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Jay Shah Exclusive Interview: मैं अचानक ही नहीं बन गया बीसीसीआई का सचिव…

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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सेक्रटरी और इस संस्था के बेहद प्रभावशाली शख्स माने जाने वाले जय शाह ने इंडस्ट्रियलिस्ट के साथ-साथ क्रिकेट में खास दिलचस्पी रखने वाले हर्षवर्धन गोयनका के साथ एक विशेष बातचीत की है। शाह ने गोयनका को यह इंटरव्यू मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में स्थित बीसीसीआई के हेडक्वॉर्टर में दिया जिसमें उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। पेश हैं इस बातचीत के मुख्य अंश…

सवाल: 30 साल से भी कम उम्र में बीसीसीआई के सबसे युवा सेक्रटरी बनने के अपने सफर के बारे में बताइए।
जवाब: मुझे इस बात की खुशी है कि आपने यह प्रश्न पूछा, चूंकि बहुत से लोग ऐसा अनुमान लगाते हैं कि मैं किसी तरह सीधे बीसीसीआई का सचिव बन गया। दरअसल, मैंने साल 2009 में ही सेंट्रल बोर्ड ऑफ क्रिकेट, अहमदाबाद के सदस्य के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद मैं साल 2009 से लेकर 2013 तक गुजरात क्रिकेट संघ (जीसीए) का कार्यकारी सदस्य चुना गया। जब मैं जीसीए के प्रशासन से जुड़ा, तो उस वक्त हमारी टीम रणजी ट्रोफी के प्लेट ग्रुप में हुआ करती थी। लेकिन, मेरे कार्यकाल के दौरान हमारी टीम ने अपना पहला रणजी ट्रोफी खिताब जीता। इसके अलावा हमने विजय हजारे और सैयद मुश्ताक अली ट्रोफी भी जीती। बीसीसीआई में मैं साल 2013 में इसकी मार्केटिंग कमिटी का सदस्य बना। उसके बाद मैं इसकी फाइनेंस कमिटी का सदस्य चुना गया जबकि 2019 से मैं बोर्ड का सचिव हूं जो कि बोर्ड के सभी सदस्यों (राज्य क्रिकेट असोसिएशंस) के बीच चुनाव प्रक्रिया के जरिए संपन्न हुआ।


सवाल: बीसीसीआई में आप अपनी कुछ उपलब्धियों के बारे में बताइए?
जवाब: जब मैंने कार्यभार संभाला तो मेरा पहला निर्णय नैशनल क्रिकेट अकैडमी (एनसीए) को मजबूत बनाना था। हमने इसकी स्थिति सुधारने के लिए 250 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की। हम इस साल जुलाई-अगस्त तक एनसीए में विश्वस्तरीय नई सुविधाओं की शुरुआत करने की उम्मीद कर रहे हैं। मेरे कार्यकाल में मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि 2020 में कोरोना महामारी के बीच यूएई में आईपीएल का आयोजन करना था। उस वक्त ओलिंपिक्स, इंग्लिश प्रीमियर लीग और फ्रेंच ओपन टेनिस जैसे खेल आयोजन पहले ही पोस्टपोन या रद्द हो चुके थे। हमने आईपीएल के आयोजन के लिए बायो-बबल का निर्माण किया। तब हमने दुनिया को दिखाया कि बीसीसीआई के पास क्या करने की क्षमता है।

हमने आईपीएल ब्रॉडकास्टिंग के लिए बिडिंग प्रॉसेस को भी बदलते हुए टीवी और डिजिटल प्रसारण के लिए अलग-अलग बोली लगवाई जिससे बोर्ड को 5000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी (कुल 48,390 करोड़ रुपये में से) हुई। इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) में बीसीसीआई के प्रतिनिधि के रूप में हमने आईसीसी से देय अपने रेवेन्यू को बढ़ाने में भी मदद की। नए रेवेन्यू आवंटन प्रक्रिया के तहत बीसीसीआई को 38.5% शेयर मिला, जबकि पहले यह शेयर 22.4% ही हुआ करता था।

RCB की कप्तान स्मृति मंधाना को ट्रॉफी सौंपते जय शाह और रोजर बिन्नी।

सवाल: मेरे हिसाब से आपकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक देश में महिला क्रिकेट को बढ़ावा देना रही है।
जवाब: जब हमने विमिंस प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) के आयोजन का फैसला किया तो मुझे इसके लिए लोगों को तैयार करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। मैंने एक तर्क यह इस्तेमाल किया कि आईपीएल की 51 पर्सेंट व्यूअरशिप महिलाओं की है। मैंने पुरुष और महिला क्रिकेटरों को एकसमान पैसे देने पर भी जोर दिया चूंकि यह भी महिलाओं को क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित करेगा। मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे निर्णय के बाद आईसीसी ने भी महिलाओं के वर्ल्ड कप में दी जाने वाली इनामी राशि पुरुषों के बराबर करने का ऐलान किया। हमने महिला टीम के लिए स्पोर्ट्स साइकॉलजिस्ट रखने की भी शुरुआत की और महिला टीम के लिए अमोल मजूमदार को बतौर डेडिकेटेड कोच नियुक्त किया।


सवाल: भारतीय क्रिकेट के अगले कदम के बारे में बताइए?
जवाब: हमने 2023 के मेंस वर्ल्ड कप में वाकई बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन खिताब जीतने से चूक गए। मैं आशा करता हूं कि हम इस साल टी20 वर्ल्ड कप की ट्रोफी घर लेकर आएंगे।

सवाल: भारतीय टी20 टीम के मौजूदा फॉर्म को आप कैसे देखते हैं?
जवाब: इस टीम में फॉर्म और अनुभव का बढ़िया संतुलन है। चयनकर्ता सिर्फ आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर टीम नहीं चुन सकते क्योंकि दूसरे देशों में खेलने का अनुभव भी जरूरी है।

सचिन के साथ जय शाह।

सवाल: आपके मुताबिक कौन-सी टीमें इस बार टी20 वर्ल्ड कप जीतने की मजबूत दावेदार हैं?
जवाब: भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और मेजबान वेस्टइंडीज… चूंकि ये सभी टी20 की अच्छी टीमें हैं।

सवाल: ऐसा दूसरी बार है जब भारतीय टीम तीनों फॉर्मेट्स में नंबर वन पर पहुंची है। इस उपलब्धि में आपकी क्या भूमिका है?
जवाब: एक प्रशासक के रूप में मैं क्रिकेट से जुड़े फैसले विशेषज्ञों पर छोड़ देता हूं। बीसीआई में हमने वीवीएस लक्ष्मण को एनसीए की देखरेख के लिए नियुक्त किया है और राहुल द्रविड़ हेड कोच हैं। इसलिए मेरी भूमिका सर्वश्रेष्ठ लोगों को चुनना और उनको सपोर्ट करना है। मैं उनमें पूरा भरोसा करता हूं और मुझे पता है कि वे बहुत शानदार काम कर रहे हैं।

सवाल: आपने इस साल आईपीएल में इम्पैक्ट प्लेयर के नियम को लेकर हो रही आलोचना के बारे में जरूर सुना होगा?
जवाब: यह एक प्रायोगिक मामला है। हम इस रूल पर खिलाड़ियों, फ्रेंचाइजी टीमों और सभी संबंधित पक्षों से संपर्क में हैं। मुझे लगता कि इससे मैच ज्यादा रोमांचक हो रहे हैं और ज्यादा भारतीय प्लेयर्स को खेलने के मौके मिल रहे हैं। अगर हमारे विचार-विमर्श में इसे लेकर असंतोष की बात सामने आती है तो हम इसमें बदलाव करेंगे।

सवाल: आईपीएल में बल्लेबाजों की मददगार पिच को लेकर क्या कहेंगे? यहां तक कि सुनील गावसकर ने भी कहा है कि पिचें एकदम एकतरफा हैं।
जवाब: मैं इससे पूरी तरह सहमत नहीं हूं। अगर आप एलएसजी और एसआरएच के बीच का मैच देखेंगे तो इसमें एलएसजी ने 20 ओवर में 165/4 का स्कोर बनाया, जबकि इसी पिच पर एसआरएच ने सिर्फ नौ ओवर में बिना विकेट खोए इस टारगेट को हासिल कर लिया। पिचें काफी अच्छी हैं जिन्हें बीसीसीआई के सेंट्रल क्यूरेटर की देखरेख में पारदर्शी तरीके से तैयार किया गया है।

एक इवेंट में सचिन और मुरलीधरन के साथ जय शाह।

सवाल: आपकी फेवरेट आईपीएल टीम कौन-सी है?
जवाब: बीसीसीआई सेक्रटरी के रूप में मुझे निष्पक्ष रहने की जरूरत है, लेकिन मुझे तमाम आईपीएल टीमों पर उनके खेलने के अलग अंदाज और लीग की सफलता में उनके योगदान के लिए उन पर गर्व है।

सवाल: आपका फेवरेट क्रिकेट स्टेडियम?
जवाब: निश्चित रूप से अहमदाबाद का नरेंद्र मोदी स्टेडियम। यह विश्व का सबसे बड़ा स्पोर्ट्स स्टेडियम है और इसमें शानदार सुविधाएं हैं। मैंने इस स्टेडियम की जिम्मेदारी लेते हुए पूरे स्टेडियम का निर्माण ढाई वर्षों में करवाया।

सवाल: आपका मैनेजमेंट मंत्रा क्या है?
जवाब: खेल की निगरानी और संचालन के लिए उपयुक्त लोगों का चयन और साथ-साथ वित्तीय मामलों में पारदर्शिता बनाए रखना। मैं स्वामी विवेकानंद की इस उक्ति से प्रेरित हूं- ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए।’

सवाल: बीसीसीआई की जो सारी आमदनी होती है उसका आप क्या करते हैं?
जवाब: इसका एक बड़ा हिस्सा राज्य क्रिकेट संघों को उनके इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के विकास के लिए दिया जाता है। बीसीसीआई को जो आमदनी होती है उसका 70% राज्य संघों को अपने ग्रासरूट कार्यक्रमों, इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास, टूर्नामेंट्स के आयोजन वगैरह के लिए बोर्ड देता है। उसके बाद 26 फीसदी रेवेन्यू खिलाड़ियों (इंटरनैशनल पुरुष एवं महिला क्रिकेटर्स और डोमेस्टिक क्रिकेटर्स) को भुगतान किया जाता है जो कि रिटेनरशिप और मैच फीस के रूप में होती है। वहीं, आईपीएल के मामले में रेवेन्यू को बीसीसीआई और फ्रेंचाइजियों के बीच 50:50 बांटा जाता है। बोर्ड को मिलने वाली फ्रेंचाइजी फीस का 70% हिस्सा भी असोसिएशंस को दिया जाता है।

Rudransh Mantri

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