अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

इस जंगल में भूल से भी अंदर नहीं जाता कोई मर्द, महिलाओं का कपड़े पहनना है वर्जित

Share

डेस्क। दुनिया भर में महिला अधिकारों की बात की जाती है. फिर भी जहां उन्हें बिना किसी डर के बाहर निकलने की आज़ादी नहीं मिल पाई है, वहीं इंडोनेशिया (Indonesia) में उनके लिए एक खास जंगल है, जहां सिर्फ महिलाएं ही रहती हैं. इस जंगल में महिलाओं के अलावा कोई जा भी नहीं सकता. खास तौर पर पुरुषों का यहां पहुंचना उनके लिए सज़ा की गारंटी है.

इस जंगल को बेहद पवित्र माना जाता है. जंगल महिलाओं का कपड़े पहनना भी वर्जित है. यहां जो भी महिलाएं जाती हैं, वे कपड़े नहीं पहन सकतीं. ये जंगल इंडोनेशिया के पापुआ में है. यहां रहने वाले बताते हैं कि जंगल की ये परंपरा कई पीढ़ियों से चली आ रही है. महिलाएं यहां प्राकृतिक अवस्था में ही घूमती हैं. उन्हें देखने कोई नहीं आ सकता. BBC इंडोनेशिया के मुताबिक पुरुष अगर यहां झांकते भी पकड़ गए तो उन्हें हर्जाना देना होता है.

जंगल में आना है, तो नहीं पहनने हैं कपड़े
यहां रहने वाली एंड्रियाना मेरौड्ज़ी ) बीबीसी से बात करते हुए बताती हैं कि ये जंगल हमेशा से ही सिर्फ महिलाओं का रहा है. वे बताती हैं कि जब उनका जन्म हुआ, तब भी ये परंपरा मौजूद थी. न तो इसके नियम बदले न ही कोई बाहर से यहां से आया. जंगल में घुसने के लिए आपको अपने कपड़े उतारने ही होते हैं. इस पवित्र जगह पर कपड़े नहीं पहने जा सकते. महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुरुषों का यहां आना मना है. अगर वो ऐसा करते हैं तो उन्हें ट्राइब कोर्ट में ले जाया जाता है. जब महिलाएं यहां आती हैं तो वे एक-दूसरे को तमाम कहानियां भी सुनाती हैं.

पुरुषों के लिए है जुर्माना
नियम तोड़कर अगर कोई पुरुष इस जंगल में झांकता हुआ मिलता है, तो नियम के मुताबिक उसे 5 हजार से ज्यादा का जुर्माना देना होता है. ये जुर्माना पॉलिश्ड चिकने पत्थरों के तौर पर होता है, जो यहां चलता है. महिलाएं जंगल में एक खास तरह की सीपियां इकट्ठा करने के लिए आती हैं. वे समुद्र और कीचड़ में आराम से उतर जाती हैं और नावों में सीपियां इकट्ठा करके लाती हैं, फिर इन्हें बेचा जाता है. इसके लिए महिलाओं का झुंड जंगलों में जाता है.

इन महिलाओं के लिए बड़ी मुश्किल ये हो चुकी है, कि अब लोग शहरों से जंगलों के किनारे भी आने लगे हैं. इसके चलते उन्हें अपने काम में भी दिक्कत होती है. पहले जहां 1-2 घंटे में ही वो काम पूरा करके आ जाती थीं, अब उन्हें सीपियां ढूंढने में पूरा-पूरा दिन लग जाता है. हालांकि उन्हें अपनी परंपरा को अब भी ज़िंदा रखा है.

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें