कांग्रेस की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की 3,570 किलोमीटर लंबी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ बुधवार से शुरू हो रही है। राहुल गांधी कांग्रेस के इस देशव्यापी अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। पार्टी की यह कवायद भारत जोड़ो के जरिये कांग्रेस जोड़ो की भी है। पार्टी इसके जरिये पूरे देश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संदेश देने की कोशिश में है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार राहुल गांधी और कांग्रेस इस यात्रा के जरिये 2024 चुनाव से पहले पार्टी के लिए एक एजेंडा सेट करना चाहते हैं। यह यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरेगी और लगभग 150 दिनों की इस पदयात्रा में 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। इसके साथ ही विभिन्न राज्यों में छोटे स्तर पर ‘भारत जोड़ो यात्राएं’ निकाली जाएंगी। कांग्रेस का कहना है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ परिवर्तनकारी राजनीति के लिए है। कांग्रेस ने यात्रा को लेकर पीएम पर भी निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा ‘मन की बात’ नहीं बल्कि जनता के लिए चिंता है।
पार्टी में जान फूंक देगी भारत जोड़ो यात्रा?
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इस यात्रा का मकसद यह संदेश देना भी है कि कांग्रेस ही वह पार्टी है जो भारत को जोड़ कर रख सकती है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगर जनता तक यह संदेश भली भांति पहुंच गया तो इससे पार्टी में भी फिर से जान आ जाएगी। पार्टी के नेता जयराम रमेश का कहना है कि भारत जोड़ो इसलिए जरूरी क्योंकि भारत टूट रहा है। क्यों टूट रहा है? इसके तीन कारण हैं। पहला आर्थिक विषमताएं, दूसरा राजनीतिक केंद्रीयकरण और संस्थाओं का दुरूपयोग और तीसरा सामाजिक ध्रुवीकरण।
अध्यक्ष पद पर संशय और यात्रा की शुरुआत
कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव की घोषणा हो चुकी है। इसके बावजूद यह साफ नहीं हो पा रहा है कि आखिर पार्टी की कमान कौन संभालेगा। क्या राहुल गांधी फिर से अध्यक्ष बनेंगे या लगभग 25 साल कोई गांधी परिवार से इतर कांग्रेस अध्यक्ष बनेगा। पार्टी में असंतोष के बाद गुलाम नबीं आजाद पार्टी छोड़ चुके हैं। उन्होंने कहा था कि पार्टी को ‘भारत जोड़ो’ के बजाय ‘कांग्रेस जोड़ो’ पर ध्यान देना चाहिए। राहुल के मन में क्या है यह कोई नहीं जानता। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर वरिष्ठ नेता शशि थरूर का कहना है कि अभी यह निर्णय लेने के लिए तीन सप्ताह का समय और है कि वे चुनाव में खड़े होना चाहते हैं अथवा नहीं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा मैंने अभी तक अपनी उम्मीदवार की न तो पुष्टि की है और न ही इससे मना किया है।’’ चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है। यदि आवश्यक हुआ, तो चुनाव 17 अक्टूबर को होगा। चुनाव परिणाम 19 अक्टूबर को आएंगे।
तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर से शुरुआत
7 सितंबर को राहुल गांधी यात्रा से पहले सुबह 7 बजे श्रीपेरुमबुदुर स्तिथ राजीव गांधी मेमोरियल जाएंगे। इसके बाद कन्याकुमारी के गांधी मंडपम में एक सर्व धर्म प्रार्थना सभा होगी जहां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन राहुल गांधी को तिरंगा सौंपेंगे। गांधी मंडपम से कुछ दूर स्थित सभास्थल तक सभी नेता पैदल जाएंगे। दोपहर 3 बजे राहुल गांधी विवेकानंद स्मारक शिला, तिरुवल्लुवर मेमोरियल और कामराज मेमोरियल पहुंचेंगे और शाम 5 बजे एक सभा होगी, जहां से यात्रा शुरू करने का औपचारिक एलान कर दिया जाएगा।
यात्रा में कांग्रेस का झंडा नहीं तिरंगा होगा
पार्टी का कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस का झंडा नहीं दिखेगा। इसके बजाए तिरंगा दिखेगा। यात्रा का मकसद समाज से नफरत खत्म करना बताया गया है। यात्रा के दौरान कुल 3,500 किलोमीटर लंबा सफर होगा। यह करीब 150 दिनों तक चलेगी। यात्रा में कुल 118 नेता पदयात्रा करेंगे। इसके अलावा अन्य यात्रीगण मौजूद रहेंगे, इस अस्थायी सूची में कांग्रेस युवा नेता कन्हैया कुमार, पवन खेड़ा और पूर्व पंजाब के मंत्री विजय इंदर सिंगला का भी नाम है, जो कन्याकुमारी से कश्मीर के बीच 3500 किमी पैदल चलेंगे।
भारत यात्री रोज चलेंगे 20-25 किलोमीटर
यात्रा में चिह्नित 118 यात्री प्रतिदिन औसतन 20-25 किमी की दूरी तय करेंगे। 118 ‘भारत यात्रियों’ में राहुल गांधी समेत नौ नेता 51-60 साल की उम्र के हैं। उन्होंने बताया कि 118 नेताओं में से 20 की उम्र 25-30; 51 की उम्र 31-40 व 38 की उम्र 41-50 के बीच है। यात्रा कन्याकुमारी से शुरू होगी। इसके बाद उत्तर की तरफ बढ़ते हुए तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबुर, मैसुरू, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, पठानकोट, जम्मू से गुजरने के बाद श्रीनगर में खत्म होगी। यात्रा में भाग लेने वालों का वर्गीकरण ‘भारत यात्री’, ‘अतिथि यात्री’ और ‘प्रदेश यात्री’ के तौर पर किया गया है।
विपक्ष के निशाने पर है यात्रा
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कांग्रेस पर सत्ताधारी दल बीजेपी की तरफ से लगातार हमला किया जा रहा है। बीजेपी ने कांग्रेस के भारत जोड़ो आंदोलन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह ‘गांधी परिवार बचाओ’ आंदोलन है। बीजेपी का कहना है कि भारत को केवल वही जोड़ सकता है जो भ्रष्टाचार छोड़ सकता हो। भाजपा ने आंदोलन शुरू करने से पहले राहुल गांधी से इन तमाम आरोपों पर पहले जवाब देने की मांग की। बीजेपी ने आईएनएस विक्रांत को लेकर भी कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधा था।