आर_पी_विशाल
आपकी प्यारी संसद में किस-किस पार्टी के कितने पमाननीय सांसद करोड़पति और किस-किस पार्टी कितने ईमानदार सासंद अपराधी बैठे हैं आपको जरूर जानना चाहिये। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक वर्तमान लोकसभा में कुल 475 सांसद करोड़पति हैं। साल 2014 में करोड़पति सांसदों की संख्या 443 थी, जबकि 2009 में यह आंकड़ा 315 था।
दरअसल एडीआर ने 539 नए सांसदों के हलफनामे में बताई गई संपत्ति और कर्ज का विश्लेषण करने के बाद ‘करोड़पति’ सांसदों की सूची जारी की थी। इस सूचि से पता चला कि इस समय भाजपा के 265 सांसद करोड़पति हैं। वहीं कांग्रेस के 43 सांसद करोड़पति हैं। रिपोर्ट के अनुसार, शिवसेना के सभी 18 सांसद करोड़पति हैं यानी उनकी संपत्ति एक करोड़ से ज्यादा है। द्रमुक के 23 में से 22 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 22 में से 20 सांसद और वाइएसआर कांग्रेस के 22 में से 19 सांसद करोड़पति हैं।
लोकसभा चुनाव 2019 में देश की जनता ने 542 सांसदों को चुनकर दिल्ली भेज दिया था। इनमें से सबसे अधिक 353 सांसद एनडीए के हैं। भाजपा ने अकेले ही 303 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। लेकिन अफसोसजनक बात ये है कि ईमानदारी के नाम पर बड़े पैमाने पर दागी नेता संसद पहुंचे थे। साफ सुथरी राजनीति की बात करने वाली देश की राजनीतिक पार्टियों ने जमकर दागी नेताओं को टिकट बांटे थे, लेकिन इस बार भी संसद भवन में खूब दागी नेता जीतकर पहुंचे हैं।
जनता द्वारा चुने गए सांसदों में से कुल 392 सांसदों ने ग्रेजुएशन या उससे आगे की पढ़ाई की है। जबकि 128 सांसद स्कूलींग की हैं। एक सांसद ने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा है। इसबार 77 महिलाएं सांसद बनकर लोकसभा पहुंची हैं। आजाद भारत के बाद सबसे शिक्षित मंत्रिमंडल नेहरू का प्रथम मंत्रिमंडल था जबकि उसके बाद इसपर लगातार गिरावट आती गई।
लोकसभा में 542 सासंदों में से 179 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जो कुल संख्या का 33 फीसदी है. वहीं, 114 के खिलाफ तो संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. ठीक उसी तरह राज्यसभा के 228 सासंदों में से 51 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, 20 के खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. इस तरह से दोनों सदन के सासंदों को मिला कर देखें तो 770 सासंदों में से 230 दागी हैं।
बीजेपी के 339 सांसदों में से 107 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिनमें से 64 के खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, कांग्रेस के 97 सांसदों में से 15 के खिलाफ आपराधिक मामले और 8 के खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. कांग्रेस और बीजेपी के सासंदों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की तुलना करें तो बीजेपी के जहां 32 फीसदी सांसद दागी हैं, वहीं कांग्रेस के 15 फीसदी. शिवसेना के 21 सासंदों में से 18 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. हत्या, बलात्कार जैसे संगीन मामले 10 के खिलाफ हैं. अगर फीसदी में बात की जाए तो शिवसेना के 86 फीसदी सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
रिपोर्ट के मुताबित अगर राजनीतिक पार्टियों के विधायकों के खिलाफ भी अगर आपराधिक मामलों की पड़ताल करते हैं तो पाएंगे कि बीजेपी इस मामले में कांग्रेस से अव्वल है. बीजेपी के 1451 विधायकों में 31 फीसदी विधायकों के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, 20 फीसदी विधायकों के खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, कांग्रेस की बात करें तो 773 विधायकों में 26 फीसदी विधायक के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, वहीं 17 फीसदी कांग्रेस विधायकों के खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं.
महिलाओं के खिलाफ अपराध: महिलाओं के खिलाफ अपराध में राज्यवार सासंदों और विधायकों की बात करें तो इसमें महाराष्ट्र का नाम सबसे ऊपर आता है. महाराष्ट्र के 12 सासंदों/ विधायकों के ऊपर महिलाओं से संबंधित अपराध के मामले दर्ज हैं. वहीं, बिहार से महज 2 सासंदों/ विधायकों के ऊपर मामले दर्ज हैं. अगर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले पार्टीवाइज देखें तो इसमें भी बीजेपी आगे है. बीजेपी के करीब 12 सासंदों/ विधायकों के खिलाफ महिलाओं से संबंधित मामले में आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं कांग्रेस के 4 सासंदों/ विधायकों का नाम इसमें शामिल है।
हेट स्पीच को लेकर मामले: हेट स्पीच यानी भड़काऊ भाषण के आंकडों पर भी गौर करें तो इसमें बीजेपी शीर्ष पर काबिज है. बीजेपी के 27 सांसदों/विधायकों के खिलाफ भड़काऊ भाषण को लेकर मामले दर्ज हैं. वहीं, कांग्रेस के 2 सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज है. भड़काऊ भाषण अधिकतर मामले उत्तर प्रदेश से हैं. यूपी के 15 सांसद/विधायकों के खिलाफ भड़काऊ भाषण का केस चल रहा है. इस मामले में तेलंगाना दूसरे स्थान पर है. यहां 13 नेताओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण का मामला दर्ज है।
अपहरण के मामले: इस मामले में भी बीजेपी के सांसदों/ विधायकों के खिलाफ दर्ज मामले ही आगे हैं. सबसे ज्यादा बीजेपी के सांसद-विधायकों पर अपहरण से संबंधित मामले दर्ज हैं, वहीं कांग्रेस के 6 सासंदों-विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज हैं. अगर राज्यवार तरीके से देखें तो इस मामले में बिहार अव्वल है. बिहार के 12 सांसदों व विधायकों पर अपहरण के मामले दर्ज हैं. उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र दूसरे नंबर है।
मर्डर के मामले दर्ज: बीजेपी के 19 सासंदों/विधायकों के खिलाफ मर्डर के मामले दर्ज हैं. वहीं, कांग्रेस के 6 सांसदों/ विधायकों के खिलाफ मर्डर के मामले दर्ज हैं. मर्डर के मामलों में उत्तर प्रदेश टॉप पर है. उत्तर प्रदेश में 15 मामले दर्ज हैं। अब आप समझो कि माननीय जी की स्थिति क्या है और ईमानदारी की बात के नाम पर हमने क्या वास्तविक परिणाम दिये? यह ख्याल रखें कि उपरोक्त तमाम आंकड़े सरकार के पास भी उपलब्ध है। यह किसी के निजी आंकड़े नहीं है बल्कि सांसदों के अपने हलफनामे और एडीआर के आंकड़े हैं।