमा होने लगते है, जिससे फोड़े या फुसिंया बनने लगती है।
*3. शेविंग इरिटेशन से बचें :*
त्वचा के संवेइनशील होने से शेविंग के चलते स्किन पर लालिमा बढ़ने लगती है। शेविंग से पहले जेल या क्रीम को अवश्य इस्तेमाल करें।
इसके अलावा रेज़र को इस्तेमाल करने से पहले क्लीन रेज़र का प्रयोग करें और ब्लेड बदलना न भूलें।
*4. गांठ या बम्प को छीलने से बचें :*
बार बार बगल में बनने वाले दाने या बंप को छूने और छीलने से उसमें दर्द की संभावना बढ़ जाती है। इससे मामूली दाना जख्म बनने लगता है। दरअसल, बैक्टीरियल इंफे्क्शन के चलते उसमें सूजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
किसी भी प्रकार की दर्द और लालिमा बढ़ने से डॉक्टर से इलाज अवश्य करवाएं।