नई दिल्ली. अफगानिस्तान में बीते कुछ दिनों में हालात इतनी तेजी से बदले कि वहां पर लंबे समय से रह रहे लोगों को भी भरोसा नहीं हो रहा है. काबुल (Kabul) में करीब 16 वर्ष गुजारकर दिल्ली लौटे एक भारतीय डॉक्टर का कहना है कि इतना डर और भ्रम उन्होंने कभी नहीं नहीं देखा. वो काबुल से इंडियन एयरफोर्स के विमान के जरिए वापस लाए गए लोगों में से एक हैं.
इंडियन एक्सप्रेस पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर का कहना है-हम सभी लोग घबराए हुए और बेचैन थे. इतने वर्षों में मैंने पहले कभी ऐसे हालात नहीं देखे. मेरी चार साल की बच्ची को फूड पॉइजनिंग हो गई थी और वो दवाएं ले रही थी. इसी बीच हम लोग तालिबान के काबुल में घुसने के वीडियो देख रहे थे. रात के समय में हमें गोलियों की आवाज सुनाई दे रही थी.
उम्मीद थी कि कम से कम कुछ महीने तो लगेंगे
पहचान न उजागर करने की बात करते हुए उन्होंने कहा-ये बेहद डरावना था. हमने कभी नहीं सोचा था कि हालात इतनी जल्दी इतनी बुरी तरीके से बिगड़ जाएंगे. हमें उम्मीद थी कि कम से कम कुछ महीने तो लगेंगे लेकिन ये सबकुछ दो से तीन दिन के भीतर हो गया. हम भाग्यशाली हैं कि सकुशल वापस लौट आए हैं.
हालांकि उनका कहना है कि बीते सालों में अफगानिस्तान में रहने के दौरान उन्हें अफगानी लोगों से बेहद प्रेम और स्नेह मिला. उन्होंने अफगानी लोगों के लिए अफसोस जाहिर किया है.
एस. जयशंकर ने किया ट्वीट, कहा-मुश्किल और जटिल था बचाव अभियान
बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को ट्वीट किया कि काबुल में मची तबाही के बीच दूतावास कर्मचारियों को वापस भारत लेकर आना एक मुश्किलभरा काम था. उन्होंने कहा-भारतीय राजदूत और दूतावास के कर्मचारियों को काबुल से भारत लाना एक मुश्किलभरा और जटिल काम था. उन सभी लोगों का शुक्रिया जिनकी वजह से ये संभव हो सका. वहीं विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारत के अफगानिस्तान में राजदूत और अन्य सभी भारतीय कर्मचारी वापस लौट चुके हैं. मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है-काबुल की स्थितियों को देखते हुए यह तय किया गया था कि दूतावास के कर्मचारियों को तुरंत वापस लाया जाएगा. ये काम दो चरणों में पूरा किया गया.