दिव्या गुप्ता
उत्तराखंड के जोशीमठ पर संकट के बादल दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। अब इसरो (ISRO) और आइआइआरएस (IIRS) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जोशीमठ के आज के हालात दो साल पहले ही पता चल गए थे।
जोशीमठ आपदा को लेकर हाल में इसरो-एनआरएससी ने एक रिपोर्ट तथा कुछ फोटो में जारी की थीं। रिपोर्ट में कहा गया था कि जोशीमठ की जमीन तेजी से धंस रही है और प्रभावित पूरा इलाका कुछ दिनों के बाद नष्ट हो जाएगा।
रिपोर्ट के साथ जो तस्वीरें जारी की गई थीं, उनमें बताया गया था कि कैसे पिछले साल अप्रैल से जोशीमठ में भूमि धंसने की रफ्तार धीरे-धीरे तेज होती चली गई।
हालांकि अब कहा जा रहा है कि रिपोर्ट वापस ले ली गई है और यह अब एनआरएससी की वेबसाइट पर नहीं दिख रही है। इस पीडीएफ रिपोर्ट का लिंक भी काम नहीं कर रहा है।
हालांकि इस मामले में इसरो की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
जोशीमठ में भू धंसाव को लेकर इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के नैशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर की रिपोर्ट सामने आने के बाद लोगों में हड़कंप मच गया।
इसरो की तस्वीरें बेशक अब सामने आई हों मगर देहरादून का इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (IIRS) ने करीब दो साल की सैटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन करने के बाद पिछले दिनों सरकार को जो रिपोर्ट दी थी, उसमें बताया था कि जोशीमठ हर साल 6.62 सेंटीमीटर यानी करीब 2.60 इंच धँस रहा है।
आइआइआरएस देहरादून के वैज्ञानिकों ने जुलाइ 2020 से मार्च 2022 के बीच जोशीमठ और आसपास के करीब छह किलोमीटर क्षेत्र की सैटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला था।
इसरो की एक रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले 12 दिन के अंदर जोशीमठ की जमीन 5.4 सेंटीमीटर धंस चुकी है। इसरो ने जोशीमठ की सैटेलाइट तस्वीरों से इसका पता लगाया है।
इसमें दावा किया गया था कि जोशीमठ हर साल 6.62 सेमी. की दर से नीचे की ओर धँस रहा है। इसकी सैटेलाइट तस्वीर भी जारी की गई है। आइआइआरएस ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें जोशीमठ के थ्री-डी बदलावों को दिखाया गया है। वीडियो में दर्शाया गया है कि भू-धंसाव केवल जोशीमठ शहर में ही नहीं हो रहा है, बल्कि पूरी घाटी ही इसकी चपेट में है।
इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद राज्य के मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मेरी इसरो चीफ से बात हुई है। यह आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है, मगर इसरो जल्द इसे जारी करेगा।
इसके बाद 12 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह ने जोशीमठ पर विशेषज्ञों/वैज्ञानिकों के बोलने पर रोक लगा दी है और इसरो ने इस लगातार धँसते जा रहे शहर पर अपनी रिपोर्ट कल 13 जनवरी को वापस लेते हुए अपनी वेबसाइट से भी इसे हटा दिया है; बगैर इस बात की परवाह किये कि पारदर्शिता की कमी से अविश्वास और असुरक्षा की भावना और भी गहरी होती है।
हालांकि इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
जोशीमठ पर इसरो (Indian Space Research Organisation, ISRO) ने एक रिपोर्ट जारी की थी. सरकार द्वारा संचालित NRSC वेबसाइट से ये रिपोर्ट अब रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई है. इसरो ने सैटेलाइट की तस्वीरें जारी करते हुए पूरे जोशीमठ के डूबने की आशंका जताई थी.
वेबसाइट से ‘गायब’ हुई इसरो की रिपोर्ट
Joshimath
ISRO-NRSC की रिपोर्ट के मुताबिक जोशीमठ में अप्रैल 2022 से ही ज़मीन धसांव हो रहा है. शुक्रवार को रिलीज़ किए गए इस रिपोर्ट में सैटेलाइट Cartosat-2S की तस्वीरें थी. इस तस्वीर में पूरा जोशीमठ, सेना का हेलिपैड और नरिसंह मंदिर को सेंसिटिव ज़ोन बताया गया था.
इसरो की रिपोर्ट का लिंक काम नहीं कर रहा है. और उस पेज पर ये जानकारी दिख रही है.