अब्बास पठान
कश्मीरी टाइल्स देश का सबसे महंगा टाइल्स है.. अत्यंत चमकदार.. हीरे जवाहरात से महंगा.. अन्य किसी ब्रांड की एक लाख टाइल्स एक तरफ, और कश्मीर की एक टाइल एक तरफ.. देश में और भी बहुत सी टाइल्स है, जैसे गुजरात टाइल्स, बस्तर टाइल्स, उन्नाव टाइल्स, हाथरस टाइल्स, 84 टाइल्स, मुजफ्फरनगर टाइल्स, हाशिमपुरा टाइल्स, भागलपुर टाइल्स, दिल्ली टाइल्स.. मतलब आप 1947 से लगाकर आजतक का इतिहास देखिए, हर साल देश मे टाइल्स की एक बड़ी कम्पनी खुल रही है.. लेकिन 219 टाइल्स की जो कश्मीरी फाइल्स है, उसका मुकाबला देश की तमाम टाइल्स मिलकर नहीं कर सकती। क्योंकि वो है ही इतनी उत्तम.. कि का बताए भैया, आँसू आ जाता है !
कश्मीरी टाइल्स को हर सरकार ने मंहगी पोलिश से रगड़ रगड़कर चमकाया है.. मनमोहन सिंह भी बहुत उम्दा पॉलिशिंग करके गए थे.. जिसका कहीं जिक्र नहीं है.. खुद मनमोहन सिंह वाले नहीं बताते की कश्मीरी टाइल्स वालों को 6000 नौकरियां देने का ऐलान मनमोहन सिंह द्वारा किया गया था। कांग्रेस की सरकारों ने कश्मीरी टाइल्स के लिए बहुत कुछ किया है, डिटेल में बताएंगे तो विवेक अग्निहोत्री के रोतडू दर्शकों की आंखे भी ख़ुशी से फटकर बाहर निकल आएंगी.. लेकिन हम क्यों बताएं.. कांग्रेस का निठल्ला कार्यकर्ता बताए, इनकी आईटी सेल बताए.. माला साफ़ा के बोझ तले दबे इनके नेता बताए !! हम तो सिर्फ इतना बता सकते हैं कि कश्मीरी टाइल्स बहुत चमकदार है, दिक्क़त ये है कि इसपर जैसे ही कैमरा पड़ता है, ये तिड़क जाती है।
कश्मीरी टाइल्स वालों के लिए पेंशन है, आवास है, नौकरी है, शिक्षा है.. सुरक्षा है.. और अन्य टाइल्स वालों के लिए नाला है, नाली है, डंपिंग स्टेशन है, खुला आसमान है.. कड़ाके की ठंड है, भीषण गर्मी है, गोद मे बच्चों की लाशें हैं.. कोई बात नहीं, जो भी है शुक्र अल्हादुलिल्लाह की सदा के साथ मंजूर है…. लेकिन सबसे बड़ी दुख की बात उनके आँसू पोंछने वाला कोई नहीं है, न्याय की गारेंटी देने वाला कोई नहीं है… ज़्यादा से ज़्यादा उनके लिए लोहे की ताड़ियाँ है, ताने है, नफरत है, हिंसा है..और घृणित शोध करने वाले करोड़ो शोधकर्ता हैं।
~ Abbas Pathan