नई दिल्ली । दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में जहां दही पर संग्राम छिड़ चुका है, वहीं पड़ोसी चुनावी राज्य कर्नाटक में दूध की लड़ाई तेज हो गई है। कांग्रेस ने गुजरात (Gujarat) की मशहूर डेयरी अमूल कंपनी को राज्य में एंट्री देने को बीजेपी (BJP) की साजिश करार दिया है। विधान सभा चुनाव से ठीक पहले अमूल की कर्नाटक में एं ट्री ने इसे चुनावी लड़ाई का हिस्सा बना दिया है।
इस बीच, दूध की लड़ाई में अमूल डेयरी को करारा झटका लगा है। बृहत बेंगलुरु होटल्स एसोसिएशन ने “राज्य के किसानों का समर्थन” करते हुए केवल नंदिनी दूध का ही उपयोग करने का फैसला किया है।
सियासी जंग के बीच कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जो 2013 से 2018 तक राज्य के सीएम रहे हैं, ने दावा किया कि गुजरात के डेयरी ब्रांड अमूल ने उनके शासनकाल में भी राज्य में एंट्री लेने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने उसे विफल कर दिया था लेकिन अब बीजेपी खुले हाथों से उसका स्वागत कर रही है।
पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक दौरे के दौरान कहा था कि अमूल और नंदिनी कर्नाटक के हरेक गांव में मिलकर डेयरी स्थापित करने की दिशा में काम करेंगे और जिस गांव में डेयरी नहीं होगी, वहां भी इसे स्थापित किया जाएगा।
कांग्रेस ने इसे बीजेपी की चाल बताया है और आरोप लगाया है कि गुजरात के दो बड़े नेता पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक के लोकल ब्रांड नंदिनी को बंद कराना चाहते हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि नंदिनी राज्य की जीवनरेखा है लेकिन बीजेपी के नेता हमपर अमूल थोपना चाहते हैं।
कांग्रेस नेताओं ने ये भी कहा कि हमें गुजरात मॉडल नहीं चाहिए, हमारे पास बेहतर कर्नाटक मॉडल है। सिद्धारमैया ने लोगों से अमूल का बहिष्कार करने का भी ऐलान किया है। इसके बाद अमूल का बहिष्कार ट्विटर पर #GoBackAmul और #SaveNandini टैग के साथ ट्रेंड करने लगा: