-सुसंस्कृति परिहार
रहली विधानसभा की कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती ज्योति पटेल इस क्षेत्र के महाबली 8 बार के विधायक और मंत्री गोपाल भार्गव का मुकाबला चुनाव में कर रही थीं। मतदान के ठीक दूसरे दिन महाबली गिरोह के आतंकियों के बीच फंस गई। उन्हें हाल ही में कांग्रेस में आए भाजपा गढ़ाकोटा क्षेत्र के कार्यकर्ता की सूचना मिली कि भाजपा के गुंडे उसे परेशान कर रहे हैं।वे आनन फानन में रहली कार्यालय में मौजूद साथियों के साथ गढ़ाकोटा कार्यकर्ता के निवास पहुंचती है जिसकी ख़बर मिलते ही भाजपाई गुंडे गाली गलौज करते लाठी और पिस्तौलों के साथ ज्योति के गेट प्रवेश के बाद पूरे आवेग में घर में घुसने की चेष्टा करते हैं। ज्योति सुरक्षित घर में अपने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचती हैं और गेट में ताला जड़ दिया जाता है।बाकी बचे कार्यकर्ता हमले में घायल होते हैं जिनमें से एक बहुत गंभीर है जिसका आज आपरेशन होना है।बाकी सारा गुस्सा ज्योति के साथ आई गाड़ियों पर निकाला जाता है।
ये तो अच्छा हुआ इस घटना को कार्यकर्ताओं ने वीडियो में रिकार्ड कर लिया है जो पुख्ता सबूत हैं।इस बीच ज्योति सारी जानकारी पुलिस अधीक्षक को देती हैं और जनता से लगभग रोते हुए यह कहती हैं देखिए वे बुरी तरह घिरी हुई हैं किसी भी क्षण उनकी हत्या हो सकती है। फेसबुक पर यह जानकारी तेजी से वायरल हो जाती है किंतु सागर पुलिस पर जूं नहीं रेंगती।एक दो पुलिस वाले पहुंचते हैं वे गुंडों के साथ कैसा व्यवहार कर रहे हैं वीडियो में साफ़ दिखता लालशर्ट में एक इंस्पेक्टर भी गुंडों के साथ हमलावर नज़र आ रहा है।गाली गलौज,पिस्तौल चलने, हथगोले फूटने और लट्ठों का चलना भी साफ-साफ नज़र आ रहा है करीबन तीन घंटे बाद कुछ पुलिस अधिकारी पहुंचते हैं वे उन्हें पकड़ने का दुस्साहस नहीं करते खदेड़ते नज़र आते है। ज्योति ने इसी वक्त वीडियो में यह भी बताया कि एक बीस वर्षीय युवक से कुछ हथियार पकड़वाने के बाद उनकी क्षतिग्रस्त गाड़ी में रखवाए गए।
घटना के लगभग चार घंटे बाद ज्योति पटेल और उनके कार्यकर्ताओं को पुलिस अपने संरक्षण में थाने ले जाती है रिपोर्ट नहीं लिखी जाती समझाईश दी जाती है मामूली दफ़ा लगाने की बात होती है ।रात डेढ़ बजे वे सब पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट होकर घर आ जाते हैं।
इस घटना की ख़बर जब कांग्रेस कार्यालय पहुंचती है तो कमलनाथ तुरंत एक पत्र जारी कर घटना पर रोष प्रकट करते हैं ज्योति को सहयोग का वचन भी देते हैं।उधर सागर जिले में हो रहे अत्याचार पर पहले भी पीड़ित के घर अपनी पहचान कायम करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जो राजनगर, छतरपुर में कांग्रेस कार्यकर्ता की भाजपाइयों द्वारा मारे जाने पर थाने के सामने अनशनरत थे यहां ज्योति के साथ थाना जाकर मामला दर्ज कराते हैं।तब 80 लोगों के नाम सामने आते हैं जिनमें गोपाल भार्गव का भाई राम भार्गव का नाम शामिल है। पुलिस वीडियो में चेहरे पहचान कर कार्रवाई करने की बात कर रही है।
इस तमाम घटना का ज़िक्र इसलिए ज़रूरी है कि इस मामले को महाबली उल्टा करने की बात कर रहे हैं। गोपाल भार्गव को जान खतरा है। ज्योति पटेल की
आई गाड़ियों में हथियार वगैरह मिले।जिन वीडियो का सीधा प्रसारण किया गया उसे झूठ बताया जा रहा है।कुल मिलाकर भाजपाईयों को अब तक सरकार और उसके अफ़सरओं का संरक्षण मिल रहा है।जो निंदनीय और आपत्तिजनक भी है। भलाआंखों देखे सच को कब तक छिपाया जाएगा?
चुनाव से पूर्व मैंने स्वत:इस क्षेत्र का दौरा किया था तब लोगों ने कांग्रेस कार्यालय ना होने और एक भी कांग्रेस झंडा मिलने की बात कही थी।वह सच ही था आतंक का साया इस कदर था कि गढ़ाकोटा से रहली और किसी भी गांव में एक भी कांग्रेस का झंडा नहीं मिला।तब ज्योति ने यह भी बताया था कि कोई भी गढ़ाकोटा में अपना मकान कार्यालय बनाने देने को तैयार नहीं है। चुनाव के चंद रोज पहले ही इसी कार्यकर्ता ने आफिस खुलवाया था।यही खुन्नस ज्योति तक पहुंची। लोगों की बात याद आती है दीदी झंडों में नै परौ उंगरियां गिन लईयो।लगता है उंगरियां ज्योति पटेल को ही लगी है ई वी एम पर। इसलिए महाबली परेशान हैं अपने बेटे अभिषेक भार्गव का डूबता भविष्य देखकर। इसलिए मोदीजी जी तरह भार्गव भी हर कोने से कांग्रेस की सफाई चाहते हैं।
बहरहाल इंजीनियर और जिला पंचायत सदस्य ज्योति पटेल उनके साथ जुड़े प्रदेश के तमाम कुर्मी संगठन, कुशवाहा समाज और ओबीसी महासभा के साथ कांग्रेस पार्टी की एकजुटता प्रदेश को मज़बूती देगा। ज्योति जीत जाए तो आश्चर्य नहीं।उसने अपने आठ माह के मासूम के साथ बिताए जाने वाले महत्वपूर्ण समय को महाबली को परास्त करने में जाया किया है।आज उसकी आवाज संपूर्ण देश में गूंज रही है।उसके साहस और निर्भीकता से ही प्रेरणा लेकर बीना की कांग्रेस उम्मीदवार निर्मला सप्रे ने भी भाजपा उम्मीदवार की शिकायतों को दर्ज कराया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि महिलाओं का यह हौसला बरकरार रहेगा ताकि महिला आरक्षण से पूर्व ही वे मानसिक तौर पर दबंगों से लड़ने को तैयार हो जाएं। ज्योति के जज़्बे को सौ सौ सलाम। अंधेरों में आई ज्योति ज़िंदाबाद।