पटना: मुंबई में विपक्षी एकता को लेकर हुई तीसरी बैठक के बाद बहुत कुछ साफ दिखने लगा है। बिहार के सियासी जानकार और राजनीतिक पंडितों ने आकलन लगाना शुरू कर दिया है। ‘इंडिया’ गठबंधन की बनी कमेटी में तेजस्वी यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को जगह मिली है। सूत्रों की मानें तो बिहार में बहुत पहले ही सीट शेयरिंग के फॉर्म्युले पर बातचीत हो चुकी है। बिहार में सीट शेयरिंग का फॉर्म्युला तय करने की जिम्मेदारी नीतीश कुमार और लालू यादव को सौंपी गई है। सियासी सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार पर ये जिम्मेदारी दी गई है कि महागठबंधन में शामिल दलों की सीट संख्या वे ही तय करेंगे। उधर, लालू प्रसाद यादव सभी जातीय समीकरण को देखते हुए बिहार में लोकसभा की सीटों का बंटवारा करेंगे। कुल मिलाकर बड़े भाई और छोटे भाई ये महती जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं। सियासी सूत्रों का अनुमान कितना सही होगा, ये तो बाद में पता चलेगा। फिलहाल, सियासी गलियारों से जो आंकड़े और चर्चाएं निकलकर सामने आ रही हैं। उसके बारे में जान लेते हैं।
सियासी गलियारों में चर्चा
सबसे पहले बात कर लेते हैं बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल होने वाले दलों की। सियासी सूत्रों की मानें तो राजनीतिक गलियारों से पक्की खबर सामने आ रही है कि चिराग पासवान के चाचा महागठबंधन के संपर्क में हैं। पशुपति कुमार पारस हाजीपुर सीट को लेकर जिद पर अड़े हुए हैं। उधर, एनडीए में जिस तरह से चिराग ने अपनी पैठ बना रखी है। कहा जा रहा है कि एनडीए में सीट बंटवारे के दौरान चिराग पासवान का ख्याल रखा जाएगा। चिराग अभी युवा हैं। उनकी पहुंच नौजवानों तक है। पशुपति कुमार पारस अब ढलता सूरज हैं। इसलिए एनडीए चिराग पासवान को तरजीह देगा। इसी बात से नाराज पशुपति पारस लालू और नीतीश के खेमे में आने की जुगत में लगे हुए हैं। कहा जा रहा है कि पशुपति पारस के साथ तीन सांसद ‘इंडिया’ गठबंधन में आएंगे। उसके बाद जेडीयू अपने कोटे से इन सांसदों को मैनेज करेगी। सूत्रों से मिली जानकारी से पता चल रहा है कि इस साल के अंत तक बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से सीट शेयरिंग का पूरा मामला सुलझा लिया जाएगा।
लोजपा के सूत्रों की बात
लोजपा से जुड़े एक नेता का कहना है कि पशुपति कुमार पारस एक ही स्थिति में ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर मूव कर सकते हैं। वो स्थिति होगी जब चिराग पासवान को हाजीपुर से टिकट देने का फैसला होगा। अन्यथा पशुपति पारस कहीं नहीं जा रहे हैं। वहीं सूत्र बताते हैं कि एक दौर की बातचीत नीतीश और लालू के प्रतिनिधि से पशुपति पारस की हो चुकी है। वो बहुत जल्द बिहार में नीतीश कुमार के साथ होंगे। वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा है कि बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं। इसमें जेडीयू 16 और आरजेडी 16 सीट पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है। दोनों दलों में इस बात को लेकर पहले ही स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। कुल मिलाकर 32 सीटों पर नीतीश और लालू की पार्टी चुनाव लड़ेंगे तो बाकी बची सीटों में सबसे ज्यादा कांग्रेस को देने का प्लान है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस को लालू यादव मात्र 4 सीट देना चाहते हैं। मामला यही पर अटक सकता है। वहीं दूसरी ओर ये भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व ने पूरी तरह लालू यादव के ऊपर छोड़ दिया है कि वो कितनी सीटें देते हैं।
सीट शेयरिंग फॉर्म्युला तय
सीटों के बारे में चर्चा है कि कांग्रेस को 4 सीट देने के बाद बाकी बची सीटों में सीपीआई और सीपीआईएमएल को एक-एक सीट दी जाएगी। उधर, कयासबाजी ये भी लगाई जा रही है कि अभी यदि मुकेश सहनी ‘इंडिया’ गठबंधन में लौटकर आते हैं तो उन्हें एक सीट दी जाएगी। इतना ही नहीं पप्पू यादव को भी देर-सवेर ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा बनाया जाएगा। उन्हें भी एक सीट देने की बात कही जा रही है। सूत्र ने बताया कि जेडीयू और आरजेडी टकराव की स्थिति में अपनी सीटों में से स्थिति को मैनेज करेंगे। अपनी सीटों में कोई कटौती नहीं करेंगे। उनकी ओर से संबंधित पार्टियों को सीट अलॉट किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक जो अनुमान लगाया जा रहा है, उसके मुताबिक जेडीयू को 16, आरजेडी-16, कांग्रेस-5, सीपीआई-1, सीपीआई, एमएल-1 और मुकेश साहनी को एक सीट दी जाएगी। कुल मिलाकर बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर सारा मामला तय हो चुकी है। पशुपति कुमार पारस और मुकेश साहनी का इंतजार है। ‘इंडिया’ गठबंधन में जैसे ही उनकी एंट्री होगी बिहार में सीटों के बंटवारे का ऐलान कर दिया जाएगा।
काम बिगाड़ेंगे कांग्रेसी
‘इंडिया’ गठबंधन में प्रो एनडीए नेताओं के आने की बात को वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र खारिज करते हैं। उनका कहना है कि मुकेश साहनी पर थोड़ा शक इसलिए होता है कि पहले भी मुकेश साहनी इधर से उधर कर चुके हैं। पशुपति कुमार पारस की बात बिल्कुल गलत है। पशुपति कुमार पारस एनडीए के साथ हैं और रहेंगे। खुद पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि जब तक जिंदा रहेंगे एनडीए के साथ ही रहेंगे। रहा सवाल उनके हाजीपुर से चुनाव लड़ने का। धीरेंद्र ने कहा कि पशुपति पारस जैसे नेताओं को हैंडल करना अमित शाह और जेपी नड्डा को बखूबी आता है। चाचा-भतीजे की लड़ाई में बीजेपी बिहार में किसी प्रकार की कलह को बर्दाश्त नहीं करेगी। धीरेंद्र ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन में अभी बहुत पेच है। आप देख लीजिए कांग्रेस नेता और उनका केंद्रीय नेतृत्व बिहार में 5 सीटों को लेकर कतई तैयार नहीं होगा। जेडीयू और आरजेडी को अपनी सीट घटानी पड़ेगी। इतना ही नहीं कांग्रेस के कई उम्मीदवार अभी से ताल ठोक रहे हैं। यदि उनका टिकट कटता है तो वे बवाल करेंगे और निर्दलीय खड़ा होकर काम बिगाड़ सकते हैं।