अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

 भूख का दर्द..!

Share

_पूर्व कथन : भूख पर ब्रायन डेवी (Hunger Pains : By- Brian Davey) की मार्मिक कविता का यह हिंदी रूपांतर है। भेड़िया और मेमना प्रतीक रूप में हैं।_      *~ जूली सचदेवा (दिल्ली)*

दजशतज़दा मेमने की है
न जाने कैसी रहस्यमय ख़ामोशी
क्योकि उस भेड़िये ने ओढ़ी है
एक वरदानी भेड़ की खाल

सारी ज़िंदगी मेमने ने की नफ़रत
चालाक भेड़िये के छलावे की
कैसे छलता था वह भेड़िया
लपककर घास के मैदान से

नहीं दिखलाता वह कभी
अपने चेहरे का शैतानी राज
सिर्फ़ दृष्टव्य होता रहा
भेड़िये का वह भेड़- मुखौटा!

शैतानी भेड़िया, प्रतीक्षारत
निरीह, बेबस, मेमने के लिए
आखिर जब बिछुड़ जाता था
वह मासूम असहाय मेमना
अपने परिजनों के झुण्ड से
जो करता था उसका संरक्षण
पहाड़ी के ऊपर ऊंची घाँस का
मैदान बनता था वधस्थली

तब होता भेड़िये का आक्रमण
आहिस्ता-आहिस्ता, इंच-दर-इंच
दबे पाँव बढ़कर, आगे ही आगे
बढ़ते ये मौत के क्रूर पंजे

अचानक नदी जल के भीतर से
तेज़ रफ़्तार आंधी की मानिंद
तभी मेमने के नथुने में भर जाती
उस आततायी भेड़िये की गंध

मुड़कर तेज़ रफ़्तार से मेमना
उतर जाता पहाड़ी से नीचे
और भूख से बदहवास भेड़िया
निराश, हांफता देखता रह जाता
हाथ से निकले शिकार को
भूख से होकर अधमरा!
(चेतना विकास मिशन)

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें