बेहतर यह होगा कि संकुल प्राचार्य के प्रतिहस्ताक्षर के बाद अंकसूची जारी की जाए : अजय खरे
रीवा . समाजवादी जन परिषद के नेता अजय खरे ने कहा है कि शासकीय प्रवीण कुमारी पाठशाला रीवा मध्यप्रदेश के संकुल प्राचार्य के द्वारा आठवीं की अंकसूची की छाया प्रतिलिपि का सत्यापन नहीं किए जाने से विभिन्न स्कूलों में कक्षा 9 में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं को मुश्किल हो रही है . बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं संबंधित संकुल प्राचार्य के सत्यापन के बिना अंकसूची की छाया प्रतिलिपि लिए भटक रहे हैं .
70 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक श्री रामाधार पटेल की पौत्री का कक्षा 9 वीं में दाखिला हो गया , लेकिन उन्हें संकुल प्राचार्य के द्वारा सत्यापित अंकसूची की छाया प्रतिलिपि संबंधित स्कूल में जमा करानी है . श्री खरे ने बताया कि गत दिवस श्री पटेल ने स्कूल दाखिला के लिए अपनी पौत्री की कक्षा 8 की अंकसूची शासकीय मार्तंड स्कूल और शासकीय प्रवीण कुमारी विद्यालय के व्याख्याताओं से सत्यापित कराकर जमा कराई लेकिन संकुल प्राचार्य के हस्ताक्षर और पद मुहर के बिना उसे मान्य नहीं किया जा रहा है . इसी तरह सैकड़ों छात्र छात्राओं और उनके परिजन अंकसूची की छायाप्रति पर संकुल प्राचार्य के सत्यापन के लिए भटक रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है .बड़ी संख्या में पिछले हफ्ते से परेशान परिजनों का कहना है कि यदि अंकसूची की छाया प्रतिलिपि पर संकुल प्राचार्य के सत्यापन हस्ताक्षर और पदनाम मोहर नहीं लगती है तो संबंधित स्कूल के द्वारा छात्र छत्राओं को दिया गया दाखिला भी अमान्य कर दिया जाएगा .
आखिरकार इसकी जवाबदेही किसकी होगी . श्री खरे ने कहा है कि नियमानुसार अंकसूची पर कोई भी राजपत्रित अधिकारी का सत्यापन मान्य होना चाहिए . केवल संकुल प्राचार्य के द्वारा सत्यापित की गई अंकसूची की छायाप्रति को मान्य किया जाना प्रवेश लेने वाले छात्रों छात्राओं को व्यर्थ में परेशान करना है . श्री खरे ने कहा कि यदि संकुल प्राचार्य के हस्ताक्षर की इतनी अहमियत है तो अंकसूची जारी करने से पहले उस पर उनके प्रति हस्ताक्षर अनिवार्य हों . प्रति हस्ताक्षर कराने का काम संस्थागत हो , न कि उसे छात्रों छात्राओं और उनके परिजनों को सौंपा जाए . ऐसा करने पर छात्रों , छात्राओं एवं उनके परिजनों को अनावश्यक परेशानी से बचाया जा सकता है .