अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में मध्यप्रदेश के 8 युवा 150 दिनों से कर रहे हैं पदयात्रा

Share

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा दक्षिणी राज्यों का सफर खत्म कर 23 नवंबर को बुरहानपुर से मप्र में एंट्री करेगी। यूं तो राहुल के साथ कई लोग चल रहे हैं, लेकिन बात मध्यप्रदेश की करें तो यह यात्रा उन 8 युवाओं के लिए खास है जो इसी प्रदेश के रहने वाले हैं। इनमें 4 युवक और 4 युवतियां हैं। ये सभी राहुल के साथ कन्याकुमारी से यात्रा कर रहे हैं और कश्मीर तक साथ जाएंगे। ये सभी अपना घर-परिवार, माता-पिता और बच्चों को छोड़कर करीब 150 दिनों से पदयात्रा कर रहे हैं।

दिव्यांग का हाथ पकड़कर कराई पदयात्रा
मैं परेश नागर रायसेन जिले के दिवाटिया गांव का रहने वाला हूं। ग्रामीण परिवेश में पला-बढ़ा हूं। भारत जोड़ो यात्रा शुरू होने के कुछ दिनों पहले मैं अपनी दोस्त अवनी बंसल के साथ कन्याकुमारी से कश्मीर तक संविधान बचाओ, देश बचाओ यात्रा बाइक से करने की सोच रहा था। इस दौरान हमें पता चला कि राहुल गांधी भी ऐसी यात्रा कर रहे हैं तो हम इसमें शामिल हो गए। भारत जोड़ो यात्रा ने मुझे देश को नजदीक से देखने का मौका दिया है। हम अभी तक हमारी भोजपुर विधानसभा में छोटे-मोटे कार्यक्रम करते थे। भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होकर लग रहा है कि पूरा देश हमारे साथ चल रहा है। मैं हिंदी भाषी मप्र से ताल्लुक रखता हूं, पहली बार मैंने केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र की संस्कृति को नजदीक से देखा है। मेरे परिवार में मेरे माता-पिता एक छोटा भाई है बाकी 5 बड़ी बहने हैं जिनकी शादी हो चुकी है। हर दूसरे-तीसरे दिन मां से बात हो जाती है।

दिवाली पर घरवालों को बहुत मिस किया
परेश के मुताबिक- मेरे जीवन की पहली ऐसी दिवाली थी जब मैं घर से दूर था, लेकिन देश के नजदीक था। उस दिन मैंने अपने गांव को बहुत मिस किया। जब मैं इस यात्रा में शामिल हुआ तो प्रण लिया था कि मेरे घर के सामने से भी यह यात्रा गुजरेगी तो मैं घर नहीं जाऊंगा। मैं तभी लौटूंगा जब यह यात्रा कश्मीर में समाप्त होगी। राहुल गांधी ने मुझसे कहा था कि यह यात्रा नहीं देश के लिए तपस्या है। हम सभी यात्री तपस्या कर रहे हैं। गांव का आदमी हूं, इसलिए इतना चलना मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं है। अभी तक न तो मेरी सेहत खराब हुई है न ही कभी पैरों में छाले पड़े हैं। मैं एक सप्ताह जूते पहनकर चलता हूं, दूसरे सप्ताह चप्पल।

नूरी मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की सीनियर वाइस प्रेसीडेंट हैं। वे अपने दो बच्चों को छोड़कर यात्रा में शामिल हुई हैं। परिवार के बिना वो कैसे इस यात्रा को कर रही हैं, नीचे पढ़िए…

बच्चों के बोर्ड एग्जाम की टेंशन से भर आतीं हैं आंखें, लेकिन हिम्मत भी वहीं देते हैं
मैं नूरी खान उज्जैन से हूं। इस यात्रा का फैसला लेना मेरे लिए आसान नहीं था, क्योंकि मुझे 150 दिन (5 महीने) अपने परिवार और बच्चों से दूर रहना था। फिर भी देश को जोड़ने के लिए मैंने यह फैसला लिया। 7 सितंबर को कन्याकुमारी से मैं इस यात्रा से जुड़ी थी। कभी-कभी जब चलते-चलते थक जाते हैं तो पलायन करते हुए मजदूर याद आते हैं जो नंगे पैर और भूखे पेट चल रहे थे। लॉकडाउन की वो तस्वीरें हिम्मत देती हैं और मेरे पैरों में ताकत आ जाती है। मुझे मेरे दोनों बच्चों की बहुत याद आती है, क्योंकि दोनों 12वीं में पढ़ते हैं। दोनों की ही बोर्ड परीक्षा है। ऐसे में महसूस होता है कि मुझे अपने बच्चों के साथ होना चाहिए, लेकिन देश जोड़ने के कारण मैंने अपनी जिम्मेदारी परिवार के बाकी सदस्यों को सौंप दी है। यात्रा के दौरान कई बार तबीयत भी बिगड़ी, लेकिन मेरे दृढ निश्चिय के आगे शरीर भी एडजस्ट होता गया और अब कोई दिक्कत नहीं है।

मेरी तबीयत खराब थी, उसने अपने हाथ से खाना खिलाया नूरी के अनुसार- 17 नवंबर को मेरी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। डर लग रहा था कि वापस न जाना पड़े, लेकिन इस यात्रा में मुझे कई दोस्त मिले हैं। खांसी हो रही थी तो खाना नहीं खा पा रही थी। इतने में तेलंगाना की कार्तिका आई और अपने हाथ से खाना खिलाया। कानपुर की प्रतिभा तो मुझे छोटे बच्चे जैसा ट्रीट करती है। हम घर से दूर हैं, लेकिन यहां भी एक परिवार बन गया है जो हर पल एक-दूसरे की हिम्मत बढ़ा रहा है। वो मेरी और मैं उनकी भाषा और संस्कृति को जान रही हूं। यह तो असल भारत जोड़ो है। सर्दी आ चुकी है। जब लोग अपनी रजाई में दुबके होते हैं हम सुबह चार बजे उठकर चलने के लिए तैयार हो जाते हैं। जिस शहर से गुजरते हैं लोग सुबह-सुबह हमारा हाथ थामने पहुंच जाते हैं। यात्रा के दौरान मेरे बच्चे हैदराबाद पहुंचे थे मैं उनके साथ चार मीनार गई थी। राहुल गांधी भी मेरे बच्चों से मिले। वह पल उनके लिए बेहद खास था।

प्रतिभा रघुवंशी NSUI की नेशनल सेक्रेटरी हैं। वे अपने माता-पिता और छोटे भाई को छोड़कर भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुई हैं। वो कॉलेज के जमाने से ही सक्रिय कार्यकर्ता रही हैं।

माता-पिता को वॉइस मैसेज भेजकर बता देती हूं सब ठीक है
मैं प्रतिभा रघुवंशी, हमारा परिवार मूलत: गुना का है लेकिन पापा की सर्विस के कारण हम खंडवा के निवासी हो गए। छात्र जीवन के दौरान ही मैं NSUI से जुड गई और कांग्रेस परिवार का अभिन्न हिस्सा हो गई। राहुल गांधी की इस यात्रा का प्लान जब सार्वजनिक हुआ तो मेरे मन में कई उलझनें थीं। यात्रा में जाने का कोई फिक्स प्लान नहीं था, क्योंकि पापा की आंख का ऑपरेशन हुआ था और मुझे उनके साथ रहना था। पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण यात्रा में नहीं आ पा रही थी, लेकिन माता-पिता ने मुझे हिम्मत दी और मैं भारत जोड़ने वाली यात्रा का हिस्सा बन पाई। मेरी सारी जिम्मेदारियां अब मेरा छोटा भाई निभाता है। परिवार में पेरेंट्स के अलावा भाई और दो बहनें हैं, जिनकी शादी हाे गई है।

सबसे पहले पापा को बताती हूं पहुंच गई हूं प्रतिभा के मुताबिक- मैंने कभी भी अपने परिवार के बिना दिवाली नहीं मनाई है। इस साल मैं यात्रियों के साथ थी। दिवाली पर मैंने मां-पापा और भाई काे बहुत याद किया। दिवाली के एक दिन पहले मेरी छोटी बहन की सासु मां का निधन हो गया था, लेकिन नहीं जा पाई। यह मेरे लिए सबसे भारी क्षण था। यात्रा में निकलने से पहले एक वॉट्सऐप संदेश पापा को भेजती हूं। उन्हें बताती हूं कि कहां हूं और कहां तक जाने का प्लान है। यात्रा खत्म करके सबसे पहले मां-पापा से बात करती हूं । शाम को वीडियोकॉल पर बात होती है। यहां मुझे कई दोस्त मिले हैं। इस यात्रा में अपने देश को देख पा रही हूं। अलग-अलग भाषा, प्रांत के यात्री हैं, लेकिन यहां हम केवल भारतीय हैं। यात्रा की इसी फिलिंग ने मुझे टिकाए रखा है।

हरदा की रहने वाली अवनी सुप्रीम कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस कर रही हैं। उन्होंने राहुल से मिलकर देश में सस्ते और सुलभ न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट के डिसेंट्रलाइजेशन को जरूरी बताया।

उस अम्मा को देखकर मुझे पापा की बात याद आ गई
राहुल की यात्रा में शामिल हरदा की अवनी ने बताया, मैंने इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से लॉ किया। इसके बाद मैं हरदा आ गई। पिताजी की इच्छा के अनुसार मैंने हरदा कोर्ट में दो साल प्रैक्टिस की। इसके बाद दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हूं। महिला कांग्रेस के लॉ डिपार्टमेंट में समन्वयक हूं। इस यात्रा का एक अनुभव ऐसा है जो मेरे बचपन की कहानी से जुड़ा है। जब मैं कक्षा 8वीं में थी और अपने पापा के ऑफिस में थी, वहां एक बुजर्ग महिला बिना चप्पल में पैदल जा रही थी। मैंने पापा से पूछा कि ये इतनी तपिश में कैसे चल रही हैं। मुझे पापा ने बताया कि हमारे देश में करोड़ों लोग ऐसे हैं जिनके पास पहनने के लिए जूते-चप्पल नहीं होते।

गंभीरता से लोगों की बात सुन रहे हैं राहुल अवनी के अनुसार- मैं राहुल गांधी से मिली तो मैंने उनसे कहा कि देश में सस्ते और सुलभ न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का डिसेंट्रलाइजेशन जरूरी है। यदि सुप्रीम कोर्ट की बेंच देश के अलग-अलग क्षेत्रों ईस्ट-वेस्ट-नॉर्थ-साउथ रीजन में शुरू हो जाएं तो लोगों को दिल्ली तक आने से राहत मिलेगी। इस बात को राहुल गांधी ने गंभीरता से सुना और कहा कि ये बहुत लोगों से जुड़ा मसला है कानूनविदों और विशेषज्ञों से इस विषय पर बात करेंगे। मैंने उस दिन अनुभव किया कि इस यात्रा में राहुल गांधी को समाज के हर वर्ग से जुड़े लोग अलग-अलग समस्याएं और सुझाव दे रहे हैं। खास बात ये है कि राहुल सबकी बात गंभीरता से सुन रहे हैं।

भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ी ये खबरे भी पढ़ें…

ससुर का पैर फ्रैक्चर हुआ, बहू को सिखाया बंजारा नृत्य:राहुल की यात्रा में तलवार पर डांस करेंगी रीना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की मध्यप्रदेश में एंट्री 23 नवंबर को होगी। महाराष्ट्र में जलगांव के जामोद से होते हुए यात्रा बुरहानपुर के बोदरली गांव पहुंचेगी। बुरहानपुर में यात्रा का स्वागत बंजारा नृत्य से किया जाएगा। यहां की रहने वाली रीना नरेंद्र पवार सिर पर 51 मटकियां रखकर तलवार की धार पर खड़े होकर परफॉर्म करेंगी।

MP में तलवार पर डांस से होगा भारत जोड़ो यात्रा का वेलकम

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की मध्यप्रदेश में एंट्री 23 नवंबर को होगी। महाराष्ट्र में जलगांव के जामोद से होते हुए यात्रा बुरहानपुर के बोदरली गांव पहुंचेगी। यात्रा 13 दिन में प्रदेश के 6 जिले बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर-मालवा में घूमेगी। मप्र में यात्रा 399 किलोमीटर चलेगी।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें