रमेश तिवारी
बैंक की शाखा में खड़े बुजु्र्ग उस पट्टिका को बार-बार निहार रहे थे, जहां ताजा ब्याज दरों की सूची थी। बुजुर्ग महोदय उसे देख निराश थे। एक परिचित बैंक स्टाफ ने उन्हें रिलैक्स किया, एक स्कीम बताई जिसमें लगभग डबल रिटर्न की बात की गई। निवेश हो गया, बुजुर्ग भी खुश, बैंक स्टाफ ने उन्हें चाय भी पिलाई। बुजुर्ग ने किस स्कीम में निवेश किया, उसका नाम क्या है, इस सवाल का जवाब सिर्फ एसआईपी था। उन्हें पता नहीं था कि ये पैसा लगाने का तरीका है, स्कीम का नाम नहीं। रिटर्न में बाजार जोखिम भी हैं, इस सवाल पर उनका कहना था कि जोखिम के कारण ही ज्यादा मुनाफा है। और फिर इतना बड़ा बैंक है, स्कीम फेल थोड़े ही होगी। उन्हें यह फर्क नहीं पता था कि बैंक और म्युचुअल फंड का बिजनेस बिल्कुल अलग है। इस तरह की और शंकाओं पर बुजुर्ग को कोई दिक्कत नहीं थी, क्योंकि उन्हें परिचित बैंक स्टाफ के चेहरे पर पूरा भरोसा था।
एक अन्य मित्र ने बताया कि इन दिनों शेयर मार्केट में बड़ा लाभ हो रहा है। मैंने कहा कि मुझे भी बताओ, कैसे हो रहा है। उन्होंने बताया कि मुझे ज्यादा नहीं पता, मेरा एक भाई यही काम करता है, वो ही सब देखता है। इसी तरह एक जानकार ने बताया कि लंबे समय तक शेयर बाजार से दूरी बनाए रखी, क्योंकि समझ नहीं आता था। लेकिन एक परिचित बड़ा पीछे पड़ा था कई महीनों से, तो 5000 रुपये हर महीने की स्कीम में पैसा लगा दिया।
इन तमाम मिसालों से पता चलता है कि हम अपनी मेहनत की कमाई का निवेश कैसे करते हैं। यह मुमकिन है कि हमें निवेश की ज्यादा जानकारी न हो, लेकिन हम सलाह की कीमत नहीं चुकाना चाहते। हमें मुफ्त सलाह चाहिए होती है, भले ही सलाह देने वाला ज्यादा कमिशन के पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो। हम ईमानदारी से दी गई सलाह पसंद नहीं करते। कोई ये अच्छी तरह समझाने की कोशिश करे कि शेयर बाजार के जोखिम क्या हैं, हमें पसंद नहीं आता। इन दिनों हम सोशल मीडिया पर मिलने वाली सलाहों पर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं, क्योंकि वो हमें बाजार के माने हुए एक्सपर्ट लगते हैं। फिलहाल, मार्केट रेग्युलेटर इन इन्फ्लुएंसरों पर लगाम कसने की तैयारी में हैं। लेकिन कुछ बातें हम समझ सकते हैं।
निवेश से पहले हमें विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। सेबी की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड सलाहकारों की लिस्ट है। कुछ बातों का ध्यान हम भी रख सकते हैं। यह देखना होगा कि निवेश कितने समय के लिए रखने की उम्मीद है, कितना रिस्क सह सकते हैं, हमने अपनी संपत्तियों का अलग-अलग असेट्स में सही अनुपात में बंटवारा कर रखा है या नहीं। वैसे, हमारे धन की सुरक्षा में खुद हमारा भी रोल है, इसलिए जिस प्रॉडक्ट में निवेश करें, उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल करें, ये हमारी जिम्मेदारी है।