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*किसान संघर्ष समिति ने लिया मोरझरी में मामा बालेश्वर दयाल की मूर्ति लगाने का निर्णय*

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*सिंचाई, पढ़ाई, नशाबंदी के मामाजी द्वारा शुरु किये गये अभियान को जन जन तक पहुंचाने का सकल्प*

*किसान संघर्ष समिति का 28 वाँ स्थापना दिवस झाबुआ में सम्पन्न**

  किसान संघर्ष समिति का 28वां स्थापना दिवस कार्यक्रम समाजवादी चिंतक क्रांतिकुमार वैद्य की अध्यक्षता में मोरझरी, जिला झाबुआ में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के दौरान मोरझरी गांव में पीने के पानी हेतु हैंड पंप लगवाने, क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था के लिए कोकिन्दा जलाशय के निर्माण कराने, लाड़ली बहना योजना में पात्र महिलाओं के नाम जुड़वाने हेतु संघर्ष करने का निर्णय लिया गया ।

  इस अवसर पर बोलते हुए किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने कहा कि मामा जी के विचारों, सिद्धांतों एवं कार्यक्रमों पर यदि सरकारें चलती तो  भीलांचल का नक्शा अलग होता। वास्तविक तौर पर भील, आदिवासियों, किसानों और मजदूरों की प्रगति हो सकती थी। मामा जी का सपना किसानों मजदूरों का समाजवादी राज स्थापित करना था। उसके सपनों को साकार करना हमारी सब की जिम्मेदारी है।

  उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष समिति का उद्देश्य संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों को समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और संपूर्ण कर्जा मुक्ति के साथ-साथ हर किसान परिवार को प्रति माह ₹10000 की पेंशन दिलाना है। 

  डॉ सुनीलम ने कहा कि  केंद्र सरकार द्वारा पिछले दरवाजे से लायी गई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को किसान आंदोलन  करके रद्द कराएंगे ।

  उन्होंने कहा कि 30 दिन से अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह  डल्लेवाल को कुछ होता है तो उसकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होगी।

  स्थापना दिवस कार्यक्रम के बाद किसान संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने बामनिया स्थित मामा जी की समाधि पर पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान रामस्वरूप मंत्री द्वारा तैयार की गई पुस्तिका ‘भीलांचल के गांधी मामा बालेश्वर दयाल’ का लोकार्पण किया गया।

  कार्यक्रम के अध्यक्ष क्रांति कुमार वैद्य ने कहा कि मामा जी और मेरे पिता श्री कन्हैयालाल वैद्य जी ने रियासतों के राजाओं-अंग्रेजों का मुकाबला जनशक्ति के माध्यम से किया।

   उन्होंने कहा कि मामा जी की फक्कड़ जीवन शैली और प्रतिबद्धता को अपनाकर ही सामाजिक परिवर्तन किया जा सकता है।

   कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विकास बृजवासी ने कहा कि झाबुआ के किसानों ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ऐसी स्थिति पैदा कर दी  जिसके दबाव में झाबुआ का राजा इंदौर से झाबुआ रियासत में घूस नहीं सकता था।

   प्रदेश सचिव राजेश बैरागी ने कहा कि किसान संघर्ष समिति ने किसानों की कर्जा मुक्ति के मुद्दे, बिजली बिल माफी, लिफ्ट इरीगेशन, सिलिकोसिस से मरने पर मुआवजा दिलाने जैसी तमाम उपलब्धियां हासिल की है।

    कार्यक्रम के दौरान प्रदेश सचिव राजेश बैरागी की अनुशंसा पर इंदौर मालवा क्षेत्र संयोजक रामस्वरूप मंत्री द्वारा किसान संघर्ष समिति की तहसील ईकाई का गठन किया गया। जिसमें विनोद भटेरा, झाबुआ जिला महामंत्री,  बहादुर सिंह सिंघाड़ ग्राम परवलिया जिला सचिव, भौरसिंग भटेरा ग्राम हरीनगर को तहसील अध्यक्ष, बहादूर मुनिया ग्राम नाहरपुरा छोटा मेघनगर को तहसील अध्यक्ष,  गणपत पाटीदार ग्राम अगरान तहसील उपाध्यक्ष, मल्लू डामोर मोरझरी ग्राम अध्यक्ष, बदहींग डामोर मोरझरी ग्राम उपाध्यक्ष, श्रीमती काली डामोर थांदला महासचिव नियुक्त किया गया।

स्थापना दिवस कार्यक्रम में देवास से प्रदेश सचिव लीलाधर चौधरी, महू से दिनेश कुशवाह, देवास से जिलाध्यक्ष इंद्रसेन निमोनकर, नागदा में  कमलेश परमार एवं प्रकाश आदि शामिल हुए।  

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