साल 2021 में बेरोजगारी की वजह से देश में 11724 लोगों ने आत्महत्या की। साल 2020 की तुलना में ये संख्या 26% ज्यादा है। इस फैक्ट को कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने साझा किया है। बेरोजगारी की इस सच्चाई को ट्विटर पर शेयर करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने सरकार पर जुमले बांटने का आरोप लगाया। साथ ही यह पूछा कि सरकार आखिर कब तक जुमले बांटेगी।
कांग्रेस महासचिव ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि बेरोजगारी दर 45 वर्षों में सबसे अधिक है, कांग्रेस महासचिव ने लिखा, वर्ष 2021 में देश में बेरोजगारी के कारण 11,724 लोगों की आत्महत्या से मौत हुई। यह संख्या साल 2020 के मुकाबले 26 फीसदी ज्यादा है। भाजपा सरकार में रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी युवाओं को निराश कर रही है।”
पिछले 8 साल में 1000 में से मात्र तीन लोगों को मिली नौकरी
प्रियंका गांधी ने अपनी इसी ट्वीट में आगे लिखा कि सरकार के पास “इस भयानक बेरोजगारी” का न तो कोई इलाज है और न ही कोई जवाब. सरकार कब तक जुमले बांटेगी? उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले आठ वर्षों में, नौकरी चाहने वालों में से प्रत्येक 1,000 में से केवल तीन को ही रोजगार मिला है।”
प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि भाजपा अर्थव्यवस्था के रीसेट के लिए रोडमैप तैयार करने के बजाय विपक्षी सरकारों के रीसेट पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
गौरतलब हो कि देश में बेरोजगारी दर अगस्त महीने में बढ़कर 8.28 फीसदी हो गई, जो जुलाई में 6.80 फीसदी थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने ग्रामीण बेरोजगारी 7.68 फीसदी थी, जबकि शहरी बेरोजगारी दर 7.68 फीसदी आंकी गई थी। इससे पहले हाल ही एनसीआरबी की रिपोर्ट में बताया गया था कि देश में आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर हैं।
चार साल की नौकरी पर भी प्रियंका गांधी ने कसा था तंज
इससे पहले अग्निवीर के तर्ज पर बैंकों में संविदा पर कर्मचारियों को रखे जाने की संभावनाओं पर आधारित खबरें आने के बाद प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट करते हुए सरकार पर तंज किया कि चार साल की नौकरी फिर बेरोजगारी वाली अंधेरी रात। भाजपा चार साल की नौकरी का मॉडल सभी नौकरियों में लागू करेगी। चार साल के लिए युवा ठेके पर रखे जाएंगे। चार साल बाद वे बेरोजगार हो जाएंगे। तब उन्होंने युवाओं का आह्वान किया है कि वे इस मॉडल के खिलाफ आवाज उठाएं अन्यथा पक्की नौकरियां बचेंगी नहीं।