नई दिल्ली
बजट के बाद इंपोर्टेड स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट और अप्लायंसेज महंगे हो सकते हैं। सरकार कम से कम 50 चीजों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसमें 5% से 10% तक बढ़ोतरी हो सकती है। इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजना का हिस्सा है। इसका मकसद देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल और फर्नीचर पर पिछले साल भी ड्यूटी बढ़ी थी
कोरोना के कारण सरकार का रेवेन्यू घटा है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 20 से 21 हजार करोड़ रुपए का इंतजाम कर सकती है। बजट में जिन चीजों पर ड्यूटी बढ़ सकती है, उनमें फ्रिज, एसी, फर्नीचर और इलेक्ट्रिक व्हीकल शामिल हैं।
फर्नीचर और इलेक्ट्रिक व्हीकल पर पिछले साल भी ड्यूटी बढ़ी थी। इस साल ड्यूटी बढ़ने से हाल ही में भारत में कदम रखने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला पर असर हो सकता है। उसने इसी महीने भारत में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। वह इस साल यहां इलेक्ट्रिक व्हीकल लांच करने की योजना बना रही है।
पिछली बार आम इस्तेमाल की कई चीजों पर ड्यूटी बढ़ाई गई थी
- 2020-21 के बजट में फुटवियर, सीलिंग फैन, फर्नीचर, खिलौने, अखरोट, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई थी।
- इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इंपोर्ट पर 5% से 15% तक ड्यूटी बढ़ाई गई थी।
- मोबाइल फोन के जरूरी कंपोनेंट प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (PCBA) पर ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 20% कर दी गई थी।
- बटर, चीज, फूड ग्राइंडर, रूम हीटर, टी-कॉफी मेकर, हेयर ड्रायर पर भी इंपोर्ट ड्यूटी 20% की गई थी, जो पहले 10% थी।