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एनजीओ पर शिकंजा कसने की तैयारी…. जानकारी देने में सहयोग नहीं किया तो मान्यता होगी निरस्त

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भोपाल। सामाजिक न्याय विभाग में पंजीकरण कराकर केन्द्र और राज्य सरकार से मोटा अनुदान लेने वाली अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं (एनजीओ)पर सरकार ने शिकंजा कस दिया है। हर माह वित्तीय स्थिति की जानकारी नहीं देने वाली संस्थाओं का सरकारी अनुदान रोका जाएगा और निरीक्षण में सहयोग नहीं किया तो मान्यता भी समाप्त की जाएगी।
सामाजिक न्याय विभाग के प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला ने सामाजिक न्याय विभग से संबंधित अशासकीय संस्थाओं का निरीक्षण और कार्यवाही हर माह नहीं किए जाने पर विभाग के अफसरों और संबंधित जिलों के कलेक्टों को फटकार लगाई है। उन्होंने कलेक्टरों और सामाजिक न्याय विभाग के सभी संयुक्त, उप संचालकों को पत्र लिखकर बताया है कि सामाजिक न्याय विभाग से जुड़ी अशासकीय संस्थाओं का सतत निरीक्षण और आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा गया है लेकिन समीक्षा में पाया गया है कि अशासकीय संस्थाओं का हर माह निरीक्षण नही किया जा रहा है। यह स्थिति चिंताजनक है।  उन्होंने अब हर माह अशासकीय संस्थाओं का निरीक्षण और अन्य कार्यवाही करने के निर्देश अफसरों को दिए है।
 सभी समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र के विभाग से मान्यता प्राप्त सभी अशाकीय संस्थाओं का नवीन निरीक्षण प्रपत्र में हर माह औचक निरीक्षण करना होगा और  निरीक्षण से पूर्व यह जरुरी नहीं है कि एनजीओ को पूर्व से निरीक्षण की सूचना दी जाए। निरीक्षण के बाद निरीक्षण रिपोर्ट अधिकतम तीन दिन में ही जिला कार्यालय को अनुशंसा सहित भेजा जाए। निरीक्षण में यदि कोई असामान्य स्थिति संस्था में मिलती है तो उसे टीप में अंकित करने के साथ-साथ जिला अधिकारी को भी अवगत कराया जाए।
यदि किसी अशासकीय संस्था द्वारा निरीक्षण में सहयोग नहीं किया जाता है अथवा चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है अथवा निर्धारित मापदंडों में संस्था का संचालन किया जाना नहीं पाया जाता है तो नियमानुसार उस संस्था की मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही जिले के संयुक्त और उप संचालक सामाजिक न्याय द्वारा सुनिश्चित की जाए।
संस्थाओं को बताया जाए कि जिले के संयुक्त और उप संचालक की अनुमति के बिना संस्था के पते, कर्मचारियों की जानकारी में संशोधन नहीं कर सकती है।मान्यता प्राप्त संस्था को हर माह संस्था में निवास करने वाले हितग्राहियों, कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी और माह में की गई गतिविधियों तथा पूर्व में शासन से प्राप्त अनुदान का उपयोगिता प्रमाणपत्र जिले के संयुक्त या उप संचालक को देना होगा। वित्तीय जानकारी नहीं दिए जाने की स्थिति में अनुदान हेतु आगामी प्रस्ताव ना भेजा जाए तथ वर्तमान में अनुदान का  दुरुपयोग किये जाने संबंधी प्रकरण दर्ज कराया जाए।
 किसी भी संस्था को अनुदान केवल उसी स्थिति में दिया जाएगा जब माह की निरीक्षण रिपोर्ट, हितग्राही, कर्मचारी की जानकारी , उपयोगिता प्रमाणपत्र और अनुशंसा रिपोर्ट जिला कार्यालय द्वारा संचालनालय को भेजी जाएगी। एनजीहो का पंजीयन पोर्टल पर होंने और जिला कार्यालय द्वारा उसकी सत्यापन रिपोर्ट पोर्टल् पर दर्ज, अपलोड करने के बाद ही अनुदान प्रस्ताव भेजा जाए।ऐसा नहीं करने तथा गलत अनुशंसा करने पर संबंधित जिले अफसर जिम्मेदार होंगे तथा उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। अशासकीय संस्थाओं को विभागीय मान्यता एवं अनुदान हेतु आॅनलाईन प्रणाली पर स्पर्श पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य रुप से समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अािध्कारी कराएंगे। निरीक्षण में यह सारी कार्यवाही नहीं किए जाने के बाद बनने वाली अप्रिय स्थिति के लिये जिले के संयुक्त और उप संचालक जिम्मेदार होंगे।

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