रांची । महाराष्ट्र के साथ झारखंड में भी विधानसभा चुनाव नवंबर में दो चरणों में कराए जाने की संभावना है। आठ अक्तूबर के बाद चुनाव के तारीखों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू किए जाने की उम्मीद है। 22 नवंबर तक मतगणना की प्रक्रिया भी पूरी करने की दिशा में तैयारी चल रही है। भारत निर्वाचन आयोग की टीम के दो दिवसीय झारखंड दौरे, राजनीतिक दलों के सुझाव और तैयारी को लेकर आयोजित बैठकों से यह संकेत मिले हैं।
भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने मंगलवार को सभी आयुक्तों, जोनल आईजी, जिला निर्वाचन पदाधिकारी, डीआईजी, एसपी के साथ चुनाव की तैयारी पर बैठक की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि आयोग झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है। बुधवार को जम्मू कश्मीर में मतदान होने जा रहा है। 26-27 सितंबर को आयोग की टीम महाराष्ट्र का दौरा करेगी। वहां से लौटने के बाद झारखंड विस चुनाव पर निर्णय लेगी। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि चुनाव के समय किसी भी पार्टी का पक्ष लेने पर कठोर कार्रवाई होगी। चुनाव के समय किसी के गलत आरोपों से डरना नहीं है, अडिग रहें। जांच कर कार्रवाई करनी है। सभी राजनीतिक दलों को बराबर हक मिलना चाहिए, लेकिन किसी के दवाब में काम न करें।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने साफ किया कि मतदान केंद्र से दो किलोमीटर से अधिक दूरी होने पर मतदाताओं को लाने की व्यवस्था की जाएगी। सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। पोलिंग स्टेशन गेट से 200 मीटर की दूरी पर ही राजनीतिक दलों के टेबल रहेगी।
2019 चुनाव ऐसे हुए
● चुनाव का कार्यक्रम एक नवंबर 2019 को घोषित किया गया था
● 30 नवंबर 2019 से 20 दिसंबर 2019 के बीच मतदान पांच चरणों में हुआ
● 23 दिसंबर 2019 को मतगणना हुई थी
● 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी
राज्य की सीमाओं पर सख्त नजर रखने का निर्देश
चुनाव आयुक्त ने निर्देश दिया कि पड़ोसी राज्यों की सीमा पर मुस्तैदी से नजर रखनी है। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु पर खास ध्यान रखी जाए। रांची, खूंटी, चतरा और लातेहार में ड्रग्स के मामलों को साफ करने का डीसी-एसपी को निर्देश दिया गया है।
चुनाव से जोड़े जाएंगे राज्य के खिलाड़ी और कलाकार
भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि मतदाताओं को जागरूक करने के लिए राज्य के प्रमुख खिलाड़ियों को भी चुनाव से जोड़ने का निर्देश दिया गया है। यहां हॉकी-फुटबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी और छऊ नृत्य से मतदाताओं को जागरुक किया जा सकता है। चुनाव के दौरान मतदाताओं को जागरूक करने के लिए छोटी-छोटी डॉक्यूमेंट्री बना सकते हैं। साथ ही, राज्य की कला-संस्कृति, खेल और जितनी भी विशेषताएं हैं उसका मतदाताओं को जागरूक करने में इस्तेमाल कर सकते हैं।