~ दिव्यांशी मिश्रा
भारत में रोज नहाना उतना ही आम है जितना कि रोज खाना खाना। कम से कम गांवों में तो जरूर। बहुत सारे लोग अपने आसपास ही आपको दिखे होंगे जो बिना नहाए खाना नहीं खाते। आंकड़े कहते हैं कि हमारे देश में ऐसे लोगों की संख्या 80 प्रतिशत है जो रोज नहाते हैं।
चीन में यही संख्या बिल्कुल उलट है। वहां की आधी आबादी हफ्ते में केवल दो बार नहाती है। अमेरिकी भी रोज नहीं नहाते. देखिए कितने स्वस्थ और सुंदर हैं चीनी एवं अमेरिकी.
क्या आपने कभी सोचा है कि रोज नहाना छोड़ कर दो दिन पर या तीन दिन पर नहाने पर आपका क्या नुकसान हो जाएगा? अभी तक आपका जवाब होगा – शरीर गंदा होगा। मगर ऐसा नहीं है।
वैज्ञानिकों ने शोध में दावा किया है कि मनुष्यों के लिए सप्ताह में 2–3 बार नहाना ही पर्याप्त है। बल्कि इससे ज्यादा नहाने से आपके शरीर को नुकसान (side effects of daily bath) होता है।
*नहाने और न नहाने के बीच की दुविधा :*
ब्रिटिश लेखक और पत्रकार डोनाचार्ड मैकार्ती के अनुसार, “रोज न नहाने वालों में मैं अकेला नहीं हूं। मैं अकेला तब होता हूं जब मैं ये स्वीकार करता हूं कि हां मैं रोज नहीं नहाता।”
इस बयान का सीधा सा मतलब है कि सामाजिक व्यवस्था आपको रोज नहाने के ढर्रे पर चलने के लिए प्रेरित करती है। अगर आप ऐसा ना करें तो आप जज किए जाएंगे।
लेकिन इसके अपने नुकसान हैं और हम उन नुकसानों की ही बात करने वाले हैं क्योंकि कोई भी ऐसा सोशल नॉर्म जो शरीर को नुकसान पहुंचाए क्या उसे पालन करने की जरूरत है? जवाब है नहीं।
आप शैंपू के किसी महंगे ब्रांड पर लिखे निर्देश याद करिए। बहुत आसानी से शैंपू लगाने के तरीके बताते हुए वो एक शब्द लिख देते हैं – रिपीट। उनके लिए इसका मतलब होता है कि जितना ज्यादा शैंपू खर्च होगा, उतना ही ज्यादा उनका सेल बढ़ेगा। लेकिन आपके बालों के लिए ज्यादा शैंपू ड्राइनेस ले कर आएगा।
इसलिए सोशल नॉर्म और कन्डीशनिंग की बात यहीं छोड़ते हुए हम चलते हैं मूल बात पर कि क्यों ज्यादा नहाना या रोज नहाना आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
*1. स्किन ड्राईनेश :*
हावर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिपोर्ट कहती है कि रोज और बार बार ना नहाने का असर सबसे ज्यादा आपकी त्वचा पर पड़ता है। इसके अलावा ये आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को भी कमजोर कर सकता है।
रोज ना नहाने की अपील का मतलब ये भी नहीं है कि आप गंदे तरीके से तमाम तरह का धूल अपने शरीर में चिपकाए रहें। साफ सुथरा रहना जरूरी है लेकिन इसके साथ ये भी समझना जरूरी है कि नहाना और साफ रहना दो अलग बातें हो सकती हैं।
नॉर्मली हमारा शरीर स्किन को ड्राइनेस से बचाने के लिए कुछ ऑयल प्रोड्यूस करता रहता है। जब हम नहाते हैं, खासकर गरम पानी से नहाते हैं तो ये ऑयल नष्ट हो जाता है। कुछ लोग अपने बदन को नहाने के दौरान भयानक तौर पर रगड़ते हैं जिसकी वजह से खुजली,ड्राइनेस स्किन की आम समस्या बन जाती है।
*2. स्किन इन्फेक्शन :*
सूखी त्वचा में बहुत आसानी से बाहर के नुकसानदायक बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं जो स्किन इन्फेक्शन का कारण बन सकता है। ऐसा इसलिए होता है कि जब स्किन ड्राई होती है तो इसका असर स्किन की सेहत पर भी पड़ता है और वो कमजोर हो जाती है, ऐसे में स्किन इतनी सक्षम नहीं होती कि बाहर के किसी भी नुकसानदायक है।
*3. रोग प्रतिरोधक क्षमता का ह्रास :*
हमारी स्किन में कई नेचुरल बैक्टीरिया और ऑयल होते हैं जो बाहरी नुसानदायक चीजों को अंदर जाने से रोकने में हमारे इम्यून सिस्टम की मदद करते हैं। रोज नहाने से स्किन का ऑयल तो खत्म हो ही जाता है।
इसके साथ ही नेचुरल बैक्टीरिया भी खत्म होने लगते हैं जिसका नतीजा ये होता है कि बाहरी बैक्टीरिया और वायरस आसानी से स्किन के रास्ते हमारे शरीर में जाने लगते हैं और नतीजतन हमारे इम्यून सिस्टम पर इसका असर पड़ता है।
*4. एंटीबायोटिक :*
नहाते वक्त हम जो एंटीबायोटिक साबुन रोज लगाते हैं वे हमारे त्वचा के छिद्र से हमारे शरीर के अंदर भी जाते हैं। इसका परिणाम ये होता है कि हमारे शरीर के अंदर बैक्टीरिया मरने लगते हैं और शरीर ऐसे बैक्टीरिया प्रोड्यूस करता है जो एंटीबायोटिक के मुकाबले ताकतवर हों।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो सकती है। चित्र:शटरस्टॉक
इसका नुकसान दूरगामी होता है, जब हम बीमार पड़ते हैं और हमें कई बार एंटीबायोटिक की जरूरत पड़ती है तब एंटीबायोटिक इसी वजह से काम नहीं करती क्योंकि हमारे शरीर ने एंटीबायोटिक रेजिसटेंट बैक्टीरिया प्रोड्यूस कर दिए हैं।
*हफ़्ते में कितनी बार नहाएं?*
अब इसका तो कोई आदर्श पैमाना नहीं जिससे ये तय किया जाए कि कितनी बार नहाना स्वास्थ्य के लिए ठीक है। इस पर अभी एग्जेक्ट आंकड़े बताने वाली स्टडी भी नहीं हुई है।
पर इतना ज़रूर है कि रोज़ नहाने की आदत को आप हफ्ते में तीन-चार बार या पांच बार मे बांट सकते हैं।
हां, हमें पता है कि बिना नहाए दफ्तर जाने में,बाज़ार जाने में आपको इरिटेशन जैसा महसूस हो सकता है। कई बार लोगों को ऐसा करना शरीर को भारी महसूस कराता है, लेकिन अब स्वास्थ्य के नजरिये से देखते हुए स्टडी की तरफ देखेंगे तो रोज़ ना नहाने का ही विकल्प सही मिलेगा।
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