-निर्मल कुमार शर्मा,
आज भारत के वर्तमान समय में ही इसकी बदहाल हालात का जिम्मेदार केवल जातिवाद रूपी भारतीय सामाजिक कोढ़ है ! यहां जब तक इस जातिवादरूपी कोढ़ को पूर्णतया भस्म नहीं किया जाएगा, तब तक भारतीय समाज में समरसता आ ही नहीं सकती ! लेकिन तथाकथित उच्च जातियां जातिवाद को हर हाल में अक्षुण्ण बनाए रखना चाहतीं हैं, क्योंकि बगैर कुछ किए धरे उन्हें सामाजिक मानसम्मान,पद,पैसा आदि सब कुछ मिल जाता है ! जातिवाद खत्म करने के लिए सबसे बड़ा उपाय यही है कि 85 प्रतिशत बहुजन जातियों के लोग अपनी जाति का छद्म आत्मगौरव और आत्मबोध को भूलकर अपने बच्चों की अंतर्जातीय शादी करना शुरू कर दें ! यकीन मानिए कुछ ही वर्षों में जातिवादी रूपी किलों का ढहना अपने-आप शुरू हो जाएगा..!
-निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद,उप्र