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 *किसान संघर्ष समिति ने  किसान नेता डॉ आशीष मित्तल को दंगों के साथ जोड़ने की साजिश पर विरोध प्रकट किया

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डॉ सुनीलम

किसान संघर्ष समिति  के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने एआईकेएमएस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. आशीष मित्तल  द्वारा जारी बयान के अनुसार उन्हें फर्जी आरोपों में फंसाए जाने की निंदा करते हुए कहा कि 9 जून देर शाम नोटिस जारी कर प्रशासन द्वारा अगले दिन सुबह 10:00 बजे तक स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया था कि उन्हें ‘कानपुर दंगों के संबंध में उनके भड़काऊ बयान देने या धार्मिक घृणा फैलाने के लिए क्यों न बाध्य किया जाए’,  जबकि उनका  इन घटनाओं से कोई संबंध नहीं था, न ही उन्होंने इस घटना को लेकर कोई  बयान  जारी  किया था।

डॉ सुनीलम ने कहा कि उन्हें आशंका है कि  सीएए व एनआरसी विरोधी आंदोलन में शामिल  होने के कारण  सरकार साजिशन डॉ आशीष मित्तल एवम नेताओं को फंसाना चाहती है।

डॉ सुनीलम ने बताया कि डॉ आशीष मित्तल के बयान के अनुसार  अधिवक्ता मंच, इलाहाबाद और नागरिक समाज, इलाहाबाद ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम, 1857 के महान राष्ट्रीय नायक मौलवी लियाकत अली की स्मृति में, जिनके नेतृत्व में 7 से 17 जून, 1857 तक कंपनी राज को इलाहाबाद से उखाड़ फेंका गया था, 10 जून को मनाने का आह्वान किया था।  इस कार्यक्रम के भागीदार के रूप में, एआईकेएमएस ने लोगों से अपील की थी कि वे आरएसएस-भाजपा के सांप्रदायिक फासीवादी कार्यक्रम का विरोध करें, मस्जिदों और अन्य इमारतों से संबंधित विवाद पैदा करने के लिए कानूनी तंत्र का दुरुपयोग करने का विरोध करें और विदेशी कंपनियों को भारतीय संसाधनों और बाजारों मे निवेश और दोहन कराने के लिए आमंत्रित करने हेतु इस डायवर्जन को पैदा करने का विरोध करें। इस सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, खुदरा व्यापार, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और विपणन, भूमि अधिग्रहण और किसानों के विस्थापन में कॉर्पोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के नियंत्रण को बढाया है और उच्च मुद्रास्फीति और बेरोजगारी भी मुख्य रूप से इसके कारण हैं।

 डॉ सुनीलम ने दावा किया कि कार्यक्रम से नाराज होकर भाजपा सरकार ने  डॉ आशीष मित्तल को निशाना बनाते हुए दस लाख रूपये के बॉन्ड को निष्पादित करने को कहा । डॉ सुनीलम ने इसे उत्तरप्रदेश की योगी सरकार  की कानूनी तौर पर आतंकित करने वाली कार्यवाही बतलाया।

एडीजी प्रयागराज श्री प्रेम प्रकाश द्वारा  डा आशीष मित्तल सम्बन्धी दिए गए बयान पर डॉ मित्तल की टिप्पणी का भी प्रेसनोट में हवाला दिया है। बयान में कहा गया है कि

मैं, डॉ आशीष मित्तल ने, कुछ टीवी चैनलों को दिए गए एडीजी, प्रयागराज जोन श्री प्रेम प्रकाश का बयान सुना है जिसमें उन्होंने कहां है कि मैं कल, 10 जून, 2022 को प्रयागराज के अटाला क्षेत्र में पथराव की घटना से जुड़ा हुआ था ।

उनका यह आरोप पूरी तरह से मनगढ़ंत है व जानबूझकर बनाया गया है। मेरा व मेरे संगठन के किसी सदस्य  का इस घटना से कोई संबंध नहीं है और न हम में से किसी का वहां के किसी व्यक्ति से कोई संबंध है। मैं सरकार को चुनौती देता हूं कि वह हमारे किसी सदस्य की इस घटना में शामिल होने का सबूत दे। कल मेरा पूरा दिन एसीएम 2, इलाहाबाद की अदालती कार्यवाही में बीता। इस मामले में भी मेरा नाम कानपुर दंगों पर बयान देने से जोड़ने की कोशिश की जा रही है, जिससे मेरा कोई संबंध नहीं है, न ही मैंनें उस पर कोई बयान दिया है।

किसान संघर्ष समिति ने सभी किसान संगठनों और लोकतांत्रिक ताकतों का आह्वान किया है कि वे देशभक्त भारतीय किसानों और अन्य मेहनतकश लोगों की कीमत पर, लोगों की एकता को विभाजित करने, भारतीय लोगों की साझा धर्मनिरपेक्ष विरासत को नुकसान पहुंचाने और विदेशी शोषकों, बड़े कॉरपोरेट्स व बडे़ जमींदारों को बढ़ावा देने के लिए भाजपा सरकार द्वारा लगाए जा रहे ऐसे झूठे और मनगढ़ंत आरोपों व जन नेताओं पर निशाना साधने के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है ।

भागवत परिहार 

प्रवक्ता 

किसान संघर्ष समिति

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