अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

कनाडा में पकड़ा गया खालिस्तानी आतंकी निज्जर का खास गैंगस्टर अर्श डाला?

Share

 कनाडा में गैंगस्टर अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डाला को गिरफ्तार किए जाने की खबर आग की तरह फैल गई है। डाला पर भारत में कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें हत्या, रंगदारी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना शामिल है। हालांकि कनाडाई पुलिस ने अभी तक आधिकारिक तौर पर गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है, भारतीय मीडिया सूत्रों का दावा है कि डाला को पिछले हफ्ते एक गोलीबारी की घटना के बाद गिरफ्तार किया गया था। यह खबर भारतीय जांच एजेंसियों और पंजाब पुलिस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जो डाला को लंबे समय से ढूंढ रहे थे। डल्ला 2018 में कनाडा भाग गया था और माना जाता है कि उसने खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के साथ संबंध बना लिए थे।

घटनाक्रम की शुरुआत पिछले हफ्ते हुई जब दो लोग गोली लगने की घटना के बाद इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे। हाल्टन क्षेत्रीय पुलिस सेवा (HRPS) ने हत्या के इरादे से गोली चलाने के आरोप में दोनों को गिरफ्तार कर लिया। HRPS ने उनकी पहचान उजागर नहीं की और कहा कि दोनों आरोपियों को जमानत की सुनवाई तक हिरासत में रखा गया था। हालांकि, सूत्रों का दावा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक अर्श डाला है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुसार, 27 वर्षीय अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डाला को 2023 में एक ‘आतंकवादी’ घोषित किया गया था। 2018 में कनाडा भागने से पहले डाला पंजाब के मोगा में एक छोटा गैंगस्टर था। कनाडा में वह खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर के संपर्क में आया और उसके साथ काम करने लगा। कनाडा के एक अखबार ‘द ग्लोब एंड मेल’ ने जून में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर के बारे में एक रिपोर्ट छापी थी। इस रिपोर्ट में अर्शदीप सिंह गिल नाम के एक व्यक्ति का ज़िक्र है, जिसे अखबार ने डाला के नाम से भी संबोधित किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, डाला सरे में प्लंबर का काम करता है और गुरु नानक दरबार गुरुद्वारे में अक्सर आता-जाता था। यह वही गुरुद्वारा है जहां निज्जर प्रमुख के रूप में कार्यरत था। अखबार ने बताया कि डल्ला अब एक आलीशान जिंदगी नहीं जी रहा है और उसके परिवार वालों के अनुसार, वो छिपा हुआ है। हालांकि, कभी-कभार वो भारतीय मीडिया को इंटरव्यू देने के लिए सामने आ जाता है और ज्यादातर दूसरे गुटों के साथ अपनी दुश्मनी के बारे में बात करता है।

  • जुलाई 2023 में दायर NIA के एक आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि डाला ने पंजाब में अपने संपर्कों का इस्तेमाल ‘आतंकवादी गिरोह’ बनाने के लिए किया था।
  • आरोप पत्र में कहा गया है, ‘उसने निज्जर के साथ मिलकर पंजाब में व्यापारियों और विशिष्ट समुदायों के नेताओं की जबरन वसूली और टारगेट किलिंग के जरिए धन जुटाया।’
  • गिरोह के सदस्यों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने वाली एजेंसी के सूत्रों ने डाला और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के बीच चल रहे संघर्ष का जिक्र किया। यह गैंगवॉर कथित तौर पर दिसंबर 2023 में बढ़ गई, क्योंकि कनाडा में कई भारतीय मूल के व्यापारियों ने जबरन वसूली के लिए कॉल और धमकियों की सूचना देना शुरू कर दिया।
  • NIA अदालत में दायर वायर-ट्रांसफर रिकॉर्ड और वाट्सऐप मैसेज से पता चलता है कि डाला ने अपनी पत्नी के साथ वेस्टर्न यूनियन और अन्य सेवाओं के माध्यम से उन लोगों को बड़ी रकम ट्रांसफर की, जो कथित तौर पर एक जबरन वसूली और हथियारों की तस्करी के नेटवर्क में शामिल थे।
  • पंजाब पुलिस ने भी अर्शदीप डल्ला के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने 2018 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को डाला सहित खालिस्तानी आतंकवादियों की एक सूची सौंपी थी।

पंजाब के मोगा के दल्ला गांव में जन्मे अर्श डाला पर हत्या और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं. कनाडा पुलिस की गिरफ्त में आया आतंकी अर्श डाला कई भारत विरोधी वारदातों में शामिल है. 2020 से भारत से फरार चल रहा डाला तभी से कनाडा में शरण लिए हुए था. अर्श डाला के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है. डाला देश के बाहर से भारत के खिलाफ अपना गैंग चला रहा है. वह खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) से जुड़ा हुआ है. जिसका मुखिया खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर था.

निज्जर की ओर से आतंकी मॉड्यूल चलाता है

अर्शदीप सिंह उर्फ ​​अर्श डाला का जन्म साल 1966 में पंजाब के डल्ला गांव में हुआ था. वह साल 2020 में भारत से भागकर कनाडा चला गया. जहां वह अपनी पत्नी और एक बेटी के साथ शरण ले रखा है. जबकि उसके माता-पिता पंजाब के डल्ला गांव में रहते हैं. सूत्रों के अनुसार, आतंकी डाला को कनाडा के ओंटारियो में फायरिंग की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. गोलीबारी की यह घटना पिछले महीने 24 अक्तूबर की है. वह प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) से जुड़ा हुआ है. वह पिछले साल जून में मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की ओर से आतंकी मॉड्यूल चलाता था.

Add comment

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें