नई दिल्ली
पीएम मोदी पर दिए बयान के चलते राहुल गांधी की सांसदी रद्द होने के बाद से मोदी सरनेम को लेकर दिए गए नेताओं के बयान चर्चा में हैं। इसी बीच बीजेपी नेता खुशबू सुंदर का एक पुराना ट्वीट वायरल हो रहा है। इसमें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई खुशबू ने मोदी सरनेम को भष्ट्राचार से जोड़ा है।
ट्वीट साल 2018 का है, जिसमें खुशबू ने लिखा है कि हर मोदी के आगे भष्ट्राचार सरनेम लगा हुआ है। मोदी मतलब भष्ट्राचार। चलिए मोदी का मतलब ही भष्ट्राचार कर देते हैं। ट्वीट वायरल होने के बाद खुशबू ने कहा कि मैं अपने किए पर शर्मिंदा नहीं हूं, तब मैं पार्टी के नेताओं और उसकी भाषा को फॉलो कर रही थी।
2020 में खुशबू ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन की थी
खुशबू सुंदर ने यह ट्वीट 2018 में किया था, जब वे कांग्रेस में थीं। उन्होंने लिखा था- यहां मोदी वहां मोदी, जहां देखो मोदी, लेकिन ये क्या? हर मोदी के आगे भष्ट्राचार सरनेम लगा है। मोदी मतलब भष्ट्राचार। चलिए मोदी का मतलब ही भष्ट्राचार कर देते हैं। ये ज्यादा बेहतर है। इसके साथ ही उन्होंने नीरव मोदी और ललित मोदी का उदाहरण भी दिया है। 2020 में खुशबू कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थीं।
खुशबू सुंदर ने यह ट्वीट तब किया था जब वे कांग्रेस में थीं।
यह ट्वीट सामने आने के बाद खुशबू सुंदर ने कहा कि इससे पता चलता है कि कांग्रेस मेरे पुराने ट्वीट को सामने लाने के लिए कितनी उतावली है। वो लोग जानबूझकर इस ट्वीट को सामने ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने जो ट्वीट किया था उसके लिए कतई शर्मिंदा नहीं हूं। तब मैं अपनी पार्टी के सीनियर नेताओं और पार्टी की भाषा को फॉलो कर रही थी।
कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी
बता दें कि गुरुवार को गुजरात की एक कोर्ट ने मोदी सरनेम को लेकर राहुल गांधी के बयान पर उन्हें दो साल की सजा सुनाई है, लेकिन 27 मिनट बाद जमानत दे दी। सजा के 26 घंटे बाद शुक्रवार को उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई। 23 घंटे बाद शनिवार को राहुल, प्रियंका के साथ कांग्रेस ऑफिस पहुंचे और 28 मिनट मीडिया से बातचीत की।
हिन्दुस्तान का लोकतंत्र खतरे में है… राहुल ने इसी लाइन के साथ अपनी बात की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने सवाल किया- अडाणी और मोदी का रिश्ता क्या है? उन्होंने केंब्रिज यूनिवर्सिटी में लोकतंत्र पर कही अपनी बात और सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है… वाले बयान पर सफाई भी दी। राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 16 बार मोदी जी, 9 बार प्रधानमंत्री और 38 बार अडाणी का नाम लिया। राहुल ने कहा कि मैं सावरकर नहीं गांधी हूं, माफी नहीं मांगूंगा।