कृष्णकांत
अंग्रेजों से माफी मांगें सावरकर, वफ़ा निभाएं गोलवलकर, पेंशन गांठे सावरकर, अंग्रेजों के भर्ती कैम्प लगाएं सावरकर और श्यामा प्रसाद, लेकिन इन हरकतों के लिए भी गांधी जिम्मेदार।
टू नेशन थ्योरी दे रहे थे माफीवीर लेकिन देश के बंटवारे के लिए गांधी-नेहरू जिम्मेदार।
कश्मीर मामलों के पहले मंत्री बने संघी श्याम प्रसाद मुखर्जी लेकिन अशांत कश्मीर के लिए सिर्फ नेहरू जिम्मेदार।
गांधी की हत्या पर मिठाई बाटें संघी, लेकिन गांधी हत्या के लिए खुद गांधी जिम्मेदार।
सात साल से सरकार चला रहे हैं नरेंद्र मोदी, लेकिन देश की दुर्दशा के लिए कभी किसी सरकारी पद पर नहीं रहे राहुल गांधी जिम्मेदार।
अर्थव्यवस्था बर्बाद करें मोदी, लेकिन इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार।
तेल का दाम बढ़ाकर वसूली करें मोदी, लेकिन महंगाई के लिए राहुल गांधी जिम्मेदार।
कश्मीर में तीन साल से तमाशा कर रहे हैं मोदी-शाह, लेकिन कश्मीरी पंडितों के फिर से पलायन के लिए राहुल-प्रियंका जिम्मेदार।
लिस्ट बनाकर कॉरपोरेट के हाथों देश बेच रहे हैं नरेंद्र मोदी, लेकिन महंगाई के लिए कांग्रेस जिम्मेदार।
कृषि क्षेत्र अडानी को सौंपें नरेंद्र मोदी, लेकिन किसान आंदोलन के लिए कांग्रेस जिम्मेदार।
सौ साल से लगातार हिंदू-मुस्लिम करें ये, ईसाई, मुसलमान और कम्युनिस्टों के खिलाफ आग उगलें ये, लेकिन साम्प्रदायिकता के लिए कांग्रेस जिम्मेदार।
देश में हर गड़बड़ के लिए इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। सत्ता में हैं तब भी इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। ऐसा निठल्लापन दुनिया मे और कहीं मिलेगा?
पिछले सौ साल में एक काम बता दो जिसकी इन्होंने जिम्मेदारी ली हो। सौ साल में इस कुनबे की एक उपलब्धि रही कि इनके फैलाये जहर का शिकार हुआ एक बूढ़ा महात्मा, लेकिन उस हत्या के लिए ये भाई लोग खुद महात्मा को ही जिम्मेदार बताते हैं।
इनको बस जनता के पैसे पर मुफ्त मलाई मारना है, शाखा में फर्जी लट्ठ भांजना है, 8000 करोड़ के प्लेन में उड़ना है, 20 हजार करोड़ का हवा महल बनवाना है, सौ सौ करोड़ की रैलियां करके झूठ बोलना है और बकवास करना है। ये लोग इतने घटिया हैं कि केंद्र में सरकार इनकी, कश्मीर में सरकार इनकी, वहां पलायन हो रहा है, लोग मारे जा रहे हैं तो पूछते हैं कि राहुल-प्रियंका कहां हैं!
तब सारी जिम्मेदारी महात्मा गांधी, नेहरू और कांग्रेस की थी। आज सारी जिम्मेदारी राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस की है।
अब आप सोचिए कि आप इन्हें ढो क्यों रहे हैं?
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