मुस्लिम युवाओं को भी किया आमंत्रित,भाजपा सहित विहिप बजरंग दल ने जताई कड़ी आपत्ति, चेताया-कड़े विरोध के लिए तैयार रहो
ताजा ताजा कांग्रेस से भाजपाई हुए कमलेश खंडेलवाल की जन्माष्टमी उत्सव की मटकी लटकने से पहले अधर में अटक गई। मामला जन्माष्टमी पर्व पर होने वाले दही हांडी उत्सव से जुड़ा है। खंडेलवाल ने इस आयोजन में मुस्लिम युवाओं को भी आमंत्रित किया। वे इस आयोजन को सांप्रदायिक सदभाव से जोड़ रहे थे। इसकी खबर जैसी ही भाजपाई हलकों तक पहुंची, विरोध शुरू हो गया। बाद में इस मुद्दे पर विश्व हिंदू परिषद ओर बजरंग दल भी मैदान में आ गए। भाजपा और हिन्दू संगठनों ने खंडेलवाल को चेताया कि वे इस तरह का आयोजन निरस्त करे। अन्यथा जोरदार विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहे। कांग्रेसी रहते खंडेलवाल का अल्पसंख्यक वर्ग में अच्छा जनाधार रहा है। खंडेलवाल उसी जनाधार को भाजपा से जोड़ने निकले थे। उनको उम्मीद थी कि मटकी फोड़ आयोजन में मुस्लिम युवाओं को जोड़कर वे भाजपा में अच्छा और नया सन्देश देंगे लेकिन भाजपा और हिन्दू संगठनों के त्वरित विरोध के बाद अब वे सहमे हुए है।
खंडेलवाल हाल ही में भाजपा में आये है। उनके भाजपा में आने से भाजपा की विधनासभा 1 की स्थानीय राजनीति के समीकरण उलट पलट गए। इसलिए स्थानीय पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता खंडेलवाल के भाजपा प्रवेश के खिलाफ थे। गुप्ता ने अंतिम समय तक पूरा जोर भी लगाया लेकिन खंडेलवाल की भाजपा में इंट्री रोक नही पाये। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ओर विधायक रमेश मेंदोला के कारण कमलेश भाजपाई हो गए। अब खंडेलवाल ने वे सब आयोजन भाजपा के बैनर पर करना शुरू कर दिए जो वे अब तक कांग्रेस के बैनर तले करते आ रहे थे। इसमे बड़ी संख्या में महिलाओं को सावन माह में ओंकारेश्वर की यात्रा कराना शामिल है। जन्माष्टमी का आयोजन भी उसी कड़ी का हिस्सा है।
खंडेलवाल हर साल ये आयोजन मल्हारगंज क्षेत्र में मदनमोहन जी मन्दिर के सामने करते है। कोरोना महामारी के कारण बीते दो साल से ये आयोजन नही हो पा रहा था। खंडेलवाल का ये मटकी फोड़ आयोजन इलाके में बेहद लोकप्रिय तो है ही, जन्माष्टमी का पुराने इंदौर का सबसे बड़ा आयोजन भी है। 51 हजार जैसी बड़ी इनाम राशि कार्यक्रम को चर्चित करती है। महामारी का संकट खत्म होने और खंडेलवाल के भाजपाई होने के बाद कमलेश इस बार इस उत्सव को बड़े और भव्य पैमाने पर करने जा रहे है। इसलिए उन्होंने अभी से इसकी शुरुआत कर दी है।
आयोजन संस्था सृजन के बैनर पर हो रहा है। इसमे इस बार 16 टीमें हिस्सा ले रही है। इस बार मुम्बई से भी मटकी फोड़ने के लिए टीम आ रही है। इसके अलावा देवास महू धार राऊ देपालपुर बेटमा से भी टीम आएगी। इमामी राशि इस बार भी 51 हजार रखी गई है। इस आयोजन में खंडेलवाल ने बम्बई बाजार, जूना रिसाला, मल्हार पल्टन, जिंसी, चंदन नगर के युवाओं को भी आमंत्रित कर लिया। विवाद यही से खड़ा हो गया। सबसे पहले भाजपा के पुराने नेता और पार्टी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ को अरसे तक सम्भालने वाले विकास अवस्थी ने विरोध दर्ज कराया। अवस्थी ने इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया और खण्डेलवाल को याद दिलाया कि अब आप भाजपाई हो ये न भूले। साथ ही चेताया भी की आप मुस्लिम युवाओं को इस अयोजन से दूर कीजिये नही तो जोरदार विरोध के लिए तैयार रहो। अवस्थी की चेतावनी को देखते ही देखते अन्य भाजपाइयों का तेजी से समर्थन मिला। खबर हिन्दू संगठनों तक पहुंची तो वो भी विरोध में उतर आए। विहिप के मंत्री और पूर्व बजरंग दल महानगर संयोजक राजेश बिंजवे ने खंडेलवाल को समझाइश के साथ ये कहते हुए विरोध किया कि साम्प्रदायिक सदभाव एक तरफ़ा नही होगा अब।
————
कमलेश भाई यह बात तो गलत है
विकास अवस्थी ने खण्डेलवाल को चेताते हुए लिखा है कि कमलेश भाई मुस्लिम भाइयों को धार्मिक आयोजनों से दूर ही रहने दो। बड़ी मुश्किल से तो इनकी गरबे में एंट्री बंद हुई है। अब आप मटकी फोड़ में बुला रहे हो। वहाँ बड़ी संख्या में महिलाएं भी रहती है फिर वहां कोई हरकत हुई तो उसका जवाबदार कौन होगा। भाईचारा निभाना है तो किसी दिन भगवान की आरती में बुलाइए। देखते हैं कितने लोग तिलक लगाकर आरती करते हैं, प्रसाद ग्रहण करते हैं ?मैं भाईचारे का समर्थक हूं लेकिन दोनों तरफ से होना चाहिए एक तरफ से नहीं। आपसे निवेदन है मटकी फोड़ में मुस्लिम भाइयों की सहभागिता निरस्त कीजिए वरना हम लोग आपके इस कृत्य का तगड़ा विरोध करेगे।