आवेश तिवारी ने लिखा है, अदानी के पोर्ट भारत में ड्रग ट्रैफिकिंग का सबसे बड़ा ठिकाना बन गया है केंद्र में भाजपा (BJP) की सरकार आने के बाद गुजरात में अदानी के पोर्ट पर ड्रग के एसाइनमेंट बार-बार आ रहे हैं। ऐसे मामलों में कभी पुलिस किसी टिम्बर वाले को उठा लेती है तो कभी पीवीसी पाइप बनाने वाले को। यह कडवी सच्चाई है कि अदानी के बंदरगाह इस वक्त देश में नकली दवाओं और ड्रग्स की ट्रैफिकिंग का ही नहीं नार्को टेररिज्म का सबसे बड़ा जरिया बन गए हैं।
दिलचस्प यह है कि सरकार इसके बावजूद अदानी को नए बंदरगाह सौंपती जा रही हैं और नए टर्मिनल बनाने की इजाजत भी दे रही हैं। आइये देखते हैं अदानी के पोर्ट पर कब क्या पकड़ा गया-
1. 20 दिसंबर 2016 को अदानी के मुंद्रा पोर्ट पर आ रहे एक जहाज से श्रीलंका में 800 किलो कोकीन पकड़ी थी जिसकी कीमत 12 सौ करोड़ से ज्यादा बताई जाती है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और एटीएस ने जब जांच शुरू की तो पता लगा यह एसाइनमेंट गांधीधाम के एक टिम्बर व्यवसायी के नाम पर आ रहा था। यह उस वक्त दक्षिण एशिया में पकड़ा गया सबसे बड़ा एसाइनमेंट था। पता लगा यह जहाज इक्वेडोर, बेल्जियम सऊदी अरब होता हुआ भारत आ रहा था।
2. इसी वर्ष अप्रैल माह में मुंद्रा पोर्ट के नजदीक आठ पाकिस्तानी पकडे गए जो 3000 करोड़ से ज्यादा की हेरोइन लेकर आ रहे थे।
3. पिछले साल अदानी के हजीरा पोर्ट से 120 करोड़ की नशीली दवाएं बरामद की गई ट्रेमेडाल नाम के इस ड्रग को आईएसआईएस ड्रग भी कहते हैं।
4. मई 2019 को अल मदीना नाम के जहाज से 280 किलो ड्रग के साथ 6 पाकिस्तानी पकडे गए।
5. जुलाई 2017 में बलूचिस्तान में चीनी नियंत्रण में काम कर रहे ग्वादर पोर्ट से गुजरात के लिए निकले जहाज से 1500 किलो हेरोइन के एसाइनमेंट को कोस्ट गार्ड ने बीच समुंदर में पकड़ा।
ड्रग्स की हेराफेरी पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
1. अडानी के मुंद्रा पोर्ट पर 21,000 करोड़ का ड्रग्स पकड़ा गया..पर किसीने नही बोला कि अडानी ड्रग्स का व्यापार करता है.. बोलना भी गलत होता.. क्योंकि ऐसा कोई सबूत नही है.. पर अबतक ऐसा भी नही है कि किसीने सबूत ढूंढने की कोशिश की है.. (यानी अडानी के खिलाफ जांच के आदेश)
2. पर कॉमन सेंस कहता है: अडानी के पोर्ट पर ड्रग्स मिला तो अडानी संदेह के दायरे में होना चाहिए.. अगर मेरे घर पर ड्रग्स मिला होता तो अबतक मैं जेल में होता या नही?
3. तालिबान 21,000 करोड़ की ड्रग्स मोदी का खास दोस्त अडानी के पोर्ट पर भेजता है.. तालिबान क्या “कैश ऑन डिलीवरी” पर ड्रग्स बेचता है? ये 100% कैश का धंधा है.. यानी पेमेंट हो चुका है.. (टेरर फाइनेंसिंग इन इंडिया?)
4. तालिबान ने भारत के दूसरे पोर्ट पर ड्रग्स क्यो नही भेजा? अडानी के पोर्ट पर ही ड्रग्स क्यो भेजा गया? एड्रेस गलत नही था.. क्योंकि जहाज ड्रग्स ले कर अडानी के पोर्ट के लिए ही चला था.. गुजरात मे आसानी से ड्रग्स कैसे आया?
5. भारत मे 21,000 करोड़ की ड्रग्स खरीदने वाले 21 लोग भी नही है.. सरकार की इंटेलिजेंस से ऐसे “ड्रग्स सरगना” छुप नही सकते.. और ये पेमेंट बैंक से नही बल्कि गैरकानूनी तरीके से किया गया होगा..सरकार को कुछ नही मालूम? (फेंकता है साला)
6. एक संभावना और बनती है..मुंद्रा पोर्ट पर पहले भी ड्रग्स आती रही है.. हर बार ड्रग्स पोर्ट से निकल गई.. अबकी बार नही निकल पाई.. जब तक पकड़ा नही गया तब तक ड्रग्स “टैलकम पाउडर” था, यह संभावना बनी रहती थी।
7. एक संभावना और: 5 राज्यों और गुजरात के चुनाव आने वाले है..क्या ये ड्रग्स किसी राजनैतिक दल का चूनावी चन्दा था?
8. भारत मे पिछले दिनों हर विरोधी पर राष्ट्रीय सुरक्षा/देशद्रोह के नाम पर UAPA/NSA/नारकोटिक्स एक्ट लगा दिया गया.. 80 साल के बुजुर्ग को जेल में मरने दिया पर इलाज नही दिया.. तो अडानी पर कोई जांच क्यो नही? अडानी बेकसूर होगा तो बेदाग निकलेगा। आपको नोटबन्दी के वक्त वाला महेश शाह याद है? 13,500 करोड़ का कालाधन पकड़ा गया था.. कालाधन और महेश शाह दोनो गायब हो गए.. अडानी के पोर्ट पर ड्रग्स का मामला भी गायब हो जाएगा.. नफरत के बाद अब युवाओं की रगों में ड्रग्स का जहर भरने की तैयारी है? और अब 9 हज़ार करोड़ रूपये!
*व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से प्राप्त*