~ डॉ. श्रेया पाण्डेय
सेक्स फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए फायदेमंद है। स्वस्थ रहने में यह मददगार टूल का काम कर सकता है। पर क्या आपने कभी यह अनुभव किया है कि सेक्स ने आपको बीमार कर दिया है। आप सही पढ़ रहे हैं। सेक्स कभी-कभी बीमारी यानी सिकनेस का भी काम कर सकता है।
इसके कारण कई महिलाओं में तेज सिरदर्द, फ्लू और यूटीआई इन्फेक्शन जैसे लक्षण भी दिखने लगते हैं।
*सेक्स से बीमारी की फीलिंग क्यों?*
गर्भाशय ग्रीवा नर्व एंडिंग से भरी हुई है। यह वासोडिलेशन रेस्पोंस को ट्रिगर कर सकती है। वासोडिलेशन रेस्पोंस तब होता है जब शरीर वेगस नर्व को उत्तेजित करता है। इससे हृदय गति और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। इससे उल्टी और बेहोशी जैसा महसूस हो सकता है।
ऐसा पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान महसूस हो सकता है। इसमें पार्टनर के सर्विक्स पर चोट करते हुए बहुत गहराई तक अंदर जाते हैं।
सेक्सुअल एक्टिविटी के कारण यदि बहुत पसीना आया है, तो डीहाइड्रेशन के कारण भी वीकनेस महसूस हो सकती है।
ये हैं वे 05 प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं, जिन्हें सेक्स के बाद महसूस किया जाता है :
*1. ऑर्गेज्म से पहले सिरदर्द :*
ऑर्गेज्म से सिर दर्द जुड़ा हो सकता है। यौन उत्तेजना के कारण सिर और गर्दन में मांसपेशियों में संकुचन होता है, जिससे सिर में दर्द होता है। अक्सर यह दर्द माइग्रेन से ग्रस्त लोगों में हो सकता है।
ऑर्गेज्म से ठीक पहले भी सिर दर्द हो सकता है। यह ब्लड प्रेशर में वृद्धि के कारण हो सकता है। यह कुछ मिनटों तक रहता है। यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक बार होता है।
*2. पोस्टऑर्गैस्मिक इलनेस सिंड्रोम :*
बुखार, धुंधला दिखना, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द, थकान, या सेक्स के तुरंत बाद ध्यान केंद्रित करने में समस्या भी हो सकती है। यह पोस्टऑर्गैस्मिक इलनेस सिंड्रोम हो सकता है।
यह इजेकुलेशन के तुरंत बाद पुरुषों को प्रभावित करता है। यह स्पर्म फ्लूइड के प्रति एक ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया से उत्पन्न होता है। यदि अधिक समस्या हो रही है, तो यूरोलोजिस्ट से जरूर मिलना चाहिए।
*3. पोस्टकोटल डिस्फ़ोरिया :*
एक स्टडी में यह बात सामने आई कि एक तिहाई महिलाएं बढ़िया सेक्सुअल एनकाउंटर के बावजूद उदास महसूस करती हैं। शोधकर्ता इसे पोस्टकोटल डिस्फोरिया कहते हैं।
यह लगभग 30 प्रतिशत महिलाओं को नियमित रूप से प्रभावित करता है। पोस्टसेक्स डिप्रेशन के कारण उदासी, एंग्जायटी, चिड़चिड़ापन हो सकता है। नियमित रूप से उदास महसूस करने पर एक्सपर्ट से मिलना जरूरी है।
ये भावनाएं पार्टनर के साथ या अन्य रिश्ते के मुद्दों में असमानता महसूस करने से भी संबंधित हो सकती हैं।
*4. स्पर्म एलर्जी :*
कुछ महिलाओं में स्पर्म के प्रति भी एलर्जी देखी जाती है। वीर्य कुछ महिलाओं की योनि में पीएच संतुलन को बदल देता है, जिसके कारण जलन, सर्विक्स बलगम, पित्ती और सूजन होती है।
स्पर्म एलर्जी के लक्षणों को कम करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प कंडोम का उपयोग करना है.
*5. यूटीआई :*
यदि आपको कभी यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हुआ है, तो इसके लक्षणों को अच्छी तरह से जानना जरूरी है। जब आप यूरीन पास करती हैं, तो दर्द होता है।
बार-बार टॉयलेट जाने की आवश्यकता होती है। इसके कारण घबराहट भी महसूस होती है कि आप अपने ब्लैडर को पूरी तरह से खाली नहीं कर पा रही हैं।
कुछ महिलाओं में यूटीआई होने की संभावना अधिक होती है। यह पुरुषों की तुलना में संक्रमण होने की संभावना 30 गुना अधिक होती है।
सेक्सुअल एक्टिविटी से महिला के यूरीनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया आ सकता है।
यदि आप यूटीआई से पीड़ित हैं, तो सेक्स के तुरंत बाद यूरीन पास करने का प्रयास करें। यह मूत्रमार्ग से किसी भी अवांछित बैक्टीरिया को बाहर निकाल सकता है।
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