इंदौर। मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक मंगलवार को आयोजित की गई। बैठक से पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंत्रीगण को दिए संबोधन में राज्य शासन की प्राथमिकताओं और गतिविधियों से अवगत करवाया। उन्होंने ये भी बताया कि इंदौरमें 27 अप्रैल को आईटी कॉन्क्लेव होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश ऐसा एकमात्र राज्य है, जहां वृहद और लघु सूक्ष्म, मध्यम उद्योगों को समस्त राशि का भुगतान पूर्ण हो चुका है। लगभग 2500 इकाइयों को यह लाभ मिल रहा है। औद्योगिक इकाइयों को कुल 3100 करोड़ की राशि जो वर्षों से दी जाना लंबित थी, प्रदान करने का कार्य किया गया है। एमएसएमई इकाइयों के लिए 216 करोड़ और वृहद इकाइयों के लिए 1777 करोड़ की राशि इसमें शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस सफलता के लिए मंत्री परिषद सदस्यों को बधाई भी दी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योग निवेश सब्सिडी वितरण समारोह में राज्य सरकार की उद्योग नीति और निवेशकों के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब निवेशकों के लिए एक आकर्षक स्थल बन चुका है, जहां उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सभी बाधाओं को दूर किया गया है। प्रदेश में व्यापार और उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है, जिससे स्थानीय और वैश्विक उद्यमी यहां निवेश के लिए उत्साहित हैं।
27 अप्रैल को इंदौर में मेगा कॉन्क्लेव
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की कि 27 अप्रैल को इंदौर में आईटी सेक्टर की पहली भव्य कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी। यह कॉन्क्लेव प्रदेश के आईटी क्षेत्र को नई दिशा देने का कार्य करेगा, जिसमें देश-विदेश की 200 से अधिक कंपनियां भाग लेंगी। राज्य सरकार इस आयोजन के माध्यम से प्रदेश के आईटी सेक्टर को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने और निवेशकों को आकर्षित करने का लक्ष्य रख रही है।
इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का नया दौर
मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) और रिज़नल इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव (RIC) की सफलता के बाद अब प्रदेश में जिला स्तर पर सेक्टर आधारित इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की शुरुआत की जा रही है। आईटी सेक्टर की इस पहली कॉन्क्लेव के बाद अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह के आयोजनों को बढ़ावा दिया जाएगा।
औद्योगिक विकास की दिशा में ऐतिहासिक पहल
मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। प्रदेश में वृहद औद्योगिक इकाइयों को 3100 करोड़ रुपये और एमएसएमई इकाइयों को 2162 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अब कोई भुगतान लंबित नहीं रहेगा, जिससे औद्योगिक इकाइयों को निर्बाध संचालन में सहायता मिलेगी।
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