सैकड़ों पात्र प्रतिभागियों का छिना अधिकार…महिला एवं बाल विकास विभाग की पूरी प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल…?
रायपुर । छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही भर्ती प्रक्रिया में अफसरों के गड़बड़झाले के चलते सरकारी नौकरियों पर पश्न चिन्ह लगा रहता है ताजा मामला महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित अध्यक्ष/सदस्य बालक कल्याण समिति के लिए होने वाले साक्षात्कार का लेकर है जहां ऐन मौके साक्षात्कार को स्थगित करने से पूरी प्रक्रिया पर पश्न चिन्ह लग रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस भर्ती प्रक्रिया में एक मंत्री का भाई मैरिट लिस्ट में अपनी जगह नहीं बना पाया तो उसका नाम इंटरव्यू नहीं आया इसके चलते उसे उक्त पद पर योग्य बनाने के लिए सारा खेल अफसरों द्वारा रचा गया था। बता दे कि साक्षात्कार में कुछ रोज पहले बिना कोई उचित कारण के बगैर इंटरव्यू को रद्द करने के बाद अभी तक नई तारीख विभाग से जारी नहीं की गई है।
नया रायपुर अटल नगर में होने वाले इस साक्षात्कार में विभाग द्वारा पूरी तैयारी नहीं हो पाई थी। ऐसे में कमेटी अध्यक्ष और सदस्यों का चयन से लेकर प्रतिभागियों तक जो पत्र जारी कर 9 सितंबर को साढ़े 10 बजे उपस्थिति का आदेश भी जारी कर दिया था। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि ऐसी कौन सी वजह थी जिसके चलते अधिकारी ने पूरा इंटरव्यू को फिर से नए सिरे से करने की बात कहकर, निर्धारित इंटरव्यू को निरस्त कर दिया गया। इस इंटरव्यू के निरस्त होने के कारण कई प्रभागियों को सूचना भी समय पर नहीं मिली। ऐसे में प्रतिभागियों का नवा रायपुर पहुंचना जारी था लेकिन सहमे लोग अपनी नाराजगी इसलिए भी जाहिर नहीं किए कि कहीं सूची से उनका नाम न कट जाए। इस इंटरव्यू का स्थगन होने का कारण क्या है यह बताने में अधिकारी चुप्पी साध रखी है जब यह मामले को लेकर अधिकारी से चर्चा की गई तो विभाग की डायरेक्टर तुलिका प्रजापति ने बताया की बाल कल्याण समिति के साक्षात्कार निरस्त नहीं किया गया है। केवल कुछ दिनों के लिए स्थगित किया गया है। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि ऐसी कौन सी आफतआन पड़ी कि अधिकारी ने पूरा इंटरव्यू फिर लेने की बात कहकर इंटरव्यू स्थगित कर दिया। इंटरव्यू स्थगित होने की कई प्रतिभगियों को समय पर सूचना नहीं मिली पाई।
अधिकारियो द्वारा किसके लिए रचा गया था यह खेल
खबर यह भी है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा मंत्री के भाई को इंटरव्यू में अपात्र घोषित कर दिया था। इसकी जानकारी भी मंत्री और उनके राखी भाई को नहीं थी। ऐसे में इंटरव्यू के समय के साथ स्थान और पात्र प्रतिभागियों को पत्र भी जारी कर दिया गया। जब जानकारी राखी भाई को हुई तो अपनी मंत्री दीदी से बोलकर बवाल कर दिया। और आखिर में यह फल यह मिला कि अपात्र आवेदन कर्ता को गौका देने के चक्कर ने सैकड़ों पात्र प्रतिभागियों का समय और अधिकार के पद का दुरूपयोग किया गया।