अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

नहीं है जनवरी साल का पहला मास और 01 जनवरी पहला दिन

Share

~सुधा सिंह

 जो जनवरी को पहला महीना मानते है वो जरा इस बात पर विचार करें :

   सितंबर,अक्टूबर,नवंबर और दिसंबर क्रम से 7वाँ, 8वाँ, नौवाँ और दसवाँ महीना होना चाहिए जबकि ऐसा नहीं है। ये क्रम से 9वाँ, 10वाँ, 11वां और 12वाँ महीना है।

    हिन्दी में सात को सप्त, आठ को अष्ट कहा जाता है. इसे अङ्ग्रेज़ी में sept (सेप्ट) तथा अक्टूबर (ओक्ट) कहा जाता है। इसी से september तथा October बना। नवम्बर के लिए तो सीधे-सीधे हिन्दी के “नव” को ले लिया गया है. दस अङ्ग्रेज़ी में “Dec” बनता है जिससे December बन गया।

 1752 के पहले दिसंबर दसवाँ महीना ही हुआ करता था। इसका एक प्रमाण  है। जरा विचार करिए कि 25 दिसंबर यानि क्रिसमस को X-mas क्यों कहा जाता है?

   इसका उत्तर ये है की “X” रोमन लिपि में दस का प्रतीक है और mas यानि मास अर्थात महीना। चूंकि दिसंबर दसवां महीना हुआ करता था इसलिए 25 दिसंबर दसवां महीना यानि X-mas से प्रचलित हो गया।

इन सब बातों से ये निस्कर्ष निकलता है की या तो अंग्रेज़ हमारे पंचांग के अनुसार ही चलते थे या तो उनका 12 के बजाय 10 महीना ही हुआ करता था। साल को 365 के बजाय 345 दिन का रखना तो बहुत बड़ी मूर्खता है.

    तो ज्यादा संभावना इसी बात की है कि प्राचीन काल में अंग्रेज़ भारतीयों के प्रभाव में थे. इस कारण सब कुछ भारतीयों जैसा ही करते थे. इंगलैण्ड ही क्या पूरा विश्व ही भारतीयों के प्रभाव में था जिसका प्रमाण ये है कि नया साल भले ही वो 01 जनवरी को माना लें पर उनका नया बही-खाता 1 अप्रैल से ही शुरू होता है।

     लगभग पूरे विश्व में वित्त-वर्ष अप्रैल से लेकर मार्च तक होता है. यानि मार्च में अंत और अप्रैल से शुरू। भारतीय अप्रैल में अपना नया साल मनाते थे तो क्या ये इस बात का प्रमाण नहीं है कि पूरे विश्व को भारतीयों ने अपने अधीन रखा था।

इसका अन्य प्रमाण देखिए :

   अंग्रेज़ तारीख या दिन 12 बजे रात से बदल देते है। दिन की शुरुआत सूर्योदय से होती है तो 12 बजे रात से नया दिन का क्या तुक बनता है?

   तुक बनता है : भारत में नया दिन सुबह से गिना जाता है. सूर्योदय से करीब दो-ढाई घंटे पहले का समय ब्रह्म-मुहूर्त्त की बेला कही जाती है और यहाँ से नए दिन की शुरुआत होती है।

    यानि की करीब 4 से 4.30 के आस-पास और इस समय इंग्लैंड में समय 12 बजे के आस-पास का होता है। चूंकि वो भारतीयों के प्रभाव में थे इसलिए वो अपना दिन भी भारतीयों के दिन से मिलाकर रखना चाहते थे.  तभी उनलोगों ने रात के 12 बजे से ही दिन नया दिन और तारीख बदलने का नियम अपना लिया।

जरा सोचिए :

  वो लोग अब तक हमारे अधीन हैं. हमारा अनुसरण करते हैं. हम राजा होकर भी अपने अनुचर का, अपने अनुसरणकर्ता का या सीधे कहूँ तो अपने दास का ही दास बनने को बेताब हैं।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें