अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

कोरोना की तीसरी लहर क्या किसानों द्वारा आयोजित भारत बंद को समाप्त करने की साज़िश है?

Share

सुसंस्कृति परिहार 
27सितम्बर को भारतीय किसान सभा एवं अन्य संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है।इस आंदोलन को बड़े पैमाने पर किसान संगठनों के अलावा कई सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों का समर्थन मिल रहा है जिसकी पुष्टि सभा के अध्यक्ष हन्नान मौला जी ने की है। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बंगाल, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित सोलह राज्यों में इसकी जबरदस्त तैयारियों की सूचना है।युवा साथियों की भागीदारी और सक्रियता स्वप्रेरणा से देखने मिल रही है।इस आंदोलन में समाज के हर वर्ग की उपस्थिति होगी। क्योंकि ये आंदोलन अब सिर्फ तीन काले कानून हटाने की प्रतिबद्धता के साथ भारत बचाओ का आव्हान भी करने वाला है। जिसके तहत  निजीकरण,विमुद्रीकरण और देश की संपत्ति बेचने जैसे मुद्दे भी शामिल होंगे। 

bharat bandh delhi border seal, kisan mahapanchayat, skm and bku leader  rakesh tikait | किसान नेताओं का भारत बंद आज, जानें क्या खुलेगा और क्या  रहेगा बंद | Hindi News, देश


असम में एक वर्ग विशेष के लोगों पर गोली चालन से तीन लोगों की मौत और तिस पर जनसंपर्क विभाग के फोटोग्राफर का अमानवीय नर्तन।एक नाबालिग जो आधार कार्ड बनवाने गया था को गोली मारना असम की भाजपा सरकार की क्रूरता के परिचायक हैं। इंसानियत के ख़िलाफ़ जो कदम हरियाणा में किसानों के सिर फोड़े गए।वह भी आंदोलन का हिस्सा होंगे।
सबसे अहम बात यह है कि ये कैसी सरकार है जो अपने अन्नदाताओं  की उपेक्षा कर कारपोरेट को सहयोग कर रही है। असंवेदनशील इतनी कि किसानों की मौत पर सहानुभूति के दो शब्द नहीं कह सकती ।बढ़ते निजीकरण ने बेरोजगारों को अंगूठा दिखा दिया है। दूसरी कोरोना लहर के पीड़ित परिवार और  पहली लहर में घर वापस आने वाले आज भी दर दर भटक रहे हैं।वे दाने दाने को मोहताज है तिस पर खाद्य तेल, पेट्रोल,डीजल के बढ़ते दामों से प्रत्येक वस्तु पर मंहगाई की मार पड़ी है। ऐसे दौर में निश्चित तौर पर आम लोगों का झुकाव किसान आंदोलन की ओर बढ़ा है।करो या मरो जैसी स्थिति निर्मित हो रही है लेकिन किसान मोर्चे ने आंदोलन को शांतिपूर्वक सफल बनाने का आव्हान किया है साथ ही यह हिदायत भी दी गई है किसी ज़रुरत मंद को तकलीफ़ ना पहुंचे।बंद का आह्वान हाथ जोड़कर विनत भाव से करें। यकीनन यह आम भारतीय की लड़ाई है और इसका समाधान यही है कि ऐसी सरकार का डटकर सामना करें।तभी हल  निकल सकता है।
लेकिन आज जिस तरह गोवा और दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर आने की बात सामने आई है और दिन में 144 लगाने का काम शुरू हो रहा है। संभावित है दो दिन में सम्पूर्ण देश में ऐसे हालात बन जाएं और किसानों के बंद को बेअसर कर दिया जाए।जैसा कि मुंद्रा पोर्ट पर पकड़ी गई हैरोइन  से ध्यान हटाने असम में बर्बर गोली चालन किया गया।ये पैंतरे पुराने हो गए हैं आंदोलन को जितना रोका जाएगा वह उतना ही बढ़ेगा यह सत्य है दिलों में जो आग लग चुकी है वह बुझने वाली नहीं है किसी शायर ने कहा है कि

-आग जब लगती है तो कुछ ना पूछिए जनाब

आसमां को भी रुला देती है आग ।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें