जबलपुर । मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली इशिता भार्गव इलेक्ट्रॉनिक पर्सनल लाइसेंस (EPL) हासिल करने वाली भारत (India) की पहली पायलट (pilot) बन गई हैं। इसके साथ ही भारत भी चीन के बाद विमान के चालक दल के लिए ईपीएल लागू करने वाला दुनिया का दूसरा देश भी बन गया है। ईपीएल पायलटों को दिए जाने वाले पारंपरिक प्रिंटेड भौतिक लाइसेंस का डिजिटल संस्करण है, जिसे मोबाइल ऐप के जरिए प्राप्त किया जा सकेगा।
नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने गुरुवार को नई दिल्ली में पायलट के लिए ईपीएल प्रणाली का शुभारंभ किया। यह भारत में नागरिक उड्डयन के आधुनिकीकरण और सुरक्षा, संरक्षा और दक्षता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जबलपुर निवासी 22 वर्षीय इशिता भार्गव को सिविल एविएशन मिनिस्टर नायडू की उपस्थिति में नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में ईपीएल दिया गया। इशिता की इस उपलब्धि से खुश उनके पिता रजत भार्गव ने शुक्रवार को इस बारे में मीडिया से बात की।
रजत ने बताया कि इशिता ने दिसंबर में उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (IGRUA) से अपना कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग कोर्स पूरा किया था, जो कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय का एक स्वायत्त संस्थान है। उन्होंने बताया कि ईपीएल में एक निजी वाणिज्यिक पायलट की उड़ान का रिकॉर्ड होता है।
रजत ने बताया कि कैप्टन इशिता भार्गव के कमर्शियल पायलट बनने का सफर 19 साल की उम्र में शुरू हुआ था। इसके बाद उन्होंने इसके लिए तीन साल तक कठोर उड़ान प्रशिक्षण लिया। इस दौरान उन्होंने 100 घंटे से ज्यादा का उड़ान का अनुभव हासिल किया। कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने इस कमर्शियल लाइसेंस को प्राप्त किया है।
EPL जारी करने के बारे में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि, ‘EPL कार्मिक लाइसेंस का एक डिजिटल संस्करण है, जो पायलट के लिए पारंपरिक भौतिक लाइसेंस की जगह लेगा। यह eGCA मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से सुरक्षित रूप से उपलब्ध होगा, जो भारत सरकार की व्यापार करने में आसानी और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों के अनुरूप एक सहज और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा।’
बयान में आगे बताया गया कि, ‘EPL जारी करने के साथ, भारत अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) से अनुमोदन के बाद इस उन्नत प्रणाली को लागू करने वाला दुनिया का (चीन के बाद) दूसरा देश भी बन गया है।’
मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक ईपीएल के लॉन्च के साथ ही, प्रिंटेड कार्ड की जरूरत चरणबद्ध तरीके से कम हो जाएगी, जिससे लाइसेंसिंग प्रक्रिया काफी हद तक सुव्यवस्थित हो जाएगी। बयान में कहा गया है, ‘पायलटों के लिए EPL की शुरूआत वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त नियामक ढांचे की स्थापना में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह एविएशन इनोवेशन में एक ग्लोबल लीडर के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करता है और एक अधिक मजबूत और छेड़छाड़ से सुरक्षित लाइसेंसिंग सिस्टम सुनिश्चित करता है।’
ईपीएल वाणिज्यिक पायलटों को भौतिक प्रिंटेड लायसेंस ले जाने की बजाय मोबाइल डिवाइसेस पर अपने क्रेडेंशियल्स को स्टोर और एक्सेस करने की अनुमति देता है। इस पहल का उद्देश्य लाइसेंसिंग सिस्टम का आधुनिकीकरण करना, पहुंच में सुधार करना और विमानन उद्योग में पायलटों के लिए परिचालन दक्षता को बढ़ाना है।