अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

कर्नाटक NEET के खिलाफ प्रस्ताव पास कर बना तीसरा राज्य

Share

बेंगलुरु : कर्नाटक विधानसभा ने गुरुवार को विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच आगामी जनगणना के आंकड़ों के आधार पर लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन, प्रस्तावित ‘एक देश, एक चुनाव’ और NEET के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। इन विषयों से संबंधित प्रस्तावों को ध्वनिमत से अलग-अलग उस समय पारित किया गया जब बीजेप और उसकी सहयोगी जनता दल (सेक्युलर) के सदस्य आसन के सामने विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे और मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) की ओर से मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती सहित अन्य लोगों को कथित तौर पर फर्जी तरीके से भूमि आंवटित करने के मामले पर चर्चा की मांग कर रहे थे। वहीं, सदन में पेश किसी भी प्रस्ताव पर चर्चा नहीं की जा सकी, क्योंकि विपक्षी सदस्य नारेबाजी कर रहे थे।

परिसीमन के खिलाफ प्रस्ताव में कहा गया कि कर्नाटक विधानसभा की मांग है कि केंद्र सरकार को 2026 या उसके बाद की जनगणना के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन नहीं करना चाहिए। आबादी के अनुपात में सीट की संख्या में वृद्धि करने की स्थिति में लोकसभा और विधानसभा सीट की संख्या 1971 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर तय की जानी चाहिए।

NEET के खिलाफ प्रस्ताव में क्या?

नीट से संबंधित प्रस्ताव में कहा गया कि इस परीक्षा से ग्रामीण इलाकों के गरीब बच्चों की चिकित्सा की पढ़ाई करने की संभावनाएं प्रभावित हो रही हैं और राष्ट्रव्यापी स्तर पर परीक्षा में कथित अनियिमितताओं को देखते हुए इसे खारिज किया जाना चाहिए। प्रस्ताव में मांग की गई कि कर्नाटक को इस परीक्षा से छूट दी जाए और चिकित्सा महाविद्यालयों में विद्यार्थियों का प्रवेश राज्य की ओर से आयोजित समान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) के आधार पर देने की अनुमति दी जाए। कर्नाटक के मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में सोमवार रात को इन प्रस्तावों के पेश करने की मंजूरी दी थी।

बिना चर्चा प्रस्ताव किया पास?

नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने कहा कि उनकी पार्टी परिसीमन पर चर्चा के खिलाफ नहीं है, क्योंकि वह भी नहीं चाहती कि राज्य की लोकसभा और विधानसभा सीट की संख्या में कमी आए, लेकिन यह तब किया जाना चाहिए जब सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चल रही हो या इसके लिए विशेष सत्र बुलाया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने ‘एक देश, एक चुनाव’ और नीट से जुड़े प्रस्तावों का विरोध किया। कांग्रेस नीत सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ से जुड़े प्रस्ताव में कहा कि इससे भारत के लोकतांत्रिक और संघीय प्रणाली को खतरा है।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें